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क्या दिल्ली सचिवालय और AAP सरकार के बीच बदलेंगे हालात? राजधानी को मिले हैं नए मुख्य सचिव और नई CM

दिल्ली सरकार में नए मुख्य सचिव धर्मेंद्र के आने से सचिवालय के माहौल में सकारात्मक बदलाव आया है। मुख्यमंत्री आतिशी के लचीले व्यवहार और धर्मेंद्र के सम्मानजनक रवैये से सरकार और अधिकारियों के बीच बेहतर तालमेल की उम्मीद है। इससे पहले से ठप पड़े कार्यों के शुरू होने की संभावना है। धर्मेंद्र के आने से अधिकारियों और सरकार के बीच कड़वाहट वाले मामले भी कम हुए हैं।

By V K Shukla Edited By: Geetarjun Updated: Sun, 22 Sep 2024 06:00 PM (IST)
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राजनिवास में उपराज्यपाल वीके सक्सेना, मुख्यमंत्री आतिशी साथ में मंत्री सौरभ भारद्वाज, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन, मुकेश अहलावत।

वीके शुक्ला, नई दिल्ली। नए मुख्य सचिव बने धर्मेंद्र के बाद दिल्ली सचिवालय के माहौल में कुछ बदलाव आया है। अब नई मुख्यमंत्री आतिशी बनी हैं जो अपने लचीले व्यवहार के लिए जानी जाती हैं। ऐसे में आप सरकार और अधिकारियों के बीच माहौल बदलने की उम्मीद देखी जा रही है। अगर इस तरह का माहौल बनता है तो पहले से ठप पड़े कार्यों को भी शुरू करने की संभावना जताई जा रही है।

मुख्य सचिव के पद से नरेश कुमार के हटने के बाद धर्मेंद्र बने हैं। रविवार को राजनिवास में नई मुख्यमंत्री और नई कैबिनेट की शपथ के लिए आयोजित समारोह में आप प्रमुख और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और नए मुख्य सचिव की बेहतर माहौल में मुलाकात हुई है।

केजरीवाल को हाथ जोड़कर सुना

केजरीवाल मुख्य सचिव से कोई बात कह रहे थे और मुख्य सचिव उनके सामने हाथ जोड़ कर खडे़ रहे और उनकी बात सुनते रहे। मुख्य सचिव ने सम्मान के साथ जिस तरह से केजरीवाल के लिए कृतज्ञता दिखाई है, उससे माना जा रहा है कि अब सरकार के कामकाज में व्यवधान कम होंगे और सरकार के काम तेजी से हो सकेंगे।

अब नहीं दिख रही कड़वाहट

शायद दिल्ली सरकार में ही यह पहला मौका होगा, जब मुख्य सचिव के पद पर ऐसा कोई अधिकारी आया है। धर्मेंद्र के आने के बाद से अधिकारियों और सरकार के बीच कड़वाहट वाले मामले सामने नहीं आ रहे हैं।

धर्मेंद्र रह चुके हैं चेयरमैन

धर्मेंद्र की बात करें तो वह पहले नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) के चेयरमैन भी रह चुके हैं। केजरीवाल एनडीएमसी समिति के चेयरमैन रहे हैं। केजरीवाल नई दिल्ली सीट से विधायक हैं। एनडीएमसी के चेयरमैन रहने के दौरान भी धर्मेंद्र ने अपने को विवादों से दूर रखा है।

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विवादों से दूर रहे हैं धर्मेंद्र

राजनीतिक मुद्दों को हावी नहीं होने दिया और अपने तरीके से काम किया है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो आप के लिए यह बेहतर माहौल साबित हो सकता है। उनकी मानें तो अगर आप ने समझदारी से काम लिया तो दिल्ली सरकार में रुके हुए अधिकतार काम भी अब शुरू हो सकेंगे।