आने वाले हैं अच्छे दिन! अंडमान सागर ही नहीं, बीते 3 साल में देश के इन 20 जगहों पर हो चुकी है तेल और गैस की खोज
Crude Oil and gas reserves Discovery: पिछले तीन वर्षों में अंडमान सागर समेत भारत में 20 जगहों पर तेल और गैस के नए भंडार मिले हैं। इससे देश की ऊर्जा सुरक्षा बढ़ने की उम्मीद है। सरकार का लक्ष्य घरेलू उत्पादन बढ़ाकर ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करना है।

आने वाले हैं अच्छे दिन! अंडमान सागर ही नहीं, बीते 3 साल में देश के इन 20 जगहों पर हो चुकी है तेल और गैस की खोज
नई दिल्ला। भारत कच्चे तेल की खोज में लगातार आगे बढ़ रहा है। देश के अलग-अलग हिस्सों में कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस की खोज की जा रही है। हाल ही में अंडमान सागर में श्री विजयपुरम-2 कुएं में प्राकृतिक गैस का भंडार मिला था। इन सबके बीच संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार की ओर से नई जानकारी दी गई है, जिसमें बताया गया है कि भारत ने 3 साल में 20 जगहों पर कच्चे तेल (Oil Field) और प्राकृतिक गैस की खोज की है। राज्य सभा सांसद संजय राउत ने सरकार से इस कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस की खोज से संबंधित 5 अलग-अलग सवाल पूछे थे। इन्हीं सवालों के जवाब में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में राज्य मंत्री सुरेश गोपी ने जवाब दिया।
3 साल में 20 जगहों पर हुई कच्चे तेल और गैस की खोज
सुरेश गोपी ने जवाब देते हुए कहा कि सरकार अंडमान-निकोबार (AN) बेसिन में हाइड्रोकार्बन रिजर्व की खोज और पहचान के लिए लगातार कदम उठा रही है, ताकि वे देश की लंबे समय की एनर्जी सिक्योरिटी में योगदान दे सकें और इम्पोर्ट पर निर्भरता कम कर सकें। भारत के हाइड्रोकार्बन रिसोर्स असेसमेंट स्टडी (HRAS) का अनुमान है कि AN बेसिन में 371 मिलियन मीट्रिक टन ऑयल इक्विवेलेंट (MMTOE) के हाइड्रोकार्बन रिसोर्स हैं। HRAS 2017 के बाद, 2024 में एक 2D ब्रॉडबैंड सिस्मिक सर्वे पूरा किया गया है, जिसमें भारत के एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन (अंडमान ऑफशोर सहित) के लगभग 80,000 लाइन किलोमीटर को कवर किया गया है। AN बेसिन में ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL) द्वारा ड्रिल किए गए कुओं में हाइड्रोकार्बन की मौजूदगी के संकेत देखे गए हैं, जिसमें श्री विजयपुरम 2 कुएं में नेचुरल गैस होने की सूचना मिली थी।
सरकार की ओर से जवाब में बताया गया कि बीते 3 साल में 20 जगहों पर तेल और प्राकृतिक गैस की खोज हुई है। नीचे हमने टेबल में उन खोजों को दर्शाया है।
| क्रमांक | नाम | हाइड्रोकॉर्बन | ब्लॉक | बेसिन | खोज की अधिसूचना (NoD) |
| 1 | RE-7 | तेल | रव्वा | कृष्णा गोदावरी | 23-08-2022 |
| 2 | RF-10 | तेल | रव्वा | कृष्णा गोदावरी | 02-12-2022 |
| 3 | मंडपेटा-60 | गैस | मंडपेटा-PML | कृष्णा गोदावरी | 28-07-2022 |
| 4 | मल्लेश्वरम-22 | गैस | मल्लेश्वरम-फील्ड PML | कृष्णा गोदावरी | 30-08-2022 |
| 5 | केसनापल्ली वेस्ट डीप-7 | तेल और गैस | ML-AD-PO (सरफेस) ML-वैनेटेया (सबसरफेस) | कृष्णा गोदावरी | 23-09-2022 |
| 6 | करुगोरमिली-1 | गैस | ML-गोदावरी ऑनलैंड | कृष्णा गोदावरी | 23-09-2022 |
