2000 Red Fort Attack Case: जेल विभाग ने दोषी को फांसी पर लटकाने की मांगी अनुमति, कोर्ट से निर्देश का इंतजार
2000 Red Fort Attack Case दिल्ली जेल विभाग ने दिल्ली की अदालत को लाल किला 2000 हमले मामले में पत्र लिखकर दोषी के खिलाफ डेथ वारंट जारी करने की मांग की है। 22 दिसंबर 2000 की रात को कुछ आतंकियों ने घुसकर जवानों पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी।

नई दिल्ली [गौतम कुमार मिश्र]। पश्चिमी दिल्ली के लाल किला पर वर्ष 2000 में हुए आतंकी हमले के दोषी मो. आरिफ को फांसी पर लटकाने से जुड़ी आवश्यक प्रक्रिया के पहले चरण के तहत की जाने वाली कार्रवाई जेल प्रशासन द्वारा शुरू कर दी गई है। जेल प्रशासन ने तीस हजारी कोर्ट को पत्र लिखकर इसके लिए फांसी की सजा के लिए दिन तय करने का अनुरोध किया है।
जेल सूत्रों का कहना है कि कोर्ट से मिले निर्देश के बाद इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी। जेल सूत्रों का कहना है कि कुछ दिनों पूर्व आरिफ से जेल प्रशासन ने यह पूछा था कि फांसी की सजा के खिलाफ क्या उसे कहीं कोई याचिका डालनी है।
प्रशासन ने इसका उत्तर सात दिनों के भीतर देने को कहा था। आरिफ की ओर से कोई उत्तर नहीं मिलने पर इस कार्रवाई को आगे बढ़ाया गया और कोर्ट को पत्र लिखा गया है।
अभी कई विकल्प शेष
जेल सूत्रों का कहना है कि अभी आरिफ ने भले ही जेल प्रशासन के पत्र का कोई उत्तर नहीं दिया हो, लेकिन अभी भी उसके पास फांसी से बचने के विकल्प हैं। सबसे प्रमुख विकल्प राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर करना है।
बढ़ाई गई निगरानी
जेल संख्या तीन के जिस हाई सिक्योरिटी सेल में आरिफ अभी बंद है, वहां की सुरक्षा को और बढ़ा दिया गया है। तीसरी आंख की मजबूती के लिए यहां सीसीटीवी कैमरे बढ़ा दिए गए हैं।
आखिरी बार निर्भया के दोषियों को मिली थी फांसी
तिहाड़ में आखिरी बार निर्भया के चार दोषियों को फांसी पर लटकाया गया था। निर्भया के दोषियों से पहले यहां वर्ष 2013 में अफजल को फांसी दी गई थी।
क्या थी घटना
22 दिसंबर 2000 को लश्कर-ए-तैयबा के छह आतंकी लाल किले में घुस आए थे और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी थी। इस हमले में लाल किले पर हुए इस अटैक में सेना के दो जवान समेत सेना के दो जवान समेत तीन लोगों की मौत हो गई थी। जिन दो जवानों की मौत हुई थी उनमें राइफलमैन उमा शंकर व नायक अशोक कुमार शामिल थे।

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