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    EPFO: नौकरी चली जाने के बाद PF खाता चालू रखने के लिए उसमें दे सकते हैं योगदान? जानें क्या कहता है नियम

    Updated: Tue, 02 Dec 2025 02:16 PM (IST)

    EPFO News: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के नियमों के अनुसार, नौकरी छूट जाने या छोड़ देने की स्थिति में कर्मचारी स्वयं अपने पीएफ खाते में योगदान नहीं कर सकता। यह सुविधा केवल कार्यरत कर्मचारियों के लिए है, जहां नियोक्ता और कर्मचारी दोनों का योगदान अनिवार्य है। नौकरी जाने के बाद खाता कुछ समय के लिए सक्रिय रहता है, लेकिन स्वैच्छिक योगदान संभव नहीं है।

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    EPFO: नौकरी चली जाने के बाद PF खाता चालू रखने के लिए उसमें दे सकते हैं योगदान? जानें क्या कहता है नियम

    नई दिल्ली। EPFO News: प्राइवेट नौकरी में काम करने वाले अधिकतर लोगों का पीएफ कटता है। उनका पीएफ EPFO के तहत काटा जाता है। कुछ हिस्सा कर्मचारी तो कुछ हिस्सा नियोक्ता यानी कंपनी जमा करती है। लेकिन कई बार होता है कि नौकरी चली जाती है या फिर कर्मचारी खुद ही छोड़ देता है, तो क्या ऐसी स्थिति में पीएफ खाता चालू रखने के लिए उसमें अपनी तरफ से योगदान दे सकते हैं? इस सवाल को लेकर बहुत से लोगों को कन्फ्यूजन रहता है। आज हम आपके इसी कन्फ्यूजन को दूर करेंगे।

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    PF कौन काटता है?

    एम्प्लॉयर की जिम्मेदारी है कि वह एम्प्लॉई की सैलरी से PF काटे और एम्प्लॉई और एम्प्लॉयर दोनों का कंट्रीब्यूशन एम्प्लाइज प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (EPFO) में जमा करे। एम्प्लॉयर को पेमेंट से पहले एम्प्लॉई का हिस्सा उनकी सैलरी से काटना होगा और उसे अपने मैचिंग कंट्रीब्यूशन के साथ मिलाना होगा। ऐसे में अगर आप नौकरी करते हैं तो आपकी कंपनी की ये जिम्मेदारी है कि वह आपका पीएफ काटे और फिर उसे जमा करें। लेकिन अगर आप नौकरी नहीं करते हैं तो आपका पीएफ नहीं कटेगा।

    क्या खुद से जमा कर सकते हैं पीएफ?

    अगर आपकी नौकरी चली जाती है तो पीएफ अकाउंट में खुद से पैसा नहीं जमा कर सकते हैं। नियोक्ता ही आपके पीएफ पैसों को जमा करता है। अगर आप खुद भी नौकरी छोड़ते हैं तो भी आप पीएफ खाता चालू रखने के लिए खुद से योगदान नहीं दे सकते हैं।

    नौकरी छूटने या नौकरी छोड़ने के बाद कोई कर्मचारी अपनी मर्जी से अपने एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड (EPF) अकाउंट में कंट्रीब्यूशन नहीं कर सकता है। EPF स्कीम के लिए एम्प्लॉयर और एम्प्लॉई दोनों को मैचिंग कंट्रीब्यूशन करना होता है; एम्प्लॉयर के बिना कोई कंट्रीब्यूशन नहीं किया जा सकता है।

    EPF आपकी नौकरी से जुड़ा होता है। नौकरी जाने के बाद, कंट्रीब्यूशन बंद हो जाता है। एम्प्लॉयर के मैचिंग शेयर के बिना आप खुद अकाउंट में कंट्रीब्यूट नहीं कर सकते। आपका EPF अकाउंट तुरंत बंद नहीं होता है। यह एक्टिव रहता है और आखिरी कंट्रीब्यूशन की तारीख से 36 महीने (3 साल) तक ब्याज मिलता रहता है।

    एक बार अकाउंट इनऑपरेटिव हो जाता है, तो उस पर ब्याज मिलना बंद हो जाता है। बैलेंस एम्प्लाइज प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (EPFO) के पास सुरक्षित रहता है, लेकिन यह आगे नहीं बढ़ेगा।

    यह भी पढ़ें- EPFO: अगर आपकी कंपनी PF देर से जमा कर रही है तो क्या करें? आपके साथ भी हो रहा है ऐसा, तो तुरंत करें ये काम

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