Bihar Chunav Result 2025: नालंदा में एक बार फिर चला नीतीश कुमार का जादू, 7 सीटों पर NDA का क्लीन स्वीप
बिहार चुनाव 2025 में नालंदा जिले में एनडीए ने सभी सात सीटें जीतकर क्लीन स्वीप किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की यह जीत क्षेत्र में उनकी लोकप्रियता और विकास कार्यों पर जनता के भरोसे को दर्शाती है।
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नीतीश कुमार का जलवा। (जागरण)
जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का परिणाम आ गया है। विधानसभा चुनावों में एनडीए को पक्ष में जनता का जनादेश मिला है। नालंदा की सातों विधानसभा सीट पर एनडीए का परचम लहराया है। आज आए हुए परिणाम में एनडीए का बोलबाल देखने को मिला।
1. बिहारशरीफ विधानसभा 172
विजेता : डॉ. सुनील कुमार छठी बार बिहारशरीफ विधान सभा के विधायक बने। उन्हें एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त है। 1995 में राजनीति में आने से पहले वे एक डॉक्टर के रूप में प्रैक्टिस कर रहे थे। उनका विवाह संगीता देवी से हुआ है। उन्होंने अपना पहला विधानसभा चुनाव 2005 में जीता था। इन्होंने ने फ़िल्म निर्माण में भी कदम रखा है और खुद तीन भोजपुरी फ़िल्मों का निर्माण कर चुके हैं।
1985 शकील उज़्ज़मान अंसारी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1990 देव नाथ प्रसाद भारतीय जनता पार्टी
1995 देव नाथ प्रसाद जनता दल
2000 सैयद नौशाद उन नबी राष्ट्रीय जनता दल
2005 डॉ. सुनील कुमार जनता दल (यूनाइटेड)
2005 डॉ. सुनील कुमार जनता दल (यूनाइटेड)
2010 डॉ. सुनील कुमार जनता दल (यूनाइटेड)
2015 डॉ. सुनील कुमार भारतीय जनता पार्टी
2020 डॉ. सुनील कुमार भारतीय जनता पार्टी
2025 डॉ. सुनील कुमार भारतीय जनता पार्टी
अपने कार्यकाल के दौरान, वे अपनी सतर्कता के लिए जाने जाते रहे । 2022 में उन्होंने बिहारशरीफ स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत धन के दुरुपयोग पर आवाज उठाई थी। शहरी स्थानीय प्राधिकरणों द्वारा तीन तालाबों के पुनर्विकास पर कुल 72 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। यह धनराशि शहरी बुनियादी ढांचे के विकास के लिए आवंटित की जानी थी। इस प्रकार उन्होंने स्मार्ट सिटी परियोजना के नाम पर चल रही गलत गतिविधियों की ओर इशारा किया था।
2. हरनौत विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
विजेता- दसवीं बार विधायक चुने गए हरिनारायण सिंह
1977 - जनता पार्टी
1983 -- जनता पार्टी (उप- चुनाव)
1990 -- जनता दल
2000 -- समता पार्टी
2005 -- जेडी(यू)
2005 - जेडी(यू)
2010 -- जेडी(यू)
2015 - जेडी(यू)
2020 -- जेडी(यू)
2025-- जेडी(यू)
