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    Bihar Chunav: ढह गया कम्युनिस्टों का गढ़, NDA ने बेगूसराय में पांच सीटों पर लहराया परचम

    By Rupesh Kumar Edited By: Vyas Chandra
    Updated: Fri, 14 Nov 2025 07:35 PM (IST)

    बेगूसराय, जो कभी कम्युनिस्टों का गढ़ था, अब एनडीए का गढ़ बन गया है। हाल के चुनावों में एनडीए ने जिले की पांच विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की है, जिससे कम्युनिस्ट पार्टियों का प्रभाव कम हो गया है। एनडीए की इस शानदार जीत ने राजनीतिक समीकरण को बदल दिया है, जो कम्युनिस्ट पार्टियों के लिए एक बड़ा झटका है।

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    बेगूसराय से निर्वाचित प्रत्‍याशी। जागरण

    जागरण संवाददाता, बेगूसराय। Bihar Elections Result Updates: इस बार बेगूसराय में राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदला दिखा।

    एनडीए ने पांच सीटों पर कब्जा जमाकर नया रिकार्ड बनाया है, जबकि महागठबंधन दो सीटों पर सिमटकर रह गया है। 2010 में महागठबंधन को चार व राजग को तीन सीट मिली थी।

    तेघड़ा और बखरी जैसी सीटें, जो लंबे समय से कम्युनिस्ट दलों का गढ़ मानी जाती थीं, इस बार सत्ता परिवर्तन की गवाह बनीं। PM नरेंद्र मोदी और CM नीतीश कुमार के संयुक्त प्रभाव ने महागठबंधन के पारंपरिक वोट बैंक में सेंध लगा दी।

    तेघड़ा सीट पर भाजपा ने 2010 के बाद एक बार फिर 2025 में कमाल किया है। भाजपा के पूर्व एमएलसी रजनीश कुमार ने निवर्तमान विधायक रामरतन सिंह को हराते हुए दूसरी बार भगवा लहरा दिया। 

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    उधर, बखरी में भी कम्युनिस्टों का किला ढह गया। लोजपा-आर के संजय कुमार ने भाकपा के मौजूदा विधायक सूर्यकांत पासवान को मात देकर इतिहास रच दिया। 

    मटिहानी विधानसभा से राजद प्रत्याशी नरेंद्र कुमार उर्फ बोगो सिंह ने निवर्तमान विधायक जदयू प्रत्याशी राजकुमार सिंह को हरा दिया है। बोगो सिंह पांचवीं बार विधायक बने हैं।

    बछवाड़ा विधानसभा में महागठबंधन के दो उम्मीदवार कांग्रेस के शिव प्रकाश गरीब दास और भाकपा के अवधेश राय के बीच दोस्ताना मुकाबले का नुकसान विपक्ष को उठाना पड़ा।

    मुकाबले का सीधा लाभ भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्र मेहता को मिला, जिन्होंने कांग्रेस के शिव प्रकाश गरीब दास को हराकर जीत दर्ज की।

    बेगूसराय सीट पर भाजपा विधायक कुंदन कुमार ने लगातार दूसरी बार कांग्रेस उम्मीदवार अमिता भूषण को पछाड़ा।
    साहेबपुर कमाल विधानसभा में राजद ने अपनी पकड़ कायम रखी।

    यहां सतानंद संबुद्ध ने लोजपा-आर के सुरेंद्र विवेक को हराकर लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की। सतानंद संबुद्ध राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं उनके पिता श्रीनारायण यादव इस सीट से आठ बार विधायक रह चुके हैं।

    चेरिया बरियारपुर से मुकाबला अभी रोमांचक बना रहा, अंतिम समय में जदयू ने यह सीट राजद से छीन लिया है। पिछली बार 2020 में यहां पर राजद का कब्जा था।

    यहां पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के पुत्र अभिषेक वर्मा पहली बार चुनाव मैदान में उतरे थे, जबकि राजद ने पूर्व मुख्यमंत्री सतीश कुमार के पुत्र सुशील कुमार पर दांव लगाया था।