Market Outlook: चुनावी नतीजों का दिखेगा असर, मार्केट एनालिस्ट ने बताया कौन-से हैं अहम फैक्टर्स
Market Outlook शेयर बाजार में कल से नया कारोबारी हफ्ता शुरू हो जाएगा। इस सप्ताह भी कई फैक्टर्स बाजार की चाल को प्रभावित करेंगे। ऐसे में निवेशकों को इन सभी फैक्टर्स पर ध्यान देने की आवश्यकता है। मार्केट एनलिस्ट के अनुसार शनिवार को आए विधानसभा चुनाव के नतीजों का असर शेयर बाजार पर पड़ेगा। आइए इस रिपोर्ट में विस्तार से जानते हैं।
पीटीआई, नई दिल्ली। शेयर बाजार में कल से नवंबर महीना का आखिरी कारोबारी हफ्ता शुरू होगा। यह हफ्ता कई कारणों से जरूरी रहने वाला है। इस हफ्ते बाजार की चाल को कई फैक्टर्स इफेक्ट करेंगे। ऐसे में निवेशकों को हम नीचे बताएंगे कि इस हफ्ते शेयर बाजार के लिए कौन-से फैक्टर्स अहम रहने वाले हैं।
ये फैक्टर्स रहेंगे अहम
मार्केट एनलिस्ट के अनुसार ग्लोबल ट्रेंड्स और एफआईआई ट्रेडिंग एक्टिविटी के अलावा विधानसभा चुनाव के नतीजों का भी असर स्टॉक मार्केट पर पड़ेगा। शुक्रवार को शेयर बाजार के दोनों सूचकांक यानी बीएसई और एनएसई तेजी के साथ बंद हुए थे। इस तेजी ने बाजार को राहत की सांस दी। दरअसल, पिछले कुछ हफ्तों से बाजार में करेक्शन हो रहा था। इस करेक्शन के कारण दोनों सूचकांक अपने ऑन-टाइम हाई से गिरकर निचले स्तर पर पहुंच गए। आपको बता दें कि पिछले पांच महीनों में यह पहली बार है कि जब एक कारोबारी सत्र में स्टॉक एक्सचेंज 2.5 फीसदी चढ़ा है।
शुक्रवार को सेंसेक्स 1,961.32 अंक या 2.54 फीसदी की बढ़त के साथ 79,117.11 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी भी 557.35 अंक या 2.39 फीसदी की तेजी के साथ 23,907.25 अंक पर बंद हुआ।
महाराष्ट्र और झारखंड में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे भी स्टॉक मार्केट के लिए काफी अहम रहने वाले हैं। महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन बहुमत के साथ जीता है। यह जीत स्टॉक मार्केट को इफेक्ट कर सकता है। हालांकि, इस एक-तरफा जीत के बाद शेयर बाजार में तेजी आने की उम्मीद है।
स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के अनुसंधान प्रमुख संतोष मीना
इसके आगे संतोष मीना ने कहा कि चुनावी जीत के बाद जहां एक तरफ तेजी की उम्मीद है तो वहीं भू-राजनीतिक चिंताओं के कारण बाजार को गिरावट का सामना भी करना पड़ सकता है। दरअसल, रूस और यूक्रेन के बीच चल रही चिंता के कारण क्रूड ऑयल की कीमतों में एक बार फिर से तेजी आई। एफआईआई फ्लो के कारण हाल में ही शेयर बाजार में करेक्शन हुआ है। ऐसे में आगे भी निवेशकों को एफआईआई फ्लो पर नजर बनाए रखने की जरूरत है।
यूएस डॉलर इंडेक्स के मजबूत होने और यूएस बॉन्ड यील्ड में तेजी आने के कारण विदेशी निवेशकों ने आउटफ्लो का रूख अपनाया है।
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