LG सक्सेना ने MCD शिक्षक को दी सजा में राहत, घरेलू झगड़े के चलते अनिवार्य सेवानिवृत्ति का मिला था दंड
दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने एमसीडी के एक शिक्षक को बड़ी राहत दी है। पारिवारिक झगड़े के कारण शिक्षक को अनिवार्य सेवानिवृत्ति का दंड मिला था, ...और पढ़ें
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एलजी वीके सक्सेना ने एमसीडी के शिक्षक की सजा को किया कम।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने एमसीडी के एक शिक्षक की सजा अनिवार्य सेवानिवृत्ति से घटाकर नौकरी की वरीयता अवधि में एक स्टेज कम कर दी है। निगम आयुक्त ने शिक्षक के खिलाफ एक घरेलू झगड़े के मामले में पेनाल्टी लगाई थी। सक्सेना ने कहा कि उन पर लगाई गई सजा बहुत ज्यादा लगती है।
एमसीडी के एक शिक्षक द्वारा दायर अपील केस में एलजी सक्सेना ने उन पर लगाई गई पैनाल्टी अनिवार्य सेवानिवृत्ति से घटाकर नौकरी की वरीयता अवधि कम करके नौकरी की वरीयता अवधि में एक स्टेज कम करके शिक्षक को राहत दी है। निगम शिक्षक विक्रम के खिलाफ़ उनकी पत्नी ने एफआइआर दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अपने बेटे को गणित का पहाड़ा न सुना पाने पर पीटा था और जब उनकी पत्नी ने टोका तो उन्होंने उनसे मारपीट की थी।
यह एफआइआर विक्रम की दो अप्रैल 2021 की पहले की शिकायत के बाद हुई थी, जो उसने लोकल पुलिस को दी थी, जिसमें उसने अपनी पत्नी के परिवार वालों पर परेशान करने का आरोप लगाया था। चार अप्रैल 2021 को दर्ज मामले में उसकी गिरफ्तारी हो गई थी, उसके बाद शिक्ष्रक को 12 अप्रैल .2021 को निलंबित कर दिया गया था।
हरियाणा की झज्जर कोर्ट ने 19 फरवरी 2024 और 26 फरवरी 2024 के आर्डर में उसे सभी गंभीर आरोपों से बरी कर दिया और आखिर में उसे सिर्फ एक छोटे से जुर्म के लिए दोषी ठहराया था। कोर्ट ने कोई बड़ी सजा देने से परहेज किया और इसके बजाय उसे अच्छे व्यवहार के लिए प्रोबेशन पर रिहा कर दिया।
टीचर की अपील पर सुनवाई करते हुए सक्सेना ने कहा कि सजा के सीमित नेचर, कोर्ट द्वारा बताए गए हालात और इस बात को देखते हुए कि यह घटना किसी नैतिक गिरावट या भ्रष्टाचार से जुड़े काम के बजाय घरेलू झगड़े की वजह से हुई थी, उस पर लगाई गई सज़ा बहुत ज़्यादा और बेमेल लगती है।

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