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Bihar Pollution: बिहार की आबोहवा में घुला जहर; शेखपुरा में AQI 400 पार, बचाव के लिए अब क्या करें?

बिहार में ठंड की दस्तक के साथ प्रदूषण का सितम भी बढ़ गया है। शेखपुरा का AQI 400 पार पहुंच गया है जो गंभीर श्रेणी में आता है। वहीं कई इलाकों का वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद खराब स्थिति में बना हुआ है। निर्माण कार्यों की वजह से भी प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है जिससे बचने के लिए ग्रीन चादर के अंदर काम करने के निर्देश दिए गए हैं।

By Divya Agnihotri Edited By: Divya Agnihotri Updated: Mon, 18 Nov 2024 03:27 PM (IST)
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पटना में भी प्रदूषण से हाल बेहाल
जागरण संवाददाता, पटना। मौसम के करवट बदलते ही राजधानी की हवा तेजी से बिगड़ने लगी है। रविवार को राजधानी के शेखपुरा इलाके में वायु प्रदूषण की स्थिति खतरनाक स्तर तक पहुंच गई। शेखपुरा का एक्यूआइ 401 तक पहुंच गया, जो गंभीर श्रेणी में आता है। इसके साथ ही कई इलाकों का AQI 300 पार दर्ज किया गया। अगले कुछ दिनों तक प्रदूषण से राहत मिलने के आसार नहीं हैं।

इन इलाकों में दर्ज हुआ सार्वधिक AQI

शहर के राजवंशी नगर इलाके में AQI 350 दर्ज किया गया। तारामंडल के पास AQI 342 रिकॉर्ड हुआ। खगौल के पास AQI 339, पटना सिटी में AQI 209 एवं गांधी मैदान में AQI 182 दर्ज किया गया। वहीं हाजीपुर में AQI 368, मुजफ्फरपुर में AQI 312 दर्ज किया गया। छपरा में AQI 230 और आरा में AQI 110 दर्ज किया गया।

वेटेनरी कॉलेज में निर्माण के कारण बढ़ी प्रदूषण की मात्रा

बिहार वेटेनरी कॉलेज में निर्माण कार्य शुरू होने के कारण वहां पर वायु प्रदूषण की स्थिति अत्यंत खराब हो गई है। वायु प्रदूषण का स्तर 400 का आंकड़ा पार गया है। इसे मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत खतरनाक माना जा रहा है। इसके अलावा शहर के विभिन्न इलाकों में निर्माण कार्य करने और मानकों को पूरा नहीं करने के कारण ही वायु प्रदूषण की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है।

सड़कों पर पड़ी बालू की मोटी परत भी वायु प्रदूषण में इजाफा कर रही है। जब भी कोई वाहन सड़क से गुजरता है तो पूरा वातावरण बालू से भर जाता है। नेहरू पथ पर भी धुंध छाई हुई नजर आ रही है।

ग्रीन चादर में करना है निर्माण

बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष डॉ. डीके शुक्ला का कहना है कि राज्य में कोई भी निर्माण कार्य ग्रीन चादर के अंदर करना है। इसके अलावा अगर किसी पुराने मकान को तोड़ा भी जा रहा है तो उसे भी ग्रीन चादर के अंदर ही काम करना है। साथ ही आसपास के क्षेत्रों में समय-समय पर पानी का छिड़काव करते रहना है।

मास्क से होगा बचाव

पीएमसीएच के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अशोक कुमार का कहना है कि राजधानी के सर्वाधिक वायु प्रदूषण वाले इलाके में मास्क का उपयोग करके लोग अपना बचाव कर सकते हैं। वायु प्रदूषण से एलर्जी की समस्या काफी बढ़ गई है। ऐसे में लोगों को ज्यादा प्रदूषित इलाके में जाने से परहेज करना चाहिए। अगर जानाजरूरी है तो जाते वक्त मास्क लगाकर ही जाएं।

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