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Bihta International Airport: 4 किलोमीटर लंबी मानव शृंखला बना लोगों का विरोध प्रदर्शन, भूमि अधिग्रहण से जुड़ा है मामला

बिहटा में बनने वाले अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए भूमि अधिग्रहण का विरोध लगातार जारी है। पश्चिम दिशा की ओर भूमि अधिग्रहण करने से सड़क नहर के साथ ही हजारों स्थानीय लोगों की रोजी-रोटी प्रभावित होगी। यही वजह है कि लोग लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। रविवार को लोगों ने 4 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाकर अपना विरोध प्रदर्शन किया।

By Ravi Shankar Edited By: Divya Agnihotri Updated: Mon, 18 Nov 2024 08:10 AM (IST)
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मानव शृंखला बनाकर लोगों ने किया भूमि अधिग्रहण का विरोध
संवाद सूत्र, बिहटा। बिहटा में बनने वाले अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए जमीन अधिग्रहित करना सरकार के लिए धीरे-धीरे परेशानी बनती जा रही है। भूमि अधिग्रहण की सूचना के बाद पिछले कई महीनों से किसान भूमि अधिग्रहण एवं अधिकारियों की तानाशाही का विरोध करते आ रहे हैं। रविवार को प्रखंड के कोरहर, गोकुलपुर, मठिया पर आदि गांव के किसानों ने मानव शृंखला निकालकर सरकार की ओर से जारी नए आदेश का जमकर विरोध किया।

4 किलोमीटर लंबी मानव शृंखला बनाकर विरोध

बिहटा एयरपोर्ट रनवे विस्तार के लिए पश्चिमी छोर पर कराए गए सर्वे के विरोध में चार किलोमीटर तक लंबी मानव शृंखला बनाई गई। देवकली मोड़ से बिहटा चौराहा तक बनाई गई इस मानव शृंखला में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया। ग्रामीणों का कहना था कि सरकार का यह निर्णय विध्वंसकारी है और इसके लिए हम किसी कीमत पर अपनी जमीन नहीं देंगे।

बिहटा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट विस्तार के लिए 191 एकड़ जमीन की जरूरत

बिहटा में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाए जाने की स्वीकृति मिलने के बाद से सरकार के द्वारा रनवे विस्तार के लिए सर्वे कराया जा रहा है। इसके लिए 191 एकड़ जमीन चाहिए। सरकार ने इसके लिए पहले रनवे के पूरब में सर्वे कराया था। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा इसकी स्वीकृति भी दी जा चुकी थी।

इसी दौरान अब एक नया सर्वे पश्चिम दिशा की ओर कराया जा रहा है। इसका कोरहर, गोकुलपुर, मठिया, देवकुली सहित एनएच 30 के किनारे रहने वाले हजारों लोग विरोध कर रहे हैं। इसी विरोध को लेकर मानव शृंखला बनाई गई थी, जो देवकुली मोड़ से बिहटा चौराहा तक करीब 4 किलोमीटर में प्रस्तावित था।

नहर और सड़क होगी प्रभावित

रनवे विस्तार की सर्वे से पश्चिम की ओर मनेर रजवाहा नहर के साथ-साथ एनएच 30 सड़क किनारे रहने वाले वैसे हजारों लोग प्रभावित हो रहे हैं, जो इस सड़क के किनारे वर्षों से रहकर छोटे-मोटे धंधे कर अपनी आजीविका चला रहे हैं। ग्रामीणों के साथ ही ऐसे सभी लोग इस मानव शृंखला में भाग लेने पहुंच गए। इसमें महिला, बच्चे, बूढ़े सभी शामिल थे। सभी ने मिलकर प्रस्तावित करीब चार किलोमीटर में लंबी मानव शृंखला बनाई।

सरकार के खिलाफ नारेबाजी

विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। लोगों ने कहा कि हम सरकार के विकास के विरोधी नहीं है, लेकिन सरकार का यह निर्णय मनेर रजवाहा नहर एवं सड़क को तबाह कर रहा है। इसलिए ऐसी योजना के लिए हम अपनी जमीन नहीं देंगे। सरकार जल्द अपनी कार्रवाई को बंद कर दे। अन्यथा हम अपनी जान दे देंगे, लेकिन जमीन नहीं देंगे।

नेताओं ने भी किया लोगों का समर्थन

मौके पर पहुंचीं बिहटा प्रमुख मालती देवी एवं उप प्रमुख वरुण कुमार ने इस निर्णय को घोर जन विरोधी बताया है, क्योंकि नहर हो या सड़क दोनों ही बिहटा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। भविष्य में बिहटा के लिए इस नहर के बंद हो जाने से सिंचाई हो या ड्रेनेज सिस्टम दोनों पर काफी बुरा प्रभाव पड़ेगा। इसलिए हम ग्रामीणों की मांग पर इसका विरोध करते हैं। ऐसा ही कहना कई अन्य दलों के नेताओं का था। माले नेता संतोष सिंह, भाजपा नेता सहदेव राय एवं रजत प्रखंड अध्यक्ष राजकुमार उर्फ़ राजू यादव ने भी इसका समर्थन किया।

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