नोट : हरिनारायण सिंह 2005 तक चंडी विधान सभा क्षेत्र से चुनाव लड़ते थे। 2010 में चंडी विधान सभा क्षेत्र का विलोपन हुआ। इस क्षेत्र का दो प्रखंड चंडी और नगरनौसा हरनौत विधान सभा क्षेत्र में शामिल कर लिया गया। हरिनारायण सिंह 2010 में शिक्षा मंत्री रहे थे। उनके कार्यकाल में शिक्षकों की बहाली में पूरी पारदर्शिता बनी रही थी। विधायक बनने के बाद वे अपने क्षेत्र में कई योजनाओं पर काम किया। नल जल योजन, सिंचाई, सड़क, बिजली आदि के क्षेत्र मेें कई काम किए। वे अपने क्षेत्र के विकास के लिए सदैव तत्पर रहे।
3. इस्लामपुर विधानसभा सीट
विजेता: रुहेल रंजन : पहली बार जदयू के टिकट पर लड़े और जीत हासिल की।
रुहेल रंजन के पास वैश्विक शिक्षा, सशक्त उद्यमिता और प्रभावशाली राजनीतिक विरासत है।
इस्लामपुर के युवा उद्योगपति रुहेल रंजन आज वैश्विक व्यापार, निवेश और ऊर्जा क्षेत्र में तेजी से उभरते हुए नेतृत्वकर्ता हैं। उनका पैतृक गांव एकंगरसराय प्रखंड के सोनियावां पंचायत का खुशहालपुर है। मजबूत पारिवारिक राजनीतिक विरासत, विदेश में उच्च शिक्षा और बहुआयामी उद्यमिता ने उन्हें राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मंच पर विशेष पहचान दी है।
रुहेल रंजन ऐसे परिवार से आते हैं, जिसकी तीन पीढ़ियों ने बिहार और राष्ट्रीय राजनीति को दिशा दी है। उनके नाना प्रोफेसर सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह इंदिरा गांधी मंत्रिमंडल में केंद्रीय मंत्री, बिहार सरकार में कैबिनेट मंत्री, त्रिपुरा के राज्यपाल और नालंदा से चार बार सांसद रहे। वहीं दादा रामशरण प्रसाद सिंह प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष, कई बार विधायक-विधान पार्षद तथा बिहार के विभिन्न मुख्यमंत्रियों के शासनकाल में मंत्री पद पर रह चुके हैं।
उनके पिता राजीव रंजन भी 2010 में इस्लामपुर से जनता दल (यू) के विधायक चुने गए और झारखंड तथा छत्तीसगढ़ विद्युत बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं।परिवार की राजनीतिक परंपरा के समानांतर रुहेल रंजन ने अपनी पहचान शिक्षा और उद्यमिता से बनाई।
उन्होंने बीआईटी रांची से इंजीनियरिंग, अमेरिका की सैन जोस स्टेट यूनिवर्सिटी से एमबीए इन फनांनस तथा स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से प्रोजेक्ट मैनेजमेंट में विशेषज्ञता प्राप्त की।
आज वे ब्रीक्रस चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ब्रीक्स सीसीआई के कोषाध्यक्ष एवं ऊर्जा और निवेश वर्टिकल के अध्यक्ष हैं, जहां वे वैश्विक निवेश, ऊर्जा सहयोग, नीति सुधार और युवा नेतृत्व को नई दिशा दे रहे हैं। उनके नेतृत्व में कई अंतरराष्ट्रीय पहलें मजबूत हुई हैं।
4. नालंदा विधान सभा सीट
यह क्षेत्र 1977 में अस्तित्व में आया ।
1977- श्यामसुन्द्रर प्रसाद काग्रेस
1980 - रामनरेश सिंह निर्दलीय
1985- श्याम सुन्दर प्रसाद काग्रेस
1990 - रामनरेश प्रसाद सिंह निर्दलीय
1995 - जदयू श्रवण कुमार
2000- जदयू श्रवण कुमार
2005- जदयू श्रवण कुमार
2010- जदयू श्रवण कुमार
2015- जदयू श्रवण कुमार
