इधर सम्राट चौधरी से मिला ABVP का प्रतिनिधिमंडल, उधर तिलकमांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में एक्शन शुरू
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के एक प्रतिनिधिमंडल ने सम्राट चौधरी से मुलाकात की। वहीं, दूसरी ओर तिलक मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में भी कार्रवाई ...और पढ़ें

तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, भागलपुर। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के प्रतिनिधिमंडल के गृह मंत्री सम्राट चौधरी से मिलने के दूसरे दिन ही जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन एक्शन मोड में आ गया।
सोमवार को एसडीओ विकास कुमार व सिटी डीएसपी अजय कुमार चौधरी तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (TMBU) के छात्रावास पहुंचे और माइकिंग कर अवैध रूप से रह रहे छात्रों को 24 घंटे में छात्रावास खाली करने को कहा।
एसडीओ ने कहा कि इस कार्य में व्यवधान डालने वालों को चिह्नित कर कार्रवाई की जाएगी। दरअसल, एबीवीपी प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को गृह मंत्री से मिलकर विश्वविद्यालय की गतिविधियों से अवगत कराया था।
इससे पूर्व सुबह में सिंडिकेट हॉल में डीएसडब्ल्यू डॉ. अर्चना कुमारी साह ने प्राक्टर डॉ. शंभूदत्त झा व विभिन्न छात्रावास के अधीक्षकों के साथ बैठक की। इसके बाद विश्वविद्यालय थाना की पुलिस समेत इंजीनियरिंग शाखा के अभियंताओं पीजी बायज छात्रावास पहुंचे।
इन लोगों ने भी माइकिंग कराकर अवैध रूप से रह रहे छात्रों को 24 घंटे के भीतर छात्रावास खाली करने के लिए कहा। डीएसडब्ल्यू ने कहा कि निर्धारित समय सीमा पर छात्रावास खाली नहीं करने पर बुधवार से पुलिस प्रशासन के सहयोग से कार्रवाई शुरू की जाएगी। किसी भी सूरत में छात्रावासों में अवैध छात्र नहीं रहेंगे।
इन छात्रावास में अवैध रूप से रह रहे छात्र
डॉ. अर्चना साह ने कहा कि सभी पुरुष छात्रावास में अवैध रूप से छात्र रह रहे हैं। डॉ. राजेन्द्र प्रसाद छात्रावास, सरदार पटेल छात्रावास, स्वामी विवेकानंद छात्रावास, लोकनायक छात्रावास व आर्यभट् शोध छात्रावास में अवैध रूप से रह रहे छात्रों को चेतावनी दी गई है।
निर्धारित समय सीमा में हास्टल खाली नहीं करने पर संबंधित छात्रों के खिलाफ विश्वविद्यालय प्रशासन विधिसम्मत अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगा। जिसकी जिम्मेदारी स्वयं छात्रों की होगी।
छह माह तक सोता रहा प्रशासन, मारपीट के बाद ही कार्रवाई की थी मांग
करीब छह माह पहले अभाविप व राजद के कार्यकर्ताओं के बीच आपस में मारपीट हो गई थी। कई छात्रों को चोटें लगी थीं। प्राक्टर को छात्रों ने घेर लिया था। किसी तरह उनकी जान बची थी। सुरक्षा में कमी को लेकर सामंत सुरक्षा एजेंसी के गार्ड पर सवाल भी उठे थे। उसके बाद एजेंसी के कई गार्ड को विश्वविद्यालय ने हटा दिया गया।
इसी दौरान यह जानकारी सामने आई कि मारपीट में शामिल कई छात्र अवैध रूप से छात्रावास में रह रहे हैं। इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने अवैध रूप से रहने वाले छात्रों की सूची भी तैयार की।
इसके बाद टीएमबीयू प्रशासन ने डीएम से हास्टल में छात्रों को हटाने के लिए दंडाधिकारी तैनात करने की मांग की थी। इस घटना में विश्वविद्यालय के सामान को काफी क्षति पहुंचाई गई थी।
छात्रावास में अवैध रूप से रह रहे छात्रों की सूची सार्वजनिक करे विश्वविद्यालय
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के प्रतिनिधिमंडल ने उपमुख्यमंत्री सह गृह मंत्री सम्राट चौधरी के समक्ष छात्रावासों की अव्यवस्था और अवैध कब्जे का विस्तृत विवरण उनके सामने रखा था। प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि विश्वविद्यालय के कई हास्टलों में वर्षों से अवैध रूप से छात्र और बाहरी लोग रह रहे हैं।
असली और जरूरतमंद छात्रों को आवासन नहीं मिल पा रहा है। इसके बाद गृह मंत्री ने जिला प्रशासन को अविलंब कार्रवाई करने का निर्देश दिया। वहीं एबीवीपी ने विश्वविद्यालय प्रशासन से सभी हास्टलों में अवैध रूप से रह रहे छात्रों की सूची तत्काल सार्वजनिक करने की मांग की।
मेंटेनेंस का हवाला दे पीजी-1 हास्टल में तीन वर्षों से नहीं दिया जा रहा प्रवेश
इसके साथ ही संगठन ने यह भी आरोप लगाया कि पीजी-1 हास्टल में मेंटेनेंस का हवाला देकर पिछले तीन वर्षों से नए छात्रों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। जबकि हास्टल का उपयोग अन्य लोग कर रहे हैं। परिषद ने कहा कि यदि हास्टल वास्तव में मेंटेनेंस की स्थिति में है, तो उसे औपचारिक रूप से बंद घोषित कर ताला लगाया जाना चाहिए।
यह भी आरोप लगाया कि सरकार को छात्रावासों से संबंधित आवश्यक सूची उपलब्ध नहीं कराना इस बात का संकेत है कि अवैध रूप से रह रहे लोगों को संरक्षण दिया जा रहा है। यह स्थिति अत्यंत चिंताजनक है। एबीवीपी ने चेतावनी दी कि यदि समय रहते विश्वविद्यालय एवं जिला प्रशासन द्वारा ठोस कार्रवाई नहीं की जाएगी तो संगठन उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा।

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