West Champaran News: महिला की मौत मामले में स्वास्थ्य विभाग ने मांगा अस्पताल का लाइसेंस और डाक्टरों का प्रमाण पत्र
नरकटियागंज के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान महिला की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल प्रशासन से लाइसेंस और डॉक्टरों के प्रमाण पत्र मांगे हैं। परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल में तोड़फोड़ की थी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला। अस्पताल प्रशासन को दस्तावेज जमा करने के लिए दो दिन का समय दिया गया है, जिसके बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

इस खबर में प्रतीकात्मक तस्वीर लगाई गई है।
जागरण संवाददाता, नरकटियागंज (पश्चिम चंपारण)। नगर के नंदपुर ढाला स्थित प्राइवेट संचालित अस्पताल में एक नवंबर को इलाज के दौरान महिला की हुई मौत के मामले में स्वास्थ्य विभाग गंभीर रुख अपनाया है।
अनुमंडल अस्पताल प्रशासन ने उस अस्पताल संचालक को पत्र भेजकर लाइसेंस, चिकित्सकों के प्रमाणपत्र और मानक संबंधित सभी जरूरी दस्तावेज दो दिनों के भीतर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
प्रशासन की ओर से साफ चेतावनी दी गई है कि यदि निर्धारित समय सीमा के भीतर अस्पताल द्वारा मांगे गए दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए जाते हैं तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
बताया जाता है कि एक नवंबर को नरकटिया गांव निवासी अनिल राम की पत्नी सुनीता देवी (30) की मौत इलाज के दौरान हो गई थी।
मामूली पेट दर्द की शिकायत पर परिजन उन्हें उम्मीद अस्पताल लाए थे, जहां डॉक्टरों ने इलाज शुरू किया।परिजनों का आरोप था कि इलाज के दौरान तीन से चार इंजेक्शन दिए गए, जिसके बाद मरीज की स्थिति और बिगड़ गई।
इसके बावजूद डॉक्टरों ने उचित इलाज नहीं किया और ढाई लाख रुपये की मांग की। लापरवाही और देरी के कारण महिला की मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही शिकारपुर पुलिस मौके पर पहुंची और आक्रोशित परिजनों को समझा-बुझाकर शांत कराया।
घटना के बाद गुस्साए परिजनों ने अस्पताल परिसर में हंगामा और तोड़फोड़ की। उन्होंने दवा दुकान और कुछ उपकरणों को नुकसान पहुंचाया था। वहीं, हंगामे के दौरान चिकित्सक और अस्पताल कर्मी मौके से फरार हो गए थे।
सूत्रों के अनुसार बाद में अस्पताल संचालक की ओर से मृतका के परिजनों से मामला मैनेज करने की बात भी सामने आई है। इस बीच अनुमंडल अस्पताल प्रशासन ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।
महिला की मौत की सूचना मिलने के बाद उम्मीद अस्पताल की जांच कर नियमसंगत कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अस्पताल का लाइसेंस, चिकित्सकों की डिग्रियां और अन्य जरूरी कागजात मांगे गए हैं। यदि अस्पताल बिना लाइसेंस संचालित पाया गया, तो स्वास्थ्य विभाग कानूनी कार्रवाई करेगा।
डॉ संजीव कुमार,प्रभारी उपाधीक्षक, अनुमंडल अस्पताल, नरकटियागंज

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