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    घोड़ा कटोरा झील बना सैलानियों का पसंदीदा ठिकाना, बुद्ध प्रतिमा और नैसर्गिक सौंदर्य खींच रहा ध्यान

    Updated: Tue, 02 Dec 2025 02:44 PM (IST)

    राजगीर स्थित घोड़ा कटोरा झील इन दिनों पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य, स्वच्छ वातावरण और भगवान बुद्ध की विशाल प्रतिमा पर्यटकों को खूब भा रही है। झील के बीचों-बीच स्थापित बुद्ध प्रतिमा बोटिंग करने वालों को अलौकिक अनुभव करा रही है। इको-फ्रेंडली पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यह क्षेत्र 'नो प्लास्टिक जोन' घोषित किया गया है।

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    घोड़ा कटोरा पहाड़ी झील में हो रहे बोटिंग का आनंद उठाते पर्यटक। (जागरण)

    संवाद सहयोगी, राजगीर। पर्यटन सीजन में राजगीर स्थित घोड़ा कटोरा पहाड़ी झील इन दिनों अपनी खूबसूरती के चरम पर है। देश–विदेश से आए सैलानी यहां के अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य, स्वच्छ वातावरण और विशालकाय बुद्ध प्रतिमा को देखने के लिए उमड़ रहे हैं।

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    झील के बीचों-बीच स्थापित भगवान बुद्ध की 70 फीट ऊंची प्रतिमा न सिर्फ इस स्थल का नया आकर्षण बनी है, बल्कि बोटिंग करने वालों के लिए अलौकिक अनुभव भी दे रही है।

    झुंड और पेड़-पौधों की हरियाली पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र

    तीनों ओर से घने वन क्षेत्र और पर्वत श्रृंखलाओं से घिरी यह झील अपनी शांत, स्वच्छ और इंद्रधनुषी जलधारा के कारण नैनिताल की झीलों की याद दिला रही है। झील में तैरते हंसों का झुंड और पेड़-पौधों की हरियाली पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देती है।

    पर्यटक पवेलियन और वॉच टावर से झील का विहंगम दृश्य निहारते हुए फोटो सेशन और सेल्फियां लेते नजर आते हैं।

    ईको-फ्रेंडली टूरिज्म का बेहतरीन मॉडल

    घोड़ा कटोरा क्षेत्र को ‘नो प्लास्टिक जोन’ घोषित किया गया है। वन विभाग द्वारा पर्यटकों की पानी की बोतल पर 50 रुपये का रिफंडेबल स्टिकर लगाया जा रहा है ताकि कोई भी प्लास्टिक झील के पास न छोड़े। क्षेत्र में पेट्रोल–डीजल चालित वाहनों का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित है, जिससे यहां का ईको सिस्टम सुरक्षित बना हुआ है।

    ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व

    घोड़ा कटोरा नाम को लेकर सैलानियों में उत्सुकता रहती है। मान्यता है कि मगध साम्राज्य के राजा बिंबिसार और अजातशत्रु के सैन्य काफिले के हाथी–घोड़े यहां आकर स्नान और अभ्यास करते थे। ऊंचाई से देखने पर यह क्षेत्र कटोरे के आकार में दिखता है, जिससे इसका नाम ‘घोड़ा कटोरा’ पड़ा।

    बौद्ध सर्किट का हिस्सा बना घोड़ा कटोरा

    25 नवंबर 2018 को सीएम नीतीश कुमार ने झील में स्थापित बुद्ध प्रतिमा का अनावरण किया था। लगभग 10 करोड़ की लागत से बनी यह परियोजना अब बौद्ध सर्किट के प्रमुख स्थलों में शामिल है। रत्नागिरी और उदयगिरी पर्वतों की गोद में बसे इस क्षेत्र का संबंध बुद्ध की तपस्थली गृद्धकूट पर्वत से भी है। वर्षा जल के पर्वतों से नीचे गिरकर झील में जमा होने से इसका जल और भी पवित्र माना जाता है।

    यादों को संजोने का बेहतरीन स्थान

    वन विभाग, पर्यटन विभाग और जल संसाधन विभाग के संयुक्त प्रयास से घोड़ा कटोरा आज बिहार में ईको-फ्रेंडली पर्यटन का सबसे सफल मॉडल बनकर उभर रहा है। यहां आकर सैलानी न सिर्फ प्रकृति को करीब से महसूस करते हैं, बल्कि यादों में संजोने लायक खूबसूरत तस्वीरें भी कैद कर लेते हैं।