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    बिहार में फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी: निगरानी विभाग ने लिया एक्शन, 3 शिक्षकों पर केस दर्ज

    Updated: Tue, 02 Dec 2025 06:58 PM (IST)

    कटिहार में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी कर रहे शिक्षकों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। कोढ़ा प्रखंड के एक शिक्षक और आज ...और पढ़ें

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    निगरानी विभाग ने लिया एक्शन, 3 शिक्षकों पर केस दर्ज

    संवाद सहयोगी, कटिहार। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जारी जांच ने एक बार फिर बड़ी धांधली का पर्दाफाश किया है। भले ही सत्यापन प्रक्रिया की रफ्तार धीमी हो, लेकिन कार्रवाई लगातार जारी है।

    ताजा मामले में कोढ़ा प्रखंड के एक शिक्षक और आजमनगर की दो नियोजित शिक्षिकाओं पर फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी करने का गंभीर आरोप साबित हुआ है।

    इतना ही नहीं, आजमनगर का एक सेवानिवृत्त शिक्षक भी जांच में फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करते पाए गए हैं। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, पटना के पुलिस उपाधीक्षक श्रीराम चौधरी ने चारों के विरुद्ध अलग-अलग थानों में प्राथमिकी दर्ज कराई है।

    पुलिस को दिए आवेदन में बताया गया कि कोढ़ा प्रखंड अंतर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय मधुरा (कन्या) के शिक्षक रंजन कुमार ने अमरावती विश्वविद्यालय, महाराष्ट्र के सीपीएड प्रमाणपत्र के आधार पर नियुक्ति पाई थी। जांच में इनका अंकपत्र और प्रमाणपत्र पूर्णतः फर्जी साबित हुआ, जिसके बाद कोढ़ा थाना में केस दर्ज कराया गया।

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    इधर, उत्क्रमित मध्य विद्यालय मियाटोली, इस्लामनगर की शिक्षिका रुणा खातून और प्राथमिक विद्यालय पैकवाहन की शिक्षिका लैला खातून के अंकपत्र व प्रमाणपत्र में जन्मतिथि गलत पाई गई, जो गंभीर अनियमितता की श्रेणी में आता है।

    सबसे चौंकाने वाला मामला उत्क्रमित मध्य विद्यालय राघोपुर के सेवानिवृत्त शिक्षक मो. साहिद हुसैन का है। सेवा समाप्त हो जाने के बाद भी उनके प्रमाणपत्र की जांच में फर्जीवाड़े की पुष्टि हुई।

    तीनों के विरुद्ध आजमनगर थाना में मुकदमा दर्ज किया गया है। निगरानी की इस कार्रवाई से शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा है और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में ऐसे कई और मामले सामने आ सकते हैं।