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    चक्रवात मोंथा ने किसानों की मेहनत पर पानी फेरा, खेतों में धान की फसलें गिरीं

    Updated: Sat, 01 Nov 2025 02:19 PM (IST)

    नरकटियागंज में चक्रवाती तूफान 'मोंथा' ने किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। लगातार बारिश और तेज हवाओं के कारण खेतों में तैयार धान की फसलें गिर गई हैं, जिससे किसानों में चिंता बढ़ गई है। कृषि विभाग से फसल क्षतिपूर्ति की मांग की गई है।

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    चक्रवात मोंथा ने किसानों की मेहनत पर पानी फेरा

    संवाद सहयोगी, नरकटियागंज। चक्रवाती तूफान मोंथा का असर प्रखंड क्षेत्र में खेती-किसानी पर कहर बनकर टूटता दिखाई पड़ रहा है। पिछले तीन दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश और हवाओं ने आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त करने के साथ ही किसानों के लिए बड़ी समस्या खड़ी कर दी है। 

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    प्रखंड के नौतनवा, केसरिया, अंजुआ, पकड़ीढाला, सुगौली, मुरली, कौलाची, पुरैनिया, गोखुला, भसुरारी, राजपुर, बिनवलिया समेत कई गांवों के खेतों में तैयार धान की फसलें गिर गई हैं, जिससे किसानों में भारी बर्बादी की चिंता बढ़ गई है। 

    बीज विक्रेता प्रतीक अग्रवाल ने बताया कि इस बेमौसम बारिश से उन किसानों को भी भारी नुकसान होगा, जिन्होंने हाल ही में सब्जी, तोरी और मसूर जैसी फसलों की बोआई की है। 

    वहीं, कटाई के बाद खेत में पड़े धान को भीगने से सबसे ज्यादा क्षति हुई है। हवा के झोंके ने खड़ी फसलों को भी नुकसान पहुंचाया है। किसानों की कई महीने की मेहनत पर बारिश का पानी फिर गया है।

    किसानों में गहरी हुई चिंता

    प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत किसानों में फसल बर्बाद होने की गहरी चिंता है। नौतनवा के किसान जाकिर हुसैन, तपेश्वर राम, रेयाज अहमद, पकड़ीढाला के चंदन साह, सुशील पाल, गोवर्धन साह, अंजुआ के उमेश यादव, अखिलेश साह, जनक यादव, भभटा के दरोगा राम, अवध किशोर पटेल, अनिल यादव, धनीलाल साह, चक्की पकड़ी के विनोद चौरसिया, अरुण भगत आदि का कहना है कि जब फसल को पानी की जरूरत थी तब बारिश नहीं हुई, और अब धान पकने तथा कटाई के समय हो रही यह वर्षा भारी नुकसान पहुंचा रही है। बारिश और हवा के चलते खेतों में तैयार धान की बालियां गिर गई हैं, और कटी हुई फसल भी भीग गई है।

    किसान हित में प्रमुख ने उठाई मांग

    प्रखंड प्रमुख सुनैना देवी ने कृषि विभाग के पदाधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए किसान हित में फसल क्षति पूर्ति की मांग की है। प्रमुख प्रतिनिधि चंदन कुमार साह ने कहा कि चक्रवात की मानसून के चलते प्रखंड के बहुतेरे किसानों की फसलें बर्बाद हुई है। जगह जगह धान की फसलें खेत में गिर गई है। कृषि विभाग को चाहिए कि सर्वे कर पीड़ित किसानों को फसल क्षति का लाभ दें

    धान की फसल खेतों में हवा के कारण गिर गई है, उसका अधिक नुकसान होने की संभावना है। गन्ने के खेतों में यदि अधिक पानी भर गया है तो जल निकास का उचित प्रबंध करें। ऐसा न करने उत्पादन घट सकता है। जिन किसानों ने सब्जी, सरसों, अलसी, मटर, मसूर, चना की बुवाई की है और वो जमा नहीं है तो जमाव प्रभावित हो सकता है।- डॉ. आरपी सिंह, वरीय वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र, नरकटियागंज।