हार्ट अटैक आए तो CPR देकर तीन मिनट में बचा सकते हैं जान, इस तरह कर सकते हैं लक्षण की पहचान
हार्ट अटैक के दौरान तुरंत सीपीआर देने से मरीज की जान बच सकती है। एम्स के डॉक्टरों का कहना है कि हार्ट अटैक के 50% मरीज अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देते हैं। ऐसे में तीन मिनट के अंदर सीपीआर देना बहुत जरूरी है। इसके अलावा हार्ट अटैक से बचाव के लिए ब्लड प्रेशर डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखना भी जरूरी है।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। रामलीला मंचन के दौरान गंभीर हार्ट अटैक से एक 55 वर्षीय व्यक्ति की मौत की घटना के बाद एक बार फिर हार्ट अटैक की बढ़ती समस्या को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। डॉक्टर बताते हैं कि स्वस्थ दिखने वाले कई लोग भी ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल की समस्या और कुछ दूसरी बीमारियों से पीड़ित होते हैं लेकिन उन्हें मालूम नहीं होता। गंभीर हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट होने पर यदि मरीज को तीन मिनट के अंदर तुरंत सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) दी जाए तो मरीज की जान बचाई जा सकती है।
एम्स के कार्डियोलाजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. अंबुज राय ने बताया कि ज्यादातर लोगों को हार्ट अटैक अचानक ही होता है। हार्ट अटैक के हर मरीज की मौत इतनी जल्दी नहीं होती। कई बार साइलेंट हार्ट अटैक भी होता और मरीज को पता भी नहीं चल पाता।
50 प्रतिशत मरीज की मौत अस्पताल पहुंचने से पहले
हार्ट अटैक होने पर कुछ मरीजों की हृदय गति बहुत तेज (वेंट्रीकुलर टैचीकार्डिया) हो जाती है। इस वजह से हृदय ब्लड पंप करना बंद कर देता है। इस वजह से कार्डियक अरेस्ट होता है। ऐसी स्थिति में तीन मिनट के अंदर डिफिब्रिलेटर से सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) न मिलने पर मरीज की मौत हो जाती है। हार्ट अटैक के 50 प्रतिशत मरीजों की मौत अस्पताल पहुंचने से पहले हो जाती है।20 प्रतिशत ब्लॉकेज से भी हार्ट अटैक का खतरा
उन्होंने कहा कि हृदय की धमनियों में जब तक ज्यादा ब्लॉकेज न हो तब तक अधिक परेशानी महसूस नहीं होती। लेकिन धमनियों में मौजूद दस से 20 प्रतिशत ब्लॉक भी रैप्चर हो जाए तो यह हार्ट आर्ट का कारण बन सकती है। हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित 50 प्रतिशत लोगों को अपनी इस बीमारी के बारे में पता नहीं होता। शहरी क्षेत्र में ब्लड प्रेशर से पीड़ित करीब 20 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्र में करीब दस प्रतिशत लोगों को का ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है।
एस्प्रिन देने से मौत की आंशका 20 से 25 प्रतिशत कम
हार्ट अटैक से बचाव के लिए ब्लड प्रेशर, डायबिटीज व कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखना जरूरी है। छाती में भारीपन, अचानक छाती में दर्द, छाती के पिछले हिस्से में दर्द और पसीना आने लगे तो यह हार्ट के लक्षण हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में तुरंत सीपीआर देना चाहिए। इसके अलावा हार्ट अटैक होने पर एस्प्रिन देने से मौत की आंशका 20 से 25 प्रतिशत कम हो जाती है।एम्स के डॉक्टर ने क्या बताई वजह
एम्स के कार्डियोलाजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. राकेश यादव ने बताया कि हो सकता है कि रामलीला मंचन के दौरान जिस पात्र की मौत हुई उन्हें छाती में पहले से हल्का दर्द व एंजाइना हो रहा हो। रामलीला में व्यस्तता के कारण नजरअंदाज किए हों। कुछ लोगों को पहले से कुछ और बीमारियां होती है जो पता नहीं होता। पहले ऐसे मामले होते थे। अब सब कुछ रिकॉर्ड हो रहा है तो चीजें बाहर आ जाती हैं।
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