Pitru Paksha 2024: अपने पितरों के मोक्ष के लिए गयाजी आए विदेशी पिंडदानी, साड़ी और धोती पहनकर किया कर्मकांड
Bihar News IN Hindi गया में पितृपक्ष मेले के दौरान विदेशी पिंडदानियों का जत्था पहुंचा है। नौ देशों से आए ये पिंडदानी अपने पितरों के मोक्ष के लिए पिंडदान कर रहे हैं। सोमवार को विदेशी पिंडदानियों ने देवघाट पर निमित्त कर्मकांड किया। इन पिंडदानियों में कजाकिस्तान रूस यूक्रेन नाईजिरिया दक्षिण अफ्रीका लोड विस्वोट पोलैंड और घाना देश के लोग शामिल हैं।
जागरण संवाददाता, गया। गयाजी में पितृपक्ष चल रहा है। पितृपक्ष में देश-विदेश से पिंडदानी आते हैं और पितरों के मोक्ष के लिए पिंडदान करते हैं। एक बार फिर से गयाजी में सात समुंदर पार से विदेशियों का जत्था शनिवार की शाम पहुंचा था।
गयाजी में पिंडदान के लिए नौ देशों से दस लोग पहुंचे हैं। इसमें पुरुष और महिला दोनों पिंडदानी शामिल हैं। सोमवार को विदेशी पिंडदानियों ने अपने पितरों के मोक्ष की कामना को लेकर देवघाट पर निमित्त कर्मकांड किया।
उक्त पिंडदानी कजाकिस्तान, रूस, यूक्रेन, नाईजिरिया, दक्षिण अफ्रीका, लोड विस्वोट, पोलैंड और घाना देश से आए हैं। पिंडदानी में अनाकाफी, देव ऋषि दास, लिविया लोसमा, विष्णु दास, युलिया, बिठाली, बासेली, स्वेतलाना, येकतरिना, कातियाना और देवपूरेश्वर दास हैं।
हर साल विदेश से आते हैं पिंडदानी
सभी ने पिंडदान के बाद फल्गु के पवित्र जल से तर्पण किया। इतना ही नहीं, सभी पिंडदानी इस्कान संस्था से भी जुड़े हैं। विदेशी पिंडदानी साड़ी और धोती पहनकर कर्मकांड कर रहे थे।बता दें कि तकरीबन हर साल पितृपक्ष मेले की अवधि के बीच सात समुंदर पार से विदेशियों का जत्था गयाजी पहुंचता है और पिंडदान का कर्मकांड करता है।इस संबंध में विदेश में इस्कान मंदिर से जुड़े स्वामी लोकनाथ गौड़ ने बताया कि नौ देश से पिंडदानी कर्मकांड कर रहे हैं। जहां सोमवार को फल्गु तट और विष्णुपद में कर्मकांड किया। वहीं, मंगलवार को प्रेतशिला, रामशिला एवं दो अक्टूबर को अक्षयवट वेदी पर कर्मकांड कर अपने देश लौट जाएंगे।
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