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U-19 World Cup: कभी लकड़ी की छड़ी से खेला करती थी क्रिकेट, अपने जुनून के चलते आज बन गई है भारत की सुपरस्टार

Soumya Tiwari IND W vs ENG W भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने अंडर-19 टी-20 विश्व कप का खिताब जीत लिया है। बता दें कि इंग्लैंड (IND W vs ENG W) को फाइनल मैच में भारतीय टीम ने 7 विकेट से मात देते हुए पहली बार विश्व चैंपियन बन गई।

By Priyanka JoshiEdited By: Priyanka JoshiUpdated: Mon, 30 Jan 2023 04:46 PM (IST)
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Soumya Tiwari Struggle Story, IND W vs ENG W U-19 T20 WC 2023

नई दिल्ली, स्पोर्ट्स डेस्क। Soumya Tiwari Struggle Story, IND W vs ENG W U-19 T20 WC।भारतीय महिला क्रिकेट टीम (Indian U-19 Women Cricket Team) ने अंडर-19 टी-20 विश्व कप का खिताब जीत लिया है। बता दें कि इंग्लैंड (IND W vs ENG W) को फाइनल मैच में भारतीय टीम ने 7 विकेट से मात देते हुए पहली बार विश्व चैंपियन बन गई।

भारत की जीत में सौम्या तिवारी (Soumya Tiwari) ने अहम भूमिका निभाई। उन्होंने फाइनल मैच में 37 गेंदों पर नाबाद 24 रनों की पारी खेली। ऐसे में इस आर्टिकल के जरिए जानते हैं सौम्या की जिंदगी की दिलचस्प कहानी और बातें जो उनके घरवालों ने खुद बताई।

बचपन से ही Soumya Tiwari को था क्रिकेट का शौक

दरअसल, भारतीय महिला अंडर-19 क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड (IND W vs ENG W) को टी-20 विश्व कप के फाइनल मैच में 7 विकेट से हराते हुए विश्व कप का खिताब जीत लिया। भारतीय टीम की जीत में सौम्या तिवारी (Soumya Tiwari) ने बल्ले से अहम योगदान दिया। उनके बल्ले से उस वक्त रन निकले जब टीम को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी। बता दें कि सौम्या ने इस शानदार बल्लेबाजी से न सिर्फ देश का मान बढ़ाया बल्कि अपने परिवारवालों का सिर भी गर्व से और ऊंचा कर दिया है।

जीत के बाद सौम्या के घरवालों ने भारत की इस जीत और अपनी बेटी की अहम पारी के बाद काफी खुशी जाहिर की। इस दौरान सौम्या के पिता ने बयान देते हुए सौम्या के बारे में बताया कि उनकी बेटी को बचपन से ही क्रिकेट का काफी शौक रहा। उन्होंने आगे कहा, मेरी बेटी का सपना था कि वो विश्व कप खेले। उसने मैच में टिक कर अपनी टीम को जीत दिलवाई। उसकी जीत पर हम सब बहुत खुश है। साथ ही उन्होंने कहा, 

''सौम्या बचपन में टीवी पर क्रिकेट देखा करती थी और अक्सर मेरी पत्नी भारती से कपड़े धोने के लिए इस्तेमाल होने वाली लकड़ी की छड़ी लेती थी और मेरी बड़ी बेटी साक्षी को उसके लिए कागज के गोले बनाने और लिविंग रूम में खेलने के लिए कहती थी। वह यहां मुहल्ला क्रिकेट खेलती थी और कभी-कभी शिकायत करती थी कि लड़के उसे अपनी टीमों में शामिल नहीं करेंगे।''

सौम्या को ट्रैनिंग देने के लिए सुरेश ने किया था इंकार

बता दें कि जब सौम्या (Soumya Tiwari) अपने परिवार के साथ भोपाल आकर रहने लगी, तो सौम्या के कहने पर उनके पिता उन्हें क्रिकेट की ट्रैनिंग दिला लिए उन्हें सुरेश चैनानी की अकेडमी में लेकर गए। हालांकि, सुरेश ने सौम्या के लड़की होने के नाते उन्हें ट्रेनिंग देने से मना कर दिया था।

सुरेश के मना करने के बाद सौम्या का दिल टूट गया और वह पूरी रात अपने कमरे में रोती रहीं। इसके बाद पिता फिर बेटी को सुरेश के पास लेकर गए और सौम्या की जिद और जज्बा देखकर सुरेश ने उन्हें अकेडमी में ट्रेनिंग करने का मौका दे दिया। यह वहीं पल रहा जहां से सौम्या की जिंदगी बदल गई।

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