बिहार में शराबबंदी के बावजूद जहरीली शराब से मौतों का सिलसिला जारी है। इस पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला है। तेजस्वी ने कहा कि मुख्यमंत्री को पीड़ितों के लिए संवेदना तक व्यक्त करने की फुर्सत नहीं है। उन्होंने कहा कि बिहार में शराब माफिया और अधिकारियों के संरक्षण में चल रही है। सरकार पूरी तरह से विफल है।
संवाद सहयोगी, जमुई। बिहार में जो शराबबंदी है केवल कागजों पर है। जहरीली शराब से करीब 30 लोगों की मृत्यु हुई है। कई लोगों ने अपनी आंखों की रौशनी खोई है। दर्जनों लोग जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। इतनी बड़ी घटना हुई है और मुख्यमंत्री ने पीड़ितों के लिए अबतक कोई संवेदना प्रकट नहीं की है और लगातार यह घटनाएं हो रही है। उक्त बातें गुरुवार की दोपहर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने स्थानीय परिसद भवन में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान कही। वे कार्यकर्ता दर्शन सह संवाद कार्यक्रम में जमुई पहुंचे थे।
उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी है, लेकिन हर जगह शराब उपलब्ध है। सत्ता में बैठे लोग माफिया, अधिकारी यह सब कंट्रोल कर रहे हैं। बिहार में जिस प्रकार ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं सरकार पूरी तरह फेल है और सत्ता संरक्षण अपराध यहां किया जा रहा है। लोग मरे नहीं हैं, बल्कि हम कह सकते हैं कि उनकी हत्या की गई है। सत्ता में बैठे लोगों को जवाब देना चाहिए कि यह किस प्रकार की शराबबंदी है।तेजस्वी यादव ने कहा कि गरीब मारे जाते हैं गरीबों पर मुकदमा होता है, लेकिन जो बड़े शराब के सप्लायर हैं उन लोगों को छुआ तक नहीं जाता है। कई जगहों पर तो जनता दल यूनाइटेड के कार्यकर्ता पकड़े गए हैं। बड़ी दुख की बात है कि सरकार को अफसोस तक नहीं आता है। शराब कितनी आसानी से उपलब्ध हो जाती है यह सभी लोगों को पता है, लेकिन क्या पुलिस को इसकी जानकारी नहीं है?
तेजस्वी यादव ने नीतीश पर खुलकर हमला बोला। उन्होंने कहा, हमारे बिहार के मुख्यमंत्री किसी भी गंभीर मामले पर कुछ नहीं बोलते हैं। उम्मीद करते हैं कि मुख्यमंत्री जी कुछ बोलें या न बोलें, कार्रवाई करें या न करें, लेकिन संवेदना तो व्यक्त कर सकते हैं। कानून तो बड़ा लंबा-चौड़ा बनाया गया है, लेकिन उसका पालन हो रहा है या नहीं हो रहा है यह किसकी जिम्मेदारी है।
'दो-उप मुख्यमंत्री के बावजूद 10 माह में एक भी उपलब्धि नहीं'
तेजस्वी यादव ने दावा किया कि बिहार में लॉ-एंड ऑर्डर की क्या स्थिति है, यह किसी से छुपी हुई नहीं है। घर में घुसकर गोली मारा जाती है, हत्या, बलात्कार और अपहरण लगातार हो रहा है। एक दिन भी ऐसी नहीं है जहां बैंक रॉबरी नहीं हुई है, चारों ओर अपराध और भ्रष्टाचार व्याप्त है। पूरी तरीके से डबल इंजन की सरकार फेल हो चुकी है। एक नहीं दो- दो उपमुख्यमंत्री हैं भाजपा के और दोनों की 10 महीने में एक उपलब्धि कोई बता दें तो मान लेंगे। दिन भर गाली देना लालू जी को और हमको। गाली देना है तो ठीक है दीजिए, लेकिन बिहार के हित के लिए तो कुछ कीजिये।
'भाजपा ने कोर्ट से आरक्षण खत्म करवा दिया'
तेजस्वी ने कहा कि जो आरक्षण हमलोगों ने बढ़ाया उसको हमलोग बोले शेड्यूल लाइन में डाल दो तो यहां भाजपा के लोगों ने कोर्ट जाकर आरक्षण ही खत्म करवा दिया। राष्ट्रीय जनता दल इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में लड़ रहा है। मुख्यमंत्री चुप्पी साधे हुए है। जो जातीय जनगणना के बाद हमलोगों ने आरक्षित सीमा बढ़ाई 65 प्रतिशत और 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस का रखा, टोटल 75 प्रतिशत। इसपर भी मुख्यमंत्री चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन राष्ट्रीय जनता दल पीछे नहीं हटेगी।
'बाढ़ पीड़ितों के लिए बिहार को कोई स्पेश पैकेज नहीं'
तेजस्वी यादव ने पूछा, बाढ़ में क्या स्पेशल पैकेज मिला बिहार को? 2007, 2008 में कोशी क्षेत्र में भयावह बाढ़ आई थी, तो उस वक्त तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी, तत्कालीन रेल मंत्री लालू जी आये थे। हजार करोड़ का पैकेज दिए थे, केवल बाढ़ पीड़ितों के लिए। इस बार कितना मिला है। ये लोग केवल सत्ता हासिल करना चाहते हैं, सत्ता में बैठ कर मलाई खाना चाहते हैं।
'सोया कौन है, किसे जगाने निकले हैं केंद्रीय मंत्री गिरिराज?'
हम हिन्दू को जोड़ने निकले हैं और तेजस्वी मुस्लिम को जोड़ने निकले हैं कि बात पर तेजस्वी ने पलटवार करते हुए कहा कि गिरिराज सिंह 10 साल से मंत्री है केंद्र में, लेकिन यहां के लोग ये भी नहीं जानते हैं कि उनका मंत्रालय कौन-सा है। गिरीराज सिंह को तो काम से कोई मतलब ही नहीं है। 10 साल से अगर कोई उनकी उपलब्धि होती तो वह यात्रा पर निकलते तो अच्छा होता। सोया हुआ कौन है जिसको वह जगाने चले हैं, जा रहे हैं जनता के बीच तो जानता ही उनको जगाएगी। बेबुनियाद बातों की कोई जगह ही नहीं है।
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