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    तमिलनाडु से चल रहे फर्जी वीजा गिरोह का भंडाफोड़, नौकरी के नाम पर बनाता था शिकार; सरगना गिरफ्तार

    Updated: Tue, 02 Dec 2025 05:08 PM (IST)

    दिल्ली पुलिस ने एक फर्जी वीजा गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो नौकरी के नाम पर लोगों से लाखों रुपये ठगता था। तमिलनाडु से गिरोह का सरगना वी. कन्नन गिरफ्ता ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। आईजीआई एयरपोर्ट थाना पुलिस ने फर्जी वीजा गिरोह का भंडाफोड़ किया है। यह गिरोह नौकरी के इच्छुक भारतीय नागरिकों को जाली फ्रेंच डी-टाइप वीजा उपलब्ध कराने में शामिल था। इस मामले में तमिलनाडु के नामक्कल के रहने वाले गिरोह के सरगना वी. कन्नन को गिरफ्तार किया गया है।

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    आईजीआई जिला पुलिस उपयुक्त विचित्रवीर ने बताया कि यह मामला 28 अक्टूबर को तब सामने आया जब तमिलनाडु के तीन यात्री नामक्कल निवासी नवेराज सुब्रमण्यम व प्रभाकरण सेंथिलकुमार और तिरुचिरापल्ली निवासी मोहन गांधी एलंगोवन पेरिस जाने के लिए टर्मिनल-3 पर इमिग्रेशन काउंटर पर पहुंचे।

    जांच के दौरान, उनके पासपोर्ट पर लगा फ्रेंच डी-टाइप वीजा जाली पाया गया। इसके आधार पर, एयरपोर्ट थाने में बीएनएस और पासपोर्ट अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत एक मामला दर्ज किया गया।

    वीजा के लिए वसूले गए थे 6 लाख से 12 लाख रुपये

    गिरफ्तार किए गए यात्रियों से पूछताछ में पता चला कि नवेराज सुब्रमण्यम का फ़र्ज़ी वीज़ा उसके भाई ने 6 लाख रुपये के बदले में दिलवाया था। जबकि मोहन गांधी एलंगोवन और प्रभाकरण सेंथिलकुमार को जाली वीजा नामक्कल के एक एजेंट ने 12 लाख रुपये लेकर दिया था।

    इस मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया। टीम को फरार एजेंटों और उनके सहयोगियों का पता लगाने का काम सौंपा गया। टीम ने स्थानीय खुफिया जानकारी और तकनीकी निगरानी के आधार पर मुख्य एजेंट वी. कन्नन को ढूंढ निकाला और गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान, कन्नन ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया।

    उसने बताया कि वह परमाथी में एक सरकारी-संबद्ध आईटीआई चलाता है और वेलूर में वेत्री ओवरसीज नामक एक विदेशी शिक्षा परामर्श केंद्र भी चलाता है। अपने सह-आरोपी मदुरै निवासी साथिक सैय्यद उर्फ़ अब्दुल हकीम की मदद से, उसने पेरिस में वेयरहाउस की नौकरियों के लिए कम से कम 16 नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों को झांसा दिया।

    इन आवेदकों का इंटरव्यू लेने के बाद फ़र्ज़ी वीज़ा की व्यवस्था की जाती थी और कुछ भुगतान बैंक हस्तांतरण के माध्यम से जबकि कुछ नक़द में लिया गया था। फिलहाल, पुलिस उसके सहयोगी की तलाश कर रही है और इस तरह के अन्य मामलों में शामिल अन्य व्यक्तियों तथा लिंक की पहचान करने के प्रयास कर रही हैं।

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