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    बिहार एडीआर रिपोर्ट: जीते विधायकों को 2020 की तुलना में 2025 में मिले औसतन 4% अधिक वोट

    Updated: Thu, 27 Nov 2025 09:56 PM (IST)

    वर्ष 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में, जीतने वाले विधायकों को 2020 की तुलना में अधिक मत मिले। एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, मतदान प्रतिशत भी बढ़ा है। मह ...और पढ़ें

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    बिहार विधानसभा

    राज्य ब्यूरो, पटना। विधानसभा चुनाव 2025 न सिर्फ अधिक मतदान प्रतिशत के लिए इतिहास रचने में सफल रहा, बल्कि इस चुनाव में जीत दर्ज करने वाले हर प्रत्याशी को पिछले विधानसभा चुनाव 2020 की तुलना में चार प्रतिशत से अधिक मत मिले हैं।

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    एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) एवं बिहार इलेक्शन वॉच ने बिहार विधानसभा चुनाव- 2025 के सभी 243 निर्वाचन क्षेत्रों के मतदान का विश्लेषण किया है। बिहार विधानसभा 2025 में 67.2 प्रतिशत मतदान हुआ है जबकि 2020 के विधानसभा चुनाव में 58.7 प्रतिशत मत पड़ा था।

    एडीआर ने मीडिया को जारी तुलनात्मक रिपोर्ट में बताया गया है कि विधानसभा चुनाव-2025 में जीत दर्ज करने वाले विधायकों को कुल डाले गए मतों के औसतन 47.61 प्रतिशत मिलने से जीत मिली है।

    इसकी तुलना जब 2020 विधानसभा चुनाव से करने पर उस वक्त जीत प्राप्त वाले विधायकों को कुल डाले गए मतों का औसतन 43.01 प्रतिशत ही प्राप्त हुआ था। विधानसभा चुनाव में महिला विजेताओं की सहभागिता के अनुसार, 243 निर्वाचित सदस्यों में सिर्फ 29 महिलाएं ही आधी आबादी की प्रतिनिधित्व कर रही हैं।

    रिपोर्ट में बताया गया है कि चुनी गई महिला विधायकों ने अपने चुनाव क्षेत्रों में 29 प्रतिशत या उससे अधिक मत के साथ जीत दर्ज की है।

    महिला विजेताओं में धमदाहा विधानसभा क्षेत्र से चुनी गई जदयू की विधायक लेशी सिंह ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में सबसे अधिक 57 प्रतिशत मत के साथ जीत हासिल की है। फिर से चुने जाने वाले 111 विधायकों में से किसी ने भी अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में 30 प्रतिशत से कम वोट शेयर के साथ जीत हासिल नहीं की है।

    56 विधायकों ने (50 प्रतिशत) फिर से चुनाव 10 प्रतिशत से कम अंतर से जीत हासिल की है, जबकि एक विधायक ने 30 प्रतिशत से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल की है।

    अबकी बार के चुनाव में जीत दर्ज करने वाले विधायक औसतन कुल निबंधित मतदाताओं में से औसतन 32.1 प्रतिशत का ही प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उनको अपने विधानसभा क्षेत्र के कुल मतदाताओं का सिर्फ 32.1 प्रतिशत मत ही प्राप्त हुआ।

    इसकी तुलना 2020 विधानसभा चुनाव से करें तो उस चुनाव में जीतने वाले विधायकों को कुल वोटरों का औसतन 25.23 प्रतिशत मत ही मिला था। स्वच्छ छवि को निर्वाचित विधायकों ने भी जीत की मिसाल कायम की है।

    रिपोर्ट के अनुसार, स्वच्छ छवि के जीतने वाले 112 विधायकों में से 65 ने घोषित आपराधिक मामले वालों प्रत्याशियों पर जीत दर्ज की है। इनमें रूपौली विधानसभा क्षेत्र से जदयू के कलाधर प्रसाद मंडल ने 32.68 प्रतिशत मतों से जीत दर्ज की।

    इस चुनाव में 25 गैर करोड़पति विधायक निर्वाचित हुए हैं जिनमें से 15 ने करोड़ पति प्रत्याशियों को मात दी है। राजनगर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के सुजीत कुमार ने 22.11 प्रतिशत मतों के अंतर जीत दर्ज की है। पहली बार विधानसभा चुनाव में एक भी निर्दलीय नहीं पहुंच सका सदन।

    एनडीए पांच सीट के फासले से 2010 के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से पीछे रह गया, तब सिर्फ भाजपा एवं जदयू को 206 सीटों पर जीत मिली थी। अबकी चुनाव में एक और रिकॉर्ड बना है। पहली बार विधानसभा में एक भी निर्दलीय विधायक नहीं पहुंच सके हैं।

    एक चुनाव में बिहार विधानसभा में 33 स्वतंत्र विधायक पहुंचे थे और इस बार उनकी संख्या शून्य हो गई है। वर्ष 2000 से निर्दलीय विधायकों की संख्या में कमी का जो ट्रेंड शुरू हुआ था, वो 2020 के चुनाव में एक तक पहुंचा और 2025 में शून्य बन गया।

    यह चुनाव दिखाता है कि तीसरी ताकत की जगह लगातार सिकुड़ रही है। साल 2000 में अन्य दलों और निर्दलीय मिलकर 36.8 प्रतिशत वोट हासिल कर रहे थे, वो 2025 में मात्र 15.5 प्रतिशत रह गया है। 2005 के फरवरी के चुनाव में अन्य दल और निर्दलीय तो 49.4 प्रतिशत तक पहुंच गए थे।

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