आम आदमी को बड़ी राहत! अभी और दिखेगा GST Rate Cut का फायदा, आने वाले समय में कम महंगाई होगी
एचएसबीसी ग्लोबल इन्वेस्टमेंट रिसर्च में भारत में आने वाली महंगाई से संबंधित कई बातें सामने आई है। इनका फायदा आम आदमी को होने वाला है। रिसर्च में ये बात सामने आई है कि सितंबर में होने वाली जीएसटी रेट कट का फायदा अभी पूरी तरह से नहीं मिला है।

नई दिल्ली, आईएएनएस। वित्त वर्ष 2025-26 में भारत का महंगाई दर 2 प्रतिशत के नीचे और विकास दर 7.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह जानकारी मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।
एचएसबीसी ग्लोबल इन्वेस्टमेंट रिसर्च की ओर से कहा गया कि अक्टूबर में महंगाई दर 0.25 प्रतिशत रही है। इसमें सितंबर में हुई जीएसटी दर की कटौती का केवल एक तिहाई प्रभाव ही देखने को मिला। इसलिए आने वाले समय में भी महंगाई दर में और गिरावट देखने को मिल सकती है।
रिपोर्ट में कहा गया,"हमें नहीं लगता कि जीएसटी दरों में कटौती का असर केवल छोटे समय में दिखेगा। हमारा मानना है कि इससे महंगाई दर में काफी लंबे समय तक कमी आएगी। इसका मौद्रिक नीति पर भी असर पड़ेगा।"
इसके साथ ही रिसर्च फर्म ने कहा कि वित्त वर्ष 2026-27 में भी देश का महंगाई दर आरबीआई के लक्ष्य से 4 प्रतिशत कम रह सकता है।
रिपोर्ट में बताया गया कि दिसंबर तिमाही तक जीडीपी ग्रोथ मजबूत रह सकती है, लेकिन जीएसटी सुधार का असर कम होने के कारण मार्च में वृद्धि दर में हल्की नरमी देखने को मिल सकती है। साथ ही, इसमें राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पाने के लिए खर्च में सतर्कता और टैरिफ के कारण निर्यात में कमी जैसे कारक भी योगदान देंगे।
एचएसबीसी ग्लोबल इन्वेस्टमेंट रिसर्च में अर्थशास्त्री अर्थशास्त्री/रणनीतिकार प्रांजुल भंडारी ने कहा, "लगता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था एक साल पहले मुद्रास्फीति से पैदा हुई मंदी के संकेतों से उबरकर अब एक मजबूत स्थिति में पहुंच गई है। सितंबर तिमाही में 8.2 प्रतिशत की मजबूत जीडीपी वृद्धि को चक्रीय वृद्धि के साथ-साथ सांख्यिकीय विसंगतियों का भी लाभ मिला है।"
उन्होंने आगे कहा कि मजबूत बारिश, मौद्रिक नीति, राजकोषीय खर्च और जीएसटी में कटौती जैसे कारक मिलकर अर्थव्यवस्था की गति में सकारात्मक योगदान दे रहे हैं।
भारतीय अर्थव्यवस्था ने वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर अवधि) में 8.2 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर हासिल की है, जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की विकास दर 5.6 प्रतिशत से काफी अधिक है।
इससे वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही में विकास दर 8 प्रतिशत की हो गई है, जो कि वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही में 6.1 प्रतिशत थी।

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