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दुर्घटना पीड़िता का 4 करोड़ का मुआवजा अटका, बीमा कंपनियां कर रहीं आनाकानी; अब नीतीश सरकार करने जा रही ये काम

सड़क दुर्घटना के पीड़ितों को मुआवजा दिलाने में बीमा कंपनियों की मनमानी सामने आई है। बिहार मोटरवाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण के आदेश के बाद भी कंपनियां मुआवजा नहीं दे रही हैं। परिवहन विभाग ने अब बीमा कंपनियों को तलब किया है और समीक्षा बैठक बुलाई है। इस बैठक में बीमा कंपनियों द्वारा पिछले पांच सालों में पीड़ितों को दिए गए मुआवजे की समीक्षा की जाएगी।

By Rajat Kumar Edited By: Mukul Kumar Updated: Fri, 30 Aug 2024 09:57 PM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

राज्य ब्यूरो, पटना। सड़क दुर्घटना के पीडि़तों का करीब चार करोड़ का मुआवजा बीमा कंपनियों की मनमानी के कारण अटका है। बिहार मोटरवाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण के आदेश के बाद भी बीमा कंपनियां दुर्घटना के पीड़ितों एवं मृतक के आश्रितों को मुआवजे का भुगतान नहीं कर रही हैं।

समय से मुआवजे की राशि भुगतान नहीं करने पर परिवहन विभाग ने बीमा कंपनियों को तलब किया है। तीन सितंबर को परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल की अध्यक्षता में इसकी समीक्षा बैठक होगी, जिसमें बीमा कंपनियों के द्वारा पांच वर्षों में पीड़ितों को दिए गए मुआवजा भुगतान की समीक्षा की जाएगी।

आमलोगों को जागरूक करने के लिए बीमा कंपनियों की रैंकिंग भी की जारी की जाएगी। परिवहन विभाग के अनुसार, 16 विभिन्न बीमा कंपनियों के द्वारा लगभग 80 मामलों में 3.96 करोड़ रुपये मुआवजा भुगतान नहीं किये जाने का मामला सामने आया है।

इन मामलों में न्यायाधिकरण की ओर से मुआवजा भुगतान के लिए त्वरित मामलों का निबटारा करते हुए आदेश पारित किया गया है। मुआवजा राशि का भुगतान नहीं करने के मामले में सबसे बड़ा डिफाल्टर टाटा एआइजी जेनरल इंश्योरेंस है।

टाटा एआइजी के पास 16 मामलों में 72.5 लाख रुपये का मुआवजा भुगतान नहीं किया गया है। वहीं 12 मामलों में नेशनल इंश्योरेंस द्वारा 53.5 लाख रुपये मुआवजा भुगतान नहीं किया गया है। तीसरे नंबर पर गो डिजिट जेनरल इंश्योरेंस है, जिसने नौ मामलों में 42.5 रुपये का मुआवजा भुगतान नहीं किया है।

आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जेनरल इंश्योरेंस के द्वारा 10 मामलों में 57.5 लाख, बजाज आलियांज जेनरल इंश्योरेंस के द्वारा छह मामलों में 30 लाख, रिलायंस जेनरल इंश्योरेंस के द्वारा पांच मामलों में 20.5 लाख और चोलामंडलम एमएस जेनरल इंश्योरेंस के द्वारा छह मामलों में 35 लाख रुपये का मुआवजा भुगतान नहीं किया गया है।

161 मामलों का किया है निष्पादन

सड़क दुर्घटना पीड़ितों को ससमय मुआवजा दिलाने के लिए राज्य में बिहार मोटरवाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण का गठन किया गया है।

वर्तमान में सात प्रमंडलीय मुख्यालयों दरभंगा, पटना, सारण, गया, पूर्णिया, मुजफ्फरपुर और भागलपुर में न्यायाधिकरण कार्यरत है। इन न्यायाधिकरण में दुर्घटना दावा से संबंधित अब तक कुल 161 मामलों का निष्पादन किया गया है।

इन बीमा कंपनियों ने नहीं किया भुगतान

टाटा एआइजी इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, गो डिजिट जेनरल इंश्योरेंस, आइसीआइसीआइ लोम्बार्ड जेनरल इंश्योरेंस, बजाज एलियांज जेनरल इंश्योरेंस, रिलायंस जेनरल इंश्योरेंस, चोलामंडलम एमएस जेनरल इंश्योरेंस, रायल सुंदरम जेनरल इंश्योरेंस, द न्यू इंडिया जेनरल इंश्योरेंस, श्रीराम जेनरल इंश्योरेंस, एचडीएफसी इरगो जेनरल इंश्योरेंस, एसबीआइ जेनरल इंश्योरेंस, दी ओरियेंटल जेनरल इंश्योरेंस, यूनाइटेड इंडिया नेशनल इन्श्योरेंस आदि।

बीमा कंपनियों के द्वारा दुर्घटना मुआवजा भुगतान में देरी करना गंभीर मुद्दा है। यदि बीमा कंपनियां समय पर भुगतान नहीं करती हैं तो इसकी सूचना आइआरडीए (भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण) को दी जाएगी तथा नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। ससमय मुआवजा दिलाने के लिए बीमा कंपनियों की हर माह परफार्मेंस रैंकिंग भी जारी की जाएगी।- संजय कुमार अग्रवाल, परिवहन सचिव