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भारतीय अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में 9.5 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है: अरविंद विरमानी

विरमानी ने उद्योग निकाय पीएचडीसीसीआई द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि सरकारी खर्च और निर्यात काफी अधिक हैं लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण निजी खपत में सुधार नहीं हुआ है। जानेमाने अर्थशास्त्री ने कहा कि भारत की जीडीपी वृद्धि अब सकारात्मक है

By NiteshEdited By: Updated: Tue, 11 Jan 2022 01:42 PM (IST)
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Indian economy to see 9 5 percent growth this fiscal Arvind Virmani
नई दिल्ली, पीटीआइ। पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद विरमानी ने मंगलवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के चालू वित्त वर्ष में 9.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने की संभावना है। विरमानी ने उद्योग निकाय पीएचडीसीसीआई द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि सरकारी खर्च और निर्यात काफी अधिक हैं, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण निजी खपत में सुधार नहीं हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा वित्त वर्ष की वृद्धि दर अधिक और 9.5 प्रतिशत के करीब होगी। इस दशक (वित्त वर्ष 2020-21 से 2029-30 तक) की औसत वृद्धि 7.5 प्रतिशत रहेगी, जिसमें ऊपर-नीचे आधा प्रतिशत का अंतर आ सकता है।’’

हाल के सरकारी आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 9.2 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है, जबकि 2020-21 में यह आंकड़ा ऋणात्मक 7.3 प्रतिशत था।

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जानेमाने अर्थशास्त्री ने कहा कि भारत की जीडीपी वृद्धि अब सकारात्मक है, लेकिन रोजगार में वृद्धि पिछड़ रही है।

उन्होंने समावेशी विकास के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि आधुनिक एमएसएमई को कॉरपोरेट क्षेत्र के साथ प्रतिस्पर्धा करने का पूरा मौका मिलना चाहिए।विरमानी ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने आर्थिक सुधार को प्रभावित किया और कर सुधारों को आगे बढ़ाया।

गौरतलब है कि शुक्रवार को राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, 2020-21 में 7.3% के संकुचन की तुलना में चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी 9.2 फीसद बढ़ने का अनुमान है। मुख्य रूप से कृषि और विनिर्माण क्षेत्रों के प्रदर्शन में सुधार की वजह से यह वृद्धि देखी जा सकती है। एनएसओ ने कहा 2021-22 के लिए राष्ट्रीय आय का पहला एडवांस अनुमान, 2020-21 में 7.3 फीसद के संकुचन की तुलना में 2021-22 के दौरान वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद में 9.2 फीसद वृद्धि होने का अनुमान है।