| 7 | GS-15-22(AU) | गैस | ML-वैनेटेयम | कृष्णा गोदावरी | 23-09-2022 |
| 8 | हाटीपोटी-1 | तेल और गैस | ML-मेकेपोर-संतक-नजीरा | कृष्णा गोदावरी | 29-03-2023 |
| 9 | सेसबिल-1 | तेल | हुजरीजान PML | असम शेल्फ | 10-12-2022 |
| 10 | गोपवरम-21 (GMDL) | तेल | श्रीकातपल्ली-पसरलापुडी-24 और गोपावरा PML | असम शेल्फ | 14-06-2023 |
| 11 | साउथ महादेवपतिनम-2 | गैस | ML-महादेवपटनम | कृष्णा गोदावरी | 03-10-2023 |
| 12 | चितबारी-1 (GOAI_Sub) | गैस | ML-गोजालिया फील्ड | कृष्णा गोदावरी | 02-01-2024 |
| 13 | तालमुरा-3 (TMAB) | गैस | ML-वेस्ट त्रिपुरा | असम अराकान | 01-02-2024 |
| 14 | ईस्ट लखीबारी-6 (ELDA) | तेल | ML-ईस्ट लखीबारी | असम अराकान | 21-03-2024 |
| 15 | साउथ बाघजन-10 | तेल | तिनसुकियाएक्सटेंशन PML | असम शेल्फ | 16-06-2023 |
| 16 | चोला-1 | गैस | CY-UDWHP-2019/1 | कावेरी | 09-08-2024 |
| 17 | रुद्र | गैस | AA-ONHP-2017/4 | असम अराकान | 28-02-2025 |
| 18 | यंदापल्ली-1 (YPAA) | तेल | मल्लेश्वरम PML | कृष्णा गोदावरी | 25-03-2025 |
| 19 | मेचाकी-6 | तेल | मेचाकी PML | असम अराकान | 11-07-2024 |
| 20 | मेचाकी-7 | गैस | मेचाकी PML | असम अराकान | 09-01-2025 |
सरकार की ओर से कहा गया कि पर्यावरण सुरक्षा के उपाय पक्का करने के लिए, खोज का काम EIA नोटिफिकेशन, 2006 (जैसा बदला गया है) के तहत जरूरी मंजूरी मिलने के बाद ही शुरू हो सकता है। EIA प्रोसेस में साइंटिफिक असेसमेंट, स्टेकहोल्डर से सलाह (स्थानीय समुदायों और मछुआरों के साथ), और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF&CC) से मंजूरी शामिल है।
उन्होंने आगे कहा कि ये मंजूरी मिलने के बाद ही, कंपनियां सभी जरूरी सुरक्षा उपायों के साथ काम शुरू कर सकती हैं। इसके अलावा, संसद ने हाल ही में ऑयलफील्ड्स (रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट) अमेंडमेंट एक्ट, 2025 लागू किया है, जो अपस्ट्रीम सेक्टर में पर्यावरण की स्थिरता, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और तेजी से कमर्शियलाइजेशन को बढ़ावा देता है।
ऑयलफील्ड (रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट) अमेंडमेंट एक्ट, 2025 की खास बातें
- पेट्रोलियम ऑपरेशन को माइनिंग ऑपरेशन से अलग करना।
- "मिनरल ऑयल्स" शब्द का दायरा बढ़ाना।
- "पेट्रोलियम लीज" का कॉन्सेप्ट लाना।
- पक्की शर्तों पर लीज देना।
- अलग-अलग काम के पहलुओं को कंट्रोल करने के लिए बनाए गए नियमों के ज़रिए पेट्रोलियम ऑपरेशन को मजबूत करना, जैसे कि लीज देना, उन्हें बढ़ाना या रिन्यू करना, ऑयलफील्ड्स में इंफ्रास्ट्रक्चर और सुरक्षा सहित प्रोडक्शन और प्रोसेसिंग सुविधाओं को शेयर करना।
- विवादों को असरदार तरीके से सुलझाने का इंतजाम करना।
- एक्ट के नियमों को गैर-अपराध बनाना।
- पेनल्टी लगाना, एक एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी द्वारा फैसला सुनाना और एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी के आदेश के खिलाफ अपील करना।
- ऑयलफील्ड्स में मिनरल ऑयल के साथ-साथ विंड और सोलर एनर्जी का इस्तेमाल करने के लिए बड़े एनर्जी प्रोजेक्ट्स के डेवलपमेंट को मुमकिन बनाकर एनर्जी ट्रांजिशन को आसान बनाने के लिए माहौल बनाना।
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