Bihar Politics: मोकामा की राजनीति में भूचाल, अनंत सिंह गिरफ्तार; RJD या NDA किसका पलड़ा रहेगा भारी
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मोकामा की राजनीति में भूचाल आ गया है। बाहुबली अनंत सिंह की गिरफ्तारी ने एनडीए के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं, वहीं विपक्ष को हमला करने का मौका मिल गया है। यादव बहुल इलाकों में तनाव बढ़ सकता है, जबकि भूमिहारों में सहानुभूति दिख रही है। महागठबंधन के लिए यह स्थिति फायदे का सौदा साबित हो सकती है। मोकामा की यह घटना पूरे बिहार चुनाव की दिशा तय कर सकती है।

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण से पहले ही मोकामा की राजनीति में भूचाल आ गया है। यह सीट सूबे की सबसे चर्चित सीट बन गई है। जदयू प्रत्याशी और बाहुबली छवि वाले नेता अनंत सिंह की गिरफ्तारी ने न केवल एनडीए के रणनीतिक संतुलन को बिगाड़ दिया है, बल्कि पूरे पटना जिले की सियासत में नई हलचल पैदा कर दी है।
दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में यह गिरफ्तारी ऐसे समय पर हुई है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रोड शो और एनडीए का चुनावी प्रचार अभियान अपने चरम पर है।
ऐसे में यह माना जा रहा है कि अनंत सिंह की गिरफ्तारी एनडीए के लिए छवि संकट लेकर आई है। एनडीए लगातार राजद पर जंगलराज का आरोप लगाकर चुनावी माहौल अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहा था।
एनडीए की नैतिक और राजनीतिक संतुलन हिला
लेकिन बाहुबली अनंत सिंह की गिरफ्तारी से विपक्ष को हमला करने का नया मौका मिल गया है। इससे एनडीए का नैतिक व राजनीतिक संतुलन दोनों हिल गया है।
दूसरी ओर, यादव बहुल इलाकों में यह गिरफ्तारी जातीय तनाव को और बढ़ा सकती है। दुलारचंद यादव की हत्या को लेकर यादव समुदाय पहले से आक्रोशित है और अब यह गुस्सा एनडीए के खिलाफ वोट में तब्दील हो सकता है।
वहीं, भूमिहार मतदाताओं में अनंत सिंह के प्रति सहानुभूति की लहर भी बनती दिख रही है, जिसका फायदा उन्हें और अन्य भूमिहार प्रत्याशियों को मिल सकता है।
राजद के लिए बन सकता मौका
यह माना जा रहा है कि महागठबंधन के लिए यही मौका है कि वह इस स्थिति का लाभ उठाकर यादव व अल्पसंख्यक समुदायों को पूरी तरह अपने पाले में समेट ले। हालांकि, यादव बहुल इलाकों में उतरे राजद के भूमिहार प्रत्याशी असमंजस की स्थिति में हैं।
कुल मिलाकर, मोकामा से उठी यह सियासी हलचल पूरे बिहार चुनाव की दिशा तय कर सकती है। अब देखना यह है कि अनंत सिंह की गिरफ्तारी के से आने वाले समय में एनडीए या राजद किसका पलड़ा भारी होगा।
भारत निर्वाचन आयोग ने की कार्रवाई
मोकामा विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के दौरान जनसुराज पार्टी के समर्थक व बाहुबली दुलारचंद यादव की हत्या मामले में चार अधिकारियों पर चुनाव आयोग ने कार्रवाई की है।
भारत निर्वाचन आयोग ने शनिवार को पटना के ग्रामीण एसपी विक्रम सिहाग के साथ मोकामा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बाढ़ अनुमंडल के तीन अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश जारी कर दिया है।
इनमें बाढ़ के अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) चंदन कुमार, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) बाढ़-1 राकेश कुमार और एसडीपीओ बाढ़-2 अभिषेक सिंह शामिल हैं। अभिषेक सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का निर्देश भी दिया गया है। पटना के ग्रामीण एसपी विक्रम सिहाग को तत्काल प्रभाव से स्थानांतरित करने की अनुशंसा की गई है।
भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को आदेश के अनुपालन की रिपोर्ट रविवार दोपहर 12 बजे तक देने का निर्देश दिया है तथा नए एसपी का नाम सूचित करने को कहा है। निर्वाचन आयोग ने तीनों अधिकारियों, एसडीओ चंदन कुमार और दोनों एसडीपीओ राकेश कुमार और अभिषेक सिंह के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया है।
आयोग के निर्देश पर पटना नगर निगम के अपर नगर आयुक्त की जिम्मेदारी संभाल रहे 2022 बैच के आइएएस अधिकारी आशीष कुमार को बाढ़ का नया एसडीओ बनाया गया है। इसके अलावा राकेश कुमार की जगह सीआइडी के डीएसपी आनंद कुमार सिंह को बाढ़-1 का नया एसडीपीओ और अभिषेक सिंह की जगह आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) के डीएसपी आयुष श्रीवास्तव को बाढ़-2 का नया एसडीपीओ बनाया गया है।

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