प्रखंड पर्यटन दर्शनीय बिहार : द्वापरकालीन मंदिर में मां विभुक्षा काली, आस्था और भक्ति का बहुत बड़ा केंद्र बेला
Bihar Tourism Tourist Places बिहार के गया जिले में स्थित बेलागंज विसभुक्षा काली मंदिर आस्था और भक्ति का प्रमुख केंद्र है। द्वापर काल में स्थापित माता काली का यह मंदिर श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है। नवरात्र और दीपावली में यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। मंदिर के गर्भगृह में स्थित मां काली की प्रतिमा अत्यंत मनमोहक है।
राकेश कुमार, बेलागंज (गया)। यहां श्रद्धालु आते हैं। माता के दर्शन करते हैं और प्रसन्न मन से वापस लौटते हैं। आस्था और भक्ति का बहुत बड़ा केंद्र है बेला वाली मां काली का दरबार। पटना-गया राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवस्थित मंदिर विभुक्षा काली के रूप में प्रसिद्ध है।
नवरात्र में माता के दर्शन को भीड़ लगती है तो दीपावली पर भी भक्तों की लंबी कतार। यहां के पुजारी रवि पांडेय बताते हैं कि इस मंदिर के द्वापरकालीन होने की मान्यता है।
मंदिर का इतिहास
मंदिर के इतिहास के बारे में यह बताया जाता है कि यहां मां काली का प्रतिष्ठापन द्वापर काल में असुर राजा वाणासुर की पुत्री ने किया था।वर्णित कथा के अनुसार खोदाई के दौरान मां का उद्भव हुआ था और वाणासुर की बेटी उषा ने उन्हें इस स्थान पर स्थापित किया। यहां अति प्रचाीन काल से ही माता की पूजा की जा रही है।यह कहा जाता है कि मां का पेट नहीं होने के कारण उन्हें मां विभुक्षा काली के नाम से भी जानते हैं। जहां आस्था है, वहां भक्ति। सो, यहां दूसरी जगहों से भी भक्त पूजन के लिए आते हैं।
वैसे तो सालों भर मां के दरबार में लोग पूजा-अर्चना करने पहुंचते है, लेकिन नवरात्र में श्रद्धालुओं उमड़ पड़ते हैं। उनकी सुविधा के लिए मंदिर कमेटी एवं स्थानीय प्रशासन मुस्तैद रहता है।नवरात्र में अष्टमी की रात सात्विक बलि दी जाती है एवं महानिशा पूजा का आयोजन होता है। दीपावली के समय काली पूजा के लिए श्रद्धालु बड़ी संख्या में यहां आते हैं। यह एक धार्मिक पर्यटन स्थल बन चुका है।
बेलागंज में काली मंदिर के गर्भगृह में स्थित मां काली की प्रतिमा।
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