बिहार के किसानों को बारिश और ओले से हुआ काफी नुकसान, सरकार ने मुआवजा देने पर कही ये बात
Bihar Farmers News फरवरी के महीने में बिहार के कई हिस्सों में बारिश और ओले गिरने से किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ा था। दलहन और तेलहन की फसल को अधिक क्षति हुई थी। अब सरकार ने किसानों को मुआवजा देने पर अपना रुख साफ कर दिया है।

पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Farmer's Alert: बिहार के किसानों को मौसमी बदलावों के कारण हाल के दिनों में काफी नुकसान उठाना पड़ा है। गौरतलब है कि तीन और चार फरवरी को आंधी-बारिश और ओले गिरने से तिलहन और दलहन के साथ आलू की खेती को काफी नुकसान हुआ था। खासकर पश्चिमी चंपारण और पूर्वी चंपारण, जहानाबाद, कटिहार, औरंगाबाद, भागलपुर, बेगूसराय, खगडिय़ा, वैशाली, गया और पटना जिले में फसल को सर्वाधिक नुकसान हुआ था। किसानों ने दलहन में मटर, चना और मसूर तो तिलहन में राई, सरसों और तीसी की खेती बर्बाद होने की शिकायत की थी। किसानों ने सरकार इसे फसल क्षति के लिए पिछली बार की तरह ही मुआवजा देने की मांग की थी। सरकार ने इस बारे में अपना रूख साफ कर दिया है।
- आंधी-बारिश और ओले से फरवरी में फसल को हुआ नुकसान
- कृषि विभाग के आकलन में 33 प्रतिशत से कम फसल की हुई क्षति
- दलहन में मटर, चना और मसूर तो तेलहनी में राई
- सरसों और तीसी की खेती को लगा था झटका
- सरकार ने किया साफ- इस बार नहीं मिलेगा मुआवजा
तेलहन और दलहन को हुआ था अधिक नुकसान
तीसी, सरसों और राई के फूल झरने के साथ ही पौधे आंधी की वजह से गिर गए थे। ऐसी ही मार दलहनी फसलों पर पड़ी थी। वहीं, आलू की खेत में पानी जमा होने के कारण किसानों की परेशानी बढ़ गई थी। आलू के खेत में पानी जमा होने फसल सडऩे की शिकायत की थी। वहीं, ओले पडऩे की वजह से डाल और पत्तियां टूट गई थीं। किसानों की ऐसी तमाम शिकायत को ध्यान में रखते हुए कृषि विभाग ने जिलों को रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया था। सरकार किसानों को फरवरी के पहले हफ्ते में आंधी-बारिश और ओले से फसलों को हुए नुकसान का मुआवजा नहीं देगी। कृषि अधिकारियों के आकलन में 33 प्रतिशत से ज्यादा फसल को नुकसान नहीं हुआ है।

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