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    छपरा सदर अस्‍पताल में स्‍ट्रेचर नहीं मिलने पर लोगों ने किया हंगामा, आइसीयू बेड को तोड़ने की कोशिश

    By Shubh Narayan PathakEdited By:
    Updated: Mon, 15 Feb 2021 01:29 PM (IST)

    छपरा सदर अस्पताल में दुर्घटनाग्रस्त मरीज के स्वजनों ने जमकर किया हंगामा स्ट्रेचर नहीं मिलने से भड़का स्वजनों का आक्रोश अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में नहीं मिला स्ट्रेचर दुर्घटनाग्रस्त मरीज को एंबुलेंस तक ले जाने के लिए स्ट्रेचर की मांग की तो सदर अस्पताल में स्ट्रेचर नहीं उपलब्ध हो सका

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    छपरा सदर अस्‍पताल में हंगामा करते लोग।

    छपरा, जागरण संवाददाता।  छपरा सदर अस्पताल में बीती रात दुर्घटनाग्रस्त मरीज के स्वजनों ने जमकर हंगामा किया। बताते चलें कि दुर्घटनाग्रस्त मरीज को रेफर किए जाने के बाद स्वजनो ने जब मरीज को एंबुलेंस तक ले जाने के लिए स्ट्रेचर की मांग की तो सदर अस्पताल में स्ट्रेचर नहीं उपलब्ध हो सका। उस समय इमरजेंसी वार्ड में स्ट्रेचर था ही नहीं. जिसके बाद स्वजनों का गुस्सा फूट पड़ा।

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    आइसीयू बेड को तोड़ने का किया प्रयास

    इस दौरान मरीज के स्वजनों ने आईसीयू बेड को ही एंबुलेंस तक ले जाना चाहा, लेकिन वह कमरे से बाहर नहीं निकाला जा सका। जिसके बाद आक्रोशित स्वजनों ने आईसीयू बेड को भी पटक उसे तोड़ने का प्रयास किया। इस दौरान अस्पताल प्रशासन मूकदर्शक बना रहा और परिजन आधे घंटे तक अस्पताल में हंगामा करते रहे।

    सड़क हादसे में घायल लोगों का हो रहा था इलाज

    विदित हो कि रविवार की रात जिले के मांझी थाना अंतर्गत मांझी-ताजपुर मुख्य  मार्ग स्थित घोरहट गांव के समीप अनियंत्रित बाइक दुर्घटना में मांझी थाना क्षेत्र के ताजपुर फुलवरिया निवासी सत्येंद्र महतो का पुत्र राकेश कुमार, सोहन महतो का पुत्र मिथिलेश कुमार तथा शहनाज मियां गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जिन्हें छपरा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर चिकित्सा के लिए तीनो को पीएमसीएच रेफर किया गया। वहीं राकेश कुमार की स्थिति काफी नाजुक थी।

    सिविल सर्जन ने बताया मरीज के स्‍वजनों की लापरवाही

    इस मामले में सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने बताया कि सदर अस्पताल में कई स्ट्रेचर है लेकिन परिजन जब मरीज को स्ट्रेचर से अल्ट्रासाउंड या एक्सरे करवाने ले जाते हैं तो वहीं छोड़ जाते हैं। जिसके कारण इमरजेंसी वार्ड में स्ट्रेचर नहीं पहुंच पाता है। वही पोस्टमार्टम के लिए शव को ले जाने वाले परिजन भी स्ट्रेचर को पोस्टमार्टम कक्ष में ही छोड़ देते हैं। जिसको लेकर यह समस्या बीती रात हुई थी।