Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उपहार सिनेमा कांडः: दिल्ली HC ने सुशील अंसल को वेब सीरीज 'ट्रायल बाय फायर' के खिलाफ केस वापस लेने की दी अनुमति

    By Jagran NewsEdited By: Nitin Yadav
    Updated: Mon, 17 Apr 2023 04:27 PM (IST)

    दिल्ली हाई कोर्ट ने उपहार सिनेमा की कहानी से प्रेरित वेब सीरीज ट्रायल बाय फायर की रिलीज पर रोक लगाने केस को वापस लेने की अनुमति दे दी है। याचिकाकर्ता ...और पढ़ें

    Hero Image
    Uphaar Tragedy: दिल्ली HC ने वेब सीरीज ट्रायल बाई फायर के खिलाफ केस वापस लेने की दी अनुमति।

    नई दिल्ली, पीटीआई। दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को उपहार सिनेमा अग्निकांड में दोषी ठहराए गए रियल एस्टेट टाइकून सुशील अंसल को वेब सीरीज ट्रायल बाय फायर की रिलीज पर रोक लगाने की मांग करने वाले मुकदमे को वापस लेने की अनुमति दे दी है। यह वेब सीरीज 13 जनवरी को ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो चुकी है, क्योंकि हाई कोर्ट ने इसकी रिलीज पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था और अंतरिम रोक के लिए याचिका को भी खारिज कर दिया था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    केस वापस लेने की न्यायाधीश ने दी मंजूरी

    सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा  को बताया कि वह मुकदमा वापस लेना चाहते हैं। जिसको हाई कोर्ट ने मंजूर कर लिया। बता दें कि पहले 12 जनवरी को वेब सीरीज की रिलीज पर रोक लगाने के अंतरिम आवेदन को खारिज करते हुए, अदालत ने कहा था कि अकल्पनीय घटना ने "देश को शर्म से झुका दिया"।

    अंसल ने वेब सीरीज रिलीज होने पर अपनी मानहानि का हवाला देते हुए रिलीज पर रोक लगने की बात कही थी। सिनेमा हॉल के मालिकों में से एक 83 वर्षीय अंसल ने साल, 2016 में प्रकाशित हुई "ट्रायल बाय फायर-द ट्रेजिक टेल ऑफ द उपहार ट्रेजेडी" नामक किताब के प्रसार और प्रकाशन पर भी रोक लगाने की मांग की थी। इस किताब को उपहार अग्निकांड में अपने दो बच्चों को खोने वाले नीलम और शेखर कृष्णमूर्ति द्वारा लिखा गया है। साथ ही अंसल ने दावा किया था कि वेब सीरीज सीधे उनके व्यक्तित्व पर हमला करती है।

    सुप्रीम कोर्ट ने लगाया जुर्माना

    वहीं, इस मामले में साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने उपहार सिनेमा मामले में फैसला सुनाते हुए सुशील अंसल और उनके भाई गोपाल अंसल पर 30-30 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। शीर्ष अदालत ने तब सुशील अंसल को जेल में बिताए गए वक्त को ध्यान में रखते हुए रिहा कर दिया था। साथ ही अदालत ने दोनों भाइयों सहित 2 अन्य को बाद में मुकदमे से जुड़े सबूतों से छेड़छाड़ का दोषी ठहराया था।

    साल 1997 में हुआ था हादसा

    आपको बता दें कि 13 जून, 1997 को उपहार सिनेमा में हिंदी फिल्म 'बॉर्डर' की स्क्रीनिंग के दौरान भीषण आग लग गई थी, जिसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी।