Bihar Election: बिहार में मौसम की मार, जमुई में दिग्गज नेताओं की एंट्री का इंतजार!
जमुई जिले में चुनाव का माहौल है, लेकिन अभी तक दिग्गज नेता नहीं आए हैं। नामांकन के बाद भी चुनावी सरगर्मी कम है। 11 नवंबर को मतदान होना है और प्रचार के लिए सिर्फ सात दिन बचे हैं। चक्रवात के कारण नेताओं का कार्यक्रम रद्द हो गया है। अब देखना है कि कौन दल अपने स्टार प्रचारकों को उतारकर जनता को प्रभावित करता है।
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (फाइल फोटो)
संवाद सहयोगी, जमुई। जिले की चार विधानसभा सीटों पर चुनाव का माहौल बन चुका है, लेकिन अभी तक यहां की धरती पर दिग्गज नेताओं की एंट्री नहीं हो पाई है।
प्रत्याशी की घोषणा और नामांकन के बाद उम्मीद की जा रही थी कि जिले में चुनावी सरगर्मी तेज होगी, लेकिन अब तक राजनीतिक माहौल में वैसी सरगर्मी नहीं दिख रही है, जैसे चुनाव के आखिरी दौर में देखने को मिलती है।
जमुई के चार विधानसभा सीटों पर दूसरे चरण में 11 नवंबर को मतदान होना है। प्रचार के लिए अब महज सात दिन का समय शेष रह गया है।
इस बीच पिछले तीन दिनों से मोंथा चक्रवात का असर चुनाव प्रचार अभियान पर भी पड़ा है। खराब मौसम के कारण बड़े नेताओं की एंट्री नहीं हो पा रही है। न तो सत्ताधारी दल के कोई बड़े नेता और न ही विपक्ष की कोई बड़े नेताओं का आगमन हो पाया है।
बीते 31 अक्टूबर को खैरा के गरही में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी का कार्यक्रम भी खराब मौसम के कारण रद कर दिया गया। चुनाव प्रचार के लिए अब महज एक सप्ताह का समय शेष बच गया है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में दिग्गज नेताओं की रैली और सभाएं होगी।
बताया जा रहा है कि एनडीए और महागठबंधन दोनों ओर से शीर्ष नेताओं का कार्यक्रम प्रस्तावित है, लेकिन अंतिम रूप नहीं दिया गया है। इधर, मौसम ने भी चुनाव प्रचार में खलल पैदा किया है। पिछले तीन दिनों से मौसम दगाबाज बना है। बारिश के कारण प्रत्याशियों को प्रचार करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बहरहाल, अब सब की निगाहें इस बात पर टिकी है कि आखिरी सप्ताह दिन में कौन सा दल अपने स्टार प्रचारकों को जिले में उतार पाता है और जनता के बीच कितना पर प्रभाव बना पाता है।

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