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Patna News: स्वास्थ्य विभाग के फर्जी पत्र पर संबद्धता लेने वाले कॉलेज पर गिरी गाज, 5 अन्य के भी आवेदन अस्वीकृत

स्वास्थ्य विभाग के फर्जी पत्र पर फार्मेसी कॉलेज को संबद्धता मिल गई। वहीं मामला पकड़ में आने के कॉलेज की संबद्धता को रद्द कर दिया गया है। इसके अलावा पांच अन्य निजी संस्थानों के आवेदनों के साथ संलग्न स्वास्थ्य विभाग का फर्जी पाया गया जिसके बाद इन पांचों कॉलेजों के आवेदन को भी अस्वीकृत कर दिया गया है। अब संबद्धता की संचिका स्वयं विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार देखेंगे।

By Jagran News Edited By: Divya Agnihotri Updated: Fri, 15 Nov 2024 04:07 PM (IST)
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काब स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन की संबद्धता रद्द
जितेंद्र कुमार, पटना। बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय ने बी. फार्मा और डी. फार्मा में नामांकन के लिए एक निजी कॉलेज की औपबंधिक संबद्धता रद्द कर दी है। कॉलेज की ओर से प्रस्तुत स्वास्थ्य विभाग का अनापत्ति पत्र फर्जी पाया गया है। यह कार्रवाई लोक सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी के बाद की गई।

फर्जी अनापत्ति पत्र का मामला सामने आने के बाद सतर्क हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने पांच कॉलेजों की ओर से संबद्धता के लिए दिए गए आवेदनों को भी अस्वीकृत कर दिया। इनके आवेदनों में संलग्न स्वास्थ्य विभाग के अनापत्ति पत्र भी फर्जी पाए गए।

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन की संबद्धता रद्द

फर्जीवाड़ा कर विश्वविद्यालय से संबद्धता पाने वाला संस्थान पटना जिले के दुल्हिन बाजार प्रखंड के काब स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन है। इस कॉलेज को जीवन ज्योति एजुकेशन एंड वेलफेयर ट्रस्ट के सचिव द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज के आधार पर बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक सत्र 2023-24 में नामांकन के लिए औपबंधिक संबद्धता दी थी।

रजिस्ट्रार ने भी किए हस्ताक्षर

अधिकृत जानकारी के अनुसार, इस प्रकरण में बड़ी बात यह है कि काब स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन के अधूरे आवेदन पर ही संचिका बढ़ी और रजिस्ट्रार ने हस्ताक्षर भी कर दिया। लोक सूचना पदाधिकारी ने औपबंधिक संबद्धता जारी करने के पूर्व आवेदन की जांच, टिप्पणी और संबद्धता का प्रस्ताव देने वाले कर्मचारी और पदाधिकारी की मांगी गई सूची उपलब्ध नहीं कराई है।

विश्वविद्यालय के लोक सूचना पदाधिकारी सह वित्त पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार पांडेय ने सूचना दी है कि स्वास्थ्य विभाग के फर्जी अनापत्ति पत्र वाले पांच अन्य संस्थानों के आवेदन भी अस्वीकृत कर दिए गए हैं।

इन संस्थानों के आवेदन हुए अस्वीकृत

  1. वैशाली जिले के पटेढ़ी बलसर में एक्जाल्ट कॉलेज आफ फार्मेसी
  2. औरंगाबाद जिले के सरथुआ मोड़ स्थित प्रभु कैलाश कॉलेज ऑफ फार्मेसी
  3. पटना के गौरीचक कंसारी स्थित लालती देवी कॉलेज ऑफ फार्मेसी
  4. सिवान के जीरादेई स्थित प्रतीक कॉलेज ऑफ एजुकेशन
  5. पूर्वी चंपारण का सेमरा स्थित चंपारण इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन

स्वास्थ्य विभाग ने बताया अनापत्ति पत्र फर्जी

स्वास्थ्य विभाग में निजी कॉलेजों की संबद्धता के लिए अलग-अलग प्रशाखा है। फार्मेसी कॉलेजों की संबद्धता संबंधित अनापत्ति के संबंध में कार्यपालक पदाधिकारी रेणु कुमारी के कार्यालय से सूचना मांगी गई। इस पर स्वास्थ्य विभाग के अपर निदेशक सह लोक सूचना पदाधिकारी अलका सिन्हा ने जानकारी दी कि स्वास्थ्य विभाग के ज्ञापांक 17/ एफ-1-09/2023/322 (27) दिनांक 02 नवंबर 2023 का पत्र फर्जी है।

इस पत्र से किसी संस्थान को संबद्धता के लिए अनापत्ति नहीं दी गई है। स्वास्थ्य विभाग ने कुल छह कॉलेजों के अनापत्ति प्रमाणपत्र के फर्जी होने की लिखित सूचना विश्वविद्यालय के कुलसचिव को दी थी।

संबद्धता के लिए आए आवेदन को खुद देखेंगे रजिस्टार

बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय पटना के रजिस्ट्रार विमलेश कुमार झा ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के फर्जी अनापत्ति पत्र के साथ फार्मेसी कॉलेज की संबद्धता के लिए प्रस्तुत किए गए अधूरे आवेदनों को स्वयं देखेंगे। एक संस्थान की संबद्धता फर्जी पत्र के कारण रद की गई है। इसी क्रम में पांच अन्य कालेजों का आवेदन फर्जी अनापत्ति पत्र के कारण अस्वीकृत किए गए हैं। जब तक संचिका नहीं देख लेंगे, अधूरे आवेदन पर संबद्धता के लिए प्रस्ताव को आगे बढ़ाने वाले कर्मचारी और पदाधिकारी की संलिप्तता के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता।

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