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बिहार में बिना बीमारी चीर दिया पेट, ऑपरेशन के बाद बोला सर्जन- सॉरी इनको अपेंडिक्स नहीं

मुजफ्फरपुर के सदर अस्पताल में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। एक 12 साल की बच्ची के पेट में दर्द की शिकायत पर ऑपरेशन किया गया लेकिन ऑपरेशन के बाद पता चला कि बच्ची के पेट में अपेंडिक्स ही नहीं था। स्वजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया है। इस मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं।

By Amrendra Tiwari Edited By: Rajat Mourya Updated: Tue, 19 Nov 2024 09:17 PM (IST)
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बिना अपेंडिक्स के बच्ची का पेट चीर दिया, डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग
अमरेन्द्र तिवारी, मुजफ्फरपुर। सदर अस्पताल में इलाज कराने आई बच्ची का ऑपरेशन के नाम पर पेट चीर दिया गया। करीब डेढ़ घंटे तक वह बेसुध पड़ी रही। स्वजन ने चिकत्सक से ऑपरेशन में विलंब होने का कारण पूछा तो सर्जन डॉ. अब्दुल कादिर ने कहा अपेंडिक्स का ऑपरेशन किया गया। उसे अपेंडिक्स नहीं मिला। स्वजन शंकर राय ने पूछा बिना अपेंडिक्स बच्ची का पेट क्यों चीर दिया? तो उनका जवाब था कि अल्ट्रसाउंड के आधार पर ऑपरेशन किया गया है।

डेढ़ घंटे तक बच्ची ऑपरेशन थियेटर में छटपटाती रही। इस पर स्वजन आक्रोशित हो गए तो बच्ची के पेट की सिलाई कर ट्रॉली मैन से सर्जरी वार्ड में भेज दिया गया। उसको बेड ऐसी जगह दिया गया, जहां बगल में कचरे का डिब्बा रखा था। यही नहीं, दोपहर दो बजे के बाद कोई चिकित्सक झांकने तक नहीं आया। ऑपरेशन के बाद चिकित्सक वहां से निकल गए।

ऐसे चला पूरा घटनाक्रम:

कांटी मानपुरा निवासी प्राची कुमारी (12) के पेट में दर्द होने पर स्वजन सदर अस्पताल उसे लेकर आए थे। चिकित्सक ने अपेंडिक्स होने की बात कही और अल्ट्रासाउंड कराने का सुझाव दिया। मां सुमित्रा ने बताया वह पहली बार 28 अक्टूबर को बेटी को लेकर आई थीं। सदर अस्पताल में रेडियोलाजी विभाग में अल्ट्रासाउंड कराया। ऑपरेशन से पहले खून व अन्य जांच कराई गई।

मंगलवार को दोपहर में उसका ऑपरेशन हुआ। पेट चीरने के बाद चिकित्सक ने कहा सारी अपेंडिक्स नहीं मिला। इसके बाद मरीज को वार्ड में भेज दिया गया। स्वजन शिकायत लेकर सिविल सर्जन डा.अजय कुमार के पास गए। उन्होंने कहा अधीक्षक से जाकर मिल लीजिए। लिखित शिकायत करिए। वह प्रबंधक से पूरी रिपोर्ट लेंगे। आखिर यह चूक कैसे हुई।

सिविल सर्जन से शिकायत करते मरीज के स्वजन। जागरण

पिता गुवाहाटी में करते काम, बच्चे घर पर रहते

बच्ची का इलाज कराने आए शंकर राय ने कहा कि प्राची चार भाई-बहन हैं। पिता संतोष कुमार ठाकुर गुवाहाटी में काम करते हैं। बच्ची की हालत चिंताजनक है। वह घबरा गई है। चिकित्सीय लापरवाही को लेकर वह वरीय प्रशासनिक अधिकारी के साथ कानून की शरण में जाएंगे।

प्रोटोकॉल का पालन करते हुए किया गया ऑपरेशन

आपरेशन करने वाले सर्जन डॉ. अब्दुल कादिर ने कहा कि पेट दर्द की शिकायत लेकर बच्ची आई थी। जांच व अल्ट्रासाउंड में अपेंडिक्स की बात सामने आई। जांच के आधार पर बच्ची का ऑपरेशन किया गया। कभी-कभी ऐसा होता है कि अपेंडिक्स नहीं मिलता। प्राची के मामले में भी ऐसा हुआ। ऑपरेशन में सभी प्रोटोकाल का पालन किया गया। बच्ची जल्द रिकवरी हो जाएगी। वह मरीज पर नजर रखे हैं।

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