'सिर्फ निंदा नहीं, कड़ा एक्शन भी होना चाहिए', CJI पर जूता फेंके जाने की घटना पर बोला दिल्ली HC
दिल्ली हाई कोर्ट ने सीजेआई बीआर गवई पर जूता फेंकने की घटना की निंदा करते हुए कहा कि इससे न्यायपालिका को ठेस पहुंची है। अदालत ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की और कहा कि ऐसी घटनाओं को केवल निंदा नहीं की जानी चाहिए, बल्कि इनके खिलाफ ठोस कदम भी उठाए जाने चाहिए।
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जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। छह अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई पर एक अधिवक्ता द्वारा जूता फेंकने की घटना की दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को निंदा की। संबंधित प्रकरण से जुड़े वीडियो को सोशल मीडिया से हटाने की मांग से जुड़ी याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि सीजेआई बीआर गवई पर जूता फेंकने की घटना से न केवल बार के सदस्यों को बल्कि पीठ को भी ठेस पहुंची है।
अदालत ने टिप्पणी की कि अदालत याचिकाकर्ता की चिंताओं के प्रति गंभीर है। यह किसी व्यक्ति विशेष का नहीं, बल्कि पूरे संस्थान का मामला है। समाज में ऐसी घटनाओं की न केवल निंदा की जानी चाहिए, बल्कि कुछ कदम भी उठाए जाने चाहिए।
केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए अतिरिक्त सालिसिटर जनरल (एएसजी) चेतन शर्मा ने कहा कि वह याचिकाकर्ता की चिंताओं से सहमत हैं। याचिकाकर्ता ने यह भी सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देने की मांग की कि अगर भविष्य में ऐसी घटनाएं होती हैं, तो व्यक्ति की पहचान छिपाई जाए ताकि उन्हें प्रचार न मिले।

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