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    इस काम में इस्तेमाल नहीं हो सकेगा आधार कार्ड, माता-पिता को हो सकती है परेशानी; जरूरी काम जाएंगे अटक

    Updated: Tue, 02 Dec 2025 01:44 PM (IST)

    Aadhaar Card: उत्तर प्रदेश सरकार ने आधार कार्ड को जन्म प्रमाण पत्र के रूप में अमान्य घोषित कर दिया है। अब इसे जन्मतिथि के सबूत के तौर पर स्वीकार नहीं किया जाएगा। सरकार का कहना है कि आधार कार्ड में जन्म का आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं होता, इसलिए यह असली दस्तावेज नहीं है। महाराष्ट्र सरकार ने भी आधार कार्ड से जारी जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र वापस लेने की बात कही है। यह कदम अवैध प्रवासियों पर नियंत्रण के लिए उठाया गया है।

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    इस काम में इस्तेमाल नहीं हो सकेगा आधार कार्ड, माता-पिता को हो सकती है परेशानी; जरूरी काम जाएंगे अटक

    नई दिल्ली। आज के समय में आधार कार्ड (Aadhaar Card) का इस्तेमाल हर जगह होता है।कोई भी काम हो, हर जगह आधार कार्ड मुख्य डॉक्यूमेंट के रूप में इस्तेमाल होता है। लेकिन अगर आप उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं तो यह खबर आपको जरूर पढ़ना चाहिए। क्योंकि अब यूपी में एक जरूरी काम के लिए आधार कार्ड मान्य नहीं होगा। दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार ने साफ किया है कि आधार कार्ड अब बर्थ सर्टिफिकेट या जन्म की तारीख के सबूत के तौर पर स्वीकार नहीं किए जाएगा।

    उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से यह निर्देश तब जारी किया गया जब राज्य के प्लानिंग डिपार्टमेंट ने इस बात पर जोर दिया कि आधार कार्ड में कोई भी ऑफिशियली सर्टिफाइड बर्थ रिकॉर्ड नहीं होता है, और इसलिए इसे किसी व्यक्ति की जन्म की जानकारी साबित करने के लिए एक असली डॉक्यूमेंट नहीं माना जा सकता है।

    ऑफिशियल ऑर्डर में, प्लानिंग डिपार्टमेंट के स्पेशल सेक्रेटरी अमित सिंह बंसल ने सभी राज्य डिपार्टमेंट को जन्म से जुड़े वेरिफिकेशन के लिए आधार कार्ड स्वीकार करना बंद करने का निर्देश दिया। नोटिस में बताया गया है कि आधार मुख्य रूप से एक पहचान और पते का सबूत है, न कि जन्म की जानकारी रिकॉर्ड करने वाला डॉक्यूमेंट।

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    Aadhaar Card को लेकर महाराष्ट्र सरकार ने भी कही यह बात

    महाराष्ट्र सरकार ने यह भी कहा है कि 11 अगस्त, 2023 के बाद आधार कार्ड के आधार पर देर से हुए जन्म और मृत्यु के लिए जारी किए गए सर्टिफिकेट वापस ले लिए जाने चाहिए। महाराष्ट्र सरकार ने यह भी कहा कि सिर्फ आधार कार्ड (बिना स्कूल सर्टिफिकेट या जन्म की तारीख/जगह के किसी सबूत के) के आधार पर जारी किए गए देरी से जारी बर्थ सर्टिफिकेट की भी समीक्षा की जाएगी।

    उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने ऑर्डर में यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI), रीजनल ऑफिस, लखनऊ के डिप्टी डायरेक्टर के लेटर नंबर 16013/4/2020-RO-LKO/5416 तारीख 31.10.2025 का जिक्र किया है।

    यह कदम उत्तर प्रदेश में अवैध इमिग्रेंट्स की पहचान और बॉर्डर पर जांच तेज करने के साथ आया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में जिला प्रशासन को टेम्पररी डिटेंशन सेंटर बनाने का आदेश दिया है, खासकर अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों को टारगेट करते हुए। नेपाल के साथ खुली सीमा के कारण, UP में ज्यादा सतर्कता रहती है।

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