2020- जदयू श्रवण कुमार
2025 -जदयू श्रवण कुमार
नोट : 1995 से लगातार इस सीट पर आठवीं बार श्रवण कुमार ने जीत हासिल की है । सन् 2015 से लगातार कैबिनेट मंत्री के रूप में क्षेत्र की सेवा करते आ रहें हैं । श्रवण कुमार मूल रूप से जिले के बेन प्रखंड के बेन गांव के निवासी हैं। श्रवण कुमार के एक पुत्र व दो पुत्रियां हैं।
5. हिलसा
विजेता : कृष्ण मुरारी शरण उर्फ प्रेम मुखिया (जदयू)
हिलसा विधानसभा के निर्वाचित विधायकों की सूची
1957 लाल सिंह त्यागी (कांग्रेस)
1962 जगदीश प्रसाद (जनसंघ)
1967 अवधेश कुमार सिंह (कांग्रेस)
1969 जगदीश प्रसाद (भारतीय जनता संघ)
1972 नवल किशोर सिन्हा (कांग्रेस)
1977 जगदीश प्रसाद (जनता पार्टी)
1980 जगदीश प्रसाद (भारतीय जनता पार्टी)
1985 सुरेंद्र प्रसाद तरुण (कांग्रेस)
1990 कृष्णदेव सिंह यादव (आईपीएफ)
1995 बैजू प्रसाद (जनता पार्टी)
2000 रामचरित्र प्रसाद सिंह (समता पार्टी)
2005 राम चरित्र प्रसाद सिंह (जदयू)
2005 (उपचुनाव) रामचरित्र प्रसाद सिंह (जदयू)
2010 उषा सिन्हा (जदयू)
2015 अत्रि मुनि उर्फ शक्ति सिंह यादव (राजद)
2020 कृष्ण मुरारी शरण उर्फ प्रेम मुखिया (जदयू)
2025 कृष्ण मुरारी शरण उर्फ प्रेम मुखिया (जदयू)
6. अस्थावां
विजेता : जीतेन्द्र कुमार, जनता दल (यूनाइटेड)
नाम: जीतेन्द्र कुमार
आयु : 53 वर्ष
पार्टी: जनता दल (यूनाइटेड)
निर्वाचन क्षेत्र: अस्थावां (नालंदा)
कार्यकाल: 2005 से 2025
पिता का नाम: अयोध्या प्रसाद
7. राजगीर विधानसभा का परिचय
राजगीर विधानसभा सीट पर सात बार सत्यदेव नारायण आर्य का कब्जा रहा है। इनके पहले एक बार यदुनंदन प्रसाद तथा दो बार चंद्रदेव प्रसाद हिमांशु राजगीर विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे हैं। जबकि सत्यदेव नारायण आर्य के बाद राजगीर विधानसभा क्षेत्र सीट से पहली बार चुनाव के प्रत्याशी के रुप में रवि कुमार ज्योति एक बार विजेता रहे।
फिर सत्यदेव नारायण आर्य के संन्यास लेने के बाद, उनके पुत्र कौशल किशोर को बतौर विरासत राजगीर विधानसभा क्षेत्र से टिकट मिला। और कौशल किशोर राजगीर से पहली बार विधायक रहे।
बता दें कि सत्यदेव नारायण आर्य के चुनाव से संन्यास लेने के बाद हरियाणा के राज्यपाल पद को सुशोभित कर चुके हैं। वहीं कौशल किशोर ने वकालत की डिग्री हासिल की है।
1980 में सत्यदेव नारायण आर्य, बीजेपी
1985 में सत्यदेव नारायण आर्य, बीजेपी
1990 में सत्यदेव नारायण आर्य, बीजेपी
1995 में सत्यदेव नारायण आर्य, बीजेपी
2000 में सत्यदेव नारायण आर्य, बीजेपी हुए।
2005 में बीजेपी ने फिर से सीट पर कब्जा किया।
2010 में भी सत्यदेव नारायण आर्य ने जीत दर्ज कर अपनी पकड़ मजबूत रखी।
2015 में रवि ज्योति कुमार जेडीयू को मिली जीत
2020 में कौशल किशोर, जदयू जीत दर्ज की
2025 में फिर मिली कौशल किशोर, जदयू को जीत

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