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    कौन हैं खेसारी लाल को हराने वालीं छोटी कुमारी? छपरा वालों को मिली नईं विधायक

    By Rajiv RanjanEdited By: Nishant Bharti
    Updated: Fri, 14 Nov 2025 08:28 PM (IST)

    छपरा में, छोटी कुमारी ने खेसारी लाल यादव को हराकर विधायक का पद जीता है। एक नई राजनीतिक हस्ती होने के बावजूद, उन्होंने स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करके और जमीनी स्तर पर समर्थन जुटाकर यह सफलता प्राप्त की। खेसारी लाल यादव की हार ने राजनीतिक जगत में हलचल मचा दी है।

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    छपरा की भाजपा प्रत्याशी छोटी कुमारी

    राजीव रंजन, छपरा। छपरा विधानसभा सीट(Chapra election Result) पर इस बार का चुनाव अत्यंत रोचक और चर्चा में रहा। भाजपा प्रत्याशी छोटी कुमारी ने पहली बार चुनावी मैदान में उतरकर राजद उम्मीदवार एवं भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार खेसारी लाल यादव को 7,594 मतों से हराकर बड़ा उलटफेर कर दिया। 

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    पूरे चुनाव अभियान के दौरान यह धारणा बनी हुई थी कि बड़े स्टारडम और लोकप्रियता के कारण खेसारी यादव आसानी से जीत दर्ज करेंगे, लेकिन छोटी कुमारी ने अपनी सूझबूझ, संगठन की मजबूती और कार्यकर्ताओं के जोश के बूते इस धारणा को गलत साबित कर दिया।

    टिकट के लिए काफी प्रयास

    छोटी कुमारी के लिए यह चुनाव आसान नहीं था। पार्टी का टिकट हासिल करने के लिए उन्हें काफी प्रयास करना पड़ा, लेकिन भाजपा नेतृत्व ने उन पर भरोसा जताते हुए उन्हें छपरा सीट से उम्मीदवार बनाया। 

    चुनाव प्रचार के दौरान उनकी सरल छवि, जमीनी जुड़ाव और पति धर्मेंद्र कुमार शाह के लंबे राजनीतिक अनुभव ने उनके अभियान को मजबूती दी। भाजपा कार्यकर्ताओं के उत्साह और चुनावी रणनीति ने भी उनकी जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

    राजनीति में लगभग डेढ़ दशक पहले कदम

    राजनीति में लगभग डेढ़ दशक पहले कदम रखने वाली छोटी कुमारी सारण जिला परिषद की अध्यक्ष रह चुकी हैं। यह अनुभव उनके लिए विधानसभा चुनाव में काफी सहायक सिद्ध हुआ। 

    जिला पार्षद से जिला परिषद अध्यक्ष और अब विधायक बनने तक का उनका सफर प्रेरणादायक माना जा रहा है। छपरा विधानसभा में भी यह जीत ऐतिहासिक है। 

    1962 के बाद पहली बार महिला विधायक

    वर्ष 1962 के बाद पहली बार यहां किसी महिला विधायक का चुनाव हुआ है। इससे पहले कांग्रेस की सुंदरी देवी इस सीट से विधायक बनी थीं। उनके बाद अब छोटी कुमारी ने यह उपलब्धि हासिल कर जिले में महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी को नई दिशा दी है।

    छोटी कुमारी की जीत ने यह संदेश भी दिया है कि लोकप्रियता और ग्लैमर हमेशा चुनावी सफलता की गारंटी नहीं होते। संगठन, रणनीति और जनता का भरोसा ही लोकतंत्र में निर्णायक साबित होता है। 

    छपरा की जनता ने इस बार विकास, सरल नेतृत्व और मजबूत संगठन पर भरोसा जताते हुए राजनीति के इस नए अध्याय की शुरुआत कर दी है।