Jupiter combust in Gemini: मिथुन राशि में अस्त हो गए देवगुरु बृहस्पति, इन राशि के लोगों को मिलेगा फायदा
Jupiter combust in Gemini ज्योतिष के अनुसार गुरु 9 जून 2025 को मिथुन राशि में अस्त हो गए हैं जिससे कुछ राशियों को लाभ होगा। गुरु को ज्ञान धर्म और समृद्धि का कारक माना जाता है। मेष राशि के जातकों के भाई-बंधुओं से संबंध सुधरेंगे। इसी तरह से चार अन्य राशियों के जातकों को फायदा मिलेगा।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। देवगुरु बृहस्पति 9 जून 2025 को मिथुन राशि में अस्त हो गए हैं। ऐसा होने पर उनकी ऊर्जा में कमी आ जाएगी। ज्योतिष में गुरु को सबसे ज्यादा लाभकारी ग्रह माना जाता है। वह ज्ञान, विस्तार, धर्म और समृद्धि का प्रतिनिधित्व करते हैं। हालांकि, अस्त होकर वह कुछ राशियों को लाभ देंगे।
बुध के स्वामित्व वाली राशि मिथुन राशि वायु तत्व की द्विस्वभाव वाली और बौद्धिक राशि है। यह राशि संचार, सीखने और अनुकूलनशीलता से जुड़ी है। बृहस्पति ने 14 मई 2025 को मिथुन राशि में प्रवेश किया था। अब इसी राशि में वह 10 जुलाई को फिर से उदित होंगे और तब धन-लक्ष्मी योग बनाएंगे।
मगर, इससे पहले वह कुछ राशियों के लिए अच्छा समय लेकर आ रहे हैं। आइए जानते हैं किन राशि के जातकों को मिलेगा इसका फायदा और क्या होगा लाभ।
इन राशि वालों को होगा फायदा
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मेष राशि- आपके लिए बृहस्पति 9वें और 12वें भाव के स्वामी होते हैं। मिथुन राशि में गुरु का अस्त आपके तीसरे भाव में होगा, जहां वह समान्यतौर पर अच्छे नतीजे नहीं देते हैं। ऐसे में गुरु के अस्त होने से निगेटिविटी में कमी आएगी। पड़ोसियों और भाई बंधुओं के साथ संबंधों में सुधार होगा।
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कर्क राशि- आपके लिए बृहस्पति छठे तथा 9वें के स्वामी होते हैं। गुरु का मिथुन राशि में अस्त 12वें भाव में होगा। ऐसे में आपके बढ़े हुए खर्च अब सीमित होंगे। काम और व्यापार में हो रहा घाटा कम होगा। स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं कम होंगी।
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कन्या राशि- आपके लिए गुरु चौथे तथा सातवें भाव के स्वामी होते हैं। बृहस्पति मिथुन राशि में आपके 10वें भाव में अस्त हो रहे हैं। ऐसे में आपके मान-सम्मान में आ रही कमी खत्म होगी। नौकरी पेशा में पिछले कुछ दिनों से आ रही रुकावटें अब दूर होंगी।
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वृश्चिक राशि- आपके लिए गुरु दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं। मिथुन राशि में गुरु का अस्त आपके आठवें भाव में होगा। इससे नकारात्मकता में कमी आएगी। स्वास्थ्य ठीक रहेगा। काम में आ रही रुकावटें दूर होंगी। अटका हुआ धन भी वापस मिल सकता है। संतान के साथ संबंध अच्छा होगा।
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मकर राशि- आपके लिए गुरु तीसरे भाव और 12वें भाव के स्वामी होते हैं। वह छठे भाव में अस्त हो रहे हैं, जो रोग, ऋण और शत्रु का घर माना जाता है। लिहाजा, इन तीनों ही क्षेत्रों में आपको फायदा मिलेगा। विवाद खत्म होंगे और बीमारी भी दूर रहेगी।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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