Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bihar Land Survey: भूमि सर्वेक्षण में सहायक बनेगा सर्वे ऑफ इंडिया का कोर्स, 3 महीने तक फ्री इंस्टॉलेशन

    Updated: Wed, 12 Nov 2025 10:08 PM (IST)

    पटना में भूमि सर्वेक्षण और भू-स्थानिक डेटा के उपयोग पर एक कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें आईआईटी पटना और सर्वे ऑफ इंडिया के विशेषज्ञों ने भाग लिया। कोर्स तकनीक से डेटा तेजी से प्राप्त होगा, जो कृषि, बाढ़ प्रबंधन और खनन निगरानी में उपयोगी होगा। आईआईटी पटना और सर्वे ऑफ इंडिया के बीच एक डिप्लोमा कोर्स भी शुरू किया जाएगा, जिससे भूमि सर्वेक्षण कर्मियों को लाभ होगा।

    Hero Image

    भूमि सर्वेक्षण में सहायक बनेगा सर्वे ऑफ इंडिया का कोर्स, 3 महीने तक फ्री इंस्टॉलेशन

    जागरण संवाददाता, पटना। भूमि सर्वेक्षण और भू-स्थानिक डेटा के सटीक उपयोग को लेकर गुरुवार को राजधानी स्थित होटल ताज में निरंतर संचालित संदर्भ स्टेशन (कोर्स) के बेहतर उपयोग पर कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यक्रम में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) पटना के निदेशक प्रो. टीएन सिंह, डीएसटी बिहार के अनंत कुमार समेत कई विशेषज्ञों ने भाग लिया और तकनीकी चर्चा की।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आईआईटी निदेशक प्रो. सिंह ने बताया कि कोर्स तकनीक से बहुत तेजी से डेटा प्राप्त किया जा सकता है और इसके लिए किसी रेफरेंस की जरूरत नहीं होती। इस प्रणाली से प्राप्त डेटा कृषि, बाढ़ प्रबंधन, पुलों की निगरानी, परिवहन व्यवस्था और पर्यावरणीय अध्ययन में अत्यंत उपयोगी साबित होगा।

    उन्होंने कहा कि यदि नदी किनारे इस प्रणाली को लगाया जाए तो यह बता सकेगा कि आज पानी कितना है और अगले दिन कितना होगा। इसी तरह बालू खनन क्षेत्रों में स्टेशन लगाने से यह पता लगाया जा सकेगा कि रोजाना कितनी माइनिंग हो रही है। इससे मानव श्रम की आवश्यकता कम होगी और कार्य अधिक सुरक्षित बनेगा।

    सर्वे ऑफ इंडिया ने बताया कि तकनीक के प्रचार-प्रसार के लिए तीन महीने तक निशुल्क इंस्टालेशन की सुविधा दी जाएगी। इसके साथ ही आईआईटी पटना और सर्वे आफ इंडिया के बीच एक एमओयू भी हुआ है, जिसके तहत 40 से 80 घंटे की अवधि वाला डिप्लोमा कोर्स शुरू किया जाएगा। यह कोर्स कम लागत में उपलब्ध होगा और भूमि सर्वेक्षण से जुड़े कर्मियों के लिए उपयोगी साबित होगा।

    तीन सेंटीमीटर तक शुद्धता के साथ मिलेगा डेटा

    विभाग के अनुसार, कोर्स के माध्यम से तीन सेंटीमीटर तक शुद्धता के साथ प्राप्त करने की क्षमता है। इसके माध्यम से मैपिंग एवं पसेसिंग सिस्टम में क्रांतिकारी परिवर्तन होगा। यह सिस्टम अन्य देशों में उपयोग किया जा रहा है। इस अवसर पर आईआईटी व भारतीय सर्वेक्षण विभाग के बीच अकादमी एवं तकनीकी सहयोग के लिए एक एमओयू किया गया।

    मौके पर भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एम रामचंद्रडु, सर्वे आफ इंडिया के निदेशक टीपी मलिक, सर्वे आफ इंडिया देहरादून के निदेशक नीरज गुर्जर, सर्वे आफ इंडिया पटना के विंग प्रभारी अभिषेक भी थे।