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मां कराना चाहती थी किसी और लड़के से शादी तो बेटी ने छोड़ा घर, मामला हाईकोर्ट पहुंचा तो आया ये फैसला

हाईकोर्ट ने एक युवती को उसके प्रेमी के साथ रहने की अनुमति दी है। युवती की मां ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर बेटी को अपने साथ रखने की मांग की थी। कोर्ट ने कहा कि युवती बालिग है और उसे अपने जीवन के बारे में फैसला लेने का अधिकार है। युवती ने कहा कि वह अपनी मर्जी से प्रेमी के साथ गई थी और शादी भी कर ली है।

By Vineet Tripathi Edited By: Geetarjun Updated: Sat, 16 Nov 2024 06:58 PM (IST)
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जबरदस्ती किसी और से शादी करने की मंशा रखने वाली मां को नहीं सौंप सकते लड़की: हाईकोर्ट
विनीत त्रिपाठी, नई दिल्ली। जबरदस्ती किसी और से शादी करने का दबाव बनाने के कारण घर छोड़ने वाली युवती को राहत देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने उसे युवक के साथ जाने की अनुमति दे दी। युवती की मां की तरफ से दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति प्रतिबा एम सिंह व न्यायमूर्ति अमित शर्मा की पीठ ने कहा कि अदालत लड़की को न तो युवती की शादी जबरदस्ती किसी और से कराने की इच्छा रखने वाली उसकी मां व भाई के साथ नहीं भेजना चाहती है और न ही केयर होम भेजना चाहती है।

अदालत ने कहा कि इन परिस्थितियों को देखते हुए युवती को उस युवक के साथ जाने की स्वतंत्रता दी जाती है, जिसके साथ उसने शादी की है।

मां के इन दावों को कोर्ट ने ठुकराया

कोर्ट ने जांच अधिकारी की जांच रिपोर्ट के आधार पर युवक के आपराधिक रिकॉर्ड होने के मां के दावे को ठुकरा दिया। इतना ही नहीं युवती के नाबालिग होने के स्वजन के दावे को भी अदालत ने यह कहते हुए ठुकरा दिया कि आधार कार्ड में दर्ज उम्र के आधार पर वह बालिग है और इस पर आगे जांच की जरूरत नहीं है।

युवती ने कोर्ट में क्या कहा?

अदालत ने यह भी नोट किया कि आधार कार्ड मां के कहने पर ही जारी किया गया था। पीठ ने यह भी नोट किया कि पुलिस द्वारा पेश करने पर युवती ने अदालत में बयान दिया कि उसके स्वजन उसकी जबरदस्ती शादी करना चाहते थे। इसलिए वह घर छोड़कर चली गई और वह अपने स्वजन के साथ वापस नहीं जाना चाहती है।

युवती ने युवक के साथ की शादी

युवती ने यह भी कहा कि उसकी मां द्वारा उसकी उम्र के संबंध में दिए गए दस्तावेज गलत हैं, क्योंकि आधार कार्ड पर दर्ज उसकी उम्र के अनुसार वह बालिग है। युवती ने यह भी कहा कि उसने युवक के साथ शादी कर ली है और वह उसी के साथ रहना चाहती है। उक्त तथ्यों को देखते हुए अदालत ने युवती को युवक के साथ जाने का आदेश देते हुए याचिका का निपटारा कर दिया।

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विभव कुमार की याचिका पर दिल्ली पुलिस से मांगा जवाब

वहीं, तीस हजारी स्थित सत्र अदालत राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल से मारपीट मामले में पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल के पूर्व निजी सहायक विभव कुमार की उस पुनरीक्षण याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया जिसमें उनके खिलाफ दायर आरोपपत्र के संज्ञान को चुनौती दी गई है।

उनका मामला कोर्ट में लंबित है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अभिषेक गोयल ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर याचिका पर जवाब मांगा है। मामले की सुनवाई अगले माह के लिए सूचीबद्ध की गई है।

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