विदेशी मुद्रा भंडार में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट, अब क्या करेगा आरबीआई?
पिछले छह सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में कुल मिलाकर 30 अरब डॉलर की कमी दर्ज की गई है। सितंबर के अंत में यह 704.89 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चस्तर से वर्तमान में 47 अरब डॉलर कम है। आरबीआई लगातार रुपये में गिरावट रोकने के डॉलर की बिक्री कर रहा है जिसके चलते विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई है।
रॉयटर्स, मुंबई। 15 नवंबर को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 17.76 अरब डॉलर घटकर 657.89 अरब डॉलर रह गया है। यह चार महीने का निचला स्तर है। 1998 के बाद यह एक सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में सबसे बड़ी गिरावट है। विशेषज्ञों के मुताबिक, अमेरिकी चुनाव के नतीजों के बाद डॉलर के मजबूत होने और रुपए की गिरावट को सीमित करने के लिए केंद्रीय बैंक द्वारा अपने भंडार से बिक्री के चलते विदेशी मुद्रा भंडार में यह गिरावट आई है।
पिछले छह सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में कुल मिलाकर 30 अरब डॉलर की कमी दर्ज की गई है। सितंबर के अंत में यह 704.89 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चस्तर से वर्तमान में 47 अरब डॉलर कम है। मुद्रा भंडार का प्रमुख घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां 15.548 अरब डॉलर घटकर 569.835 अरब डॉलर रह गईं।
हालिया गिरावट के बावजूद, हमारा मानना है कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार सभी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। यह 11 महीनों के आयात को आराम से पूरा कर सकता है।
अदिति गुप्ता, अर्थशास्त्री, बैंक ऑफ बड़ौदा
डॉलर के संदर्भ में व्यक्त विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की वृद्धि या मूल्यह्रास का प्रभाव शामिल होता है। इस दौरान स्वर्ण भंडार 2.068 अरब डॉलर घटकर 65.746 अरब डॉलर रह गया। विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 9.4 करोड़ डॉलर घटकर 18.064 अरब डॉलर रह गया।
आईएमएफ के साथ भारत की आरक्षित स्थिति भी 5.1 करोड़ डॉलर घटकर 4.247 अरब डॉलर रह गई। आइडीएफसी फर्स्ट बैंक में भारत के अर्थशास्त्री गौरा सेन गुप्ता ने कहा कि 15 नवंबर के सप्ताह में आरबीआई ने 7.2 अरब मूल्य के डॉलर बेचे होंगे। पिछले सप्ताह डॉलर के मुकाबले रुपया 84.41 के अपने रिकार्ड निचले स्तर पर आ गया था। सत्र की शुरुआत में 84.5075 के सर्वकालिक निचले स्तर को छूने के बाद विदेशी मुद्रा शुक्रवार को 84.4450 पर बंद हुई।
रुपये में उतार-चढ़ाव जारी
रुपया शुक्रवार अपने सर्वकालिक निम्नतम स्तर से उबरकर शुक्रवार को 6 पैसे बढ़कर 84.44 प्रति डॉलर (अनंतिम) पर बंद हुआ। इससे पहले गुरुवार को रुपये में 8 पैसे गिरावट की गिरावट आई थी और यह 84.5 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था। यह रुपये का अब तक सबसे निचला स्तर है। इक्विटी मार्केट में विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली क चलते रुपया कमजोर हो रहा है।यह भी पढ़ें : Gold vs Bitcoin: गोल्ड या बिटकॉइन... किसमें करें निवेश, कौन देगा तगड़ा मुनाफा?