बढ़ते प्रदूषण को लेकर दिल्ली में 25 फरवरी तक बदली दफ्तरों की टाइमिंग, LG ने तत्काल लागू करने के दिए निर्देश
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए एलजी वीके सक्सेना ने बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने 25 फरवरी तक दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम के सभी कार्यालयों की टाइमिंग में बदलाव किया है। नई टाइमिंग के अनुसार दिल्ली नगर निगम के कार्यालय सुबह 830 बजे से शाम 500 बजे तक और दिल्ली सरकार के कार्यालय सुबह 1000 बजे से शाम 630 बजे तक खुलेंगे।
एएनआई, नई दिल्ली। सर्दियों के महीनों में दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी में पहुंच जाता है। वहीं, राजधानी में ग्रेप-4 के प्रतिबंध लागू है। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के तहत उठाए गए कदमों के रूप में एलजी वीके सक्सेना ने दफ्तरों की टाइमिंग में बदलाव किया है। एलजी ने दफ्तरों में कामकाज की टाइमिंग को 28 फरवरी 2025 तक दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम के अंदर आनेवाले सभी कार्यालयों में प्रभावी तरीके से लागू करने के निर्देश दिए।
एलजी के आदेशानुसार नई टाइमिंग
- दिल्ली नगर निगम के कार्यालय: सुबह 8:30 बजे से शाम 5:00 बजे तक।
- दिल्ली सरकार के कार्यालय: सुबह 10:00 बजे से शाम 6:30 बजे तक।
In view of the severe air pollution levels in Delhi during the winter months, and as part of the measures under the Graded Response Action Plan (GRAP), Delhi LG has directed the implementation of staggered office timings. The following office timings shall be effective in all… pic.twitter.com/QIyep9vgkb
— ANI (@ANI) November 18, 2024
केंद्रीय सचिवालय सेवा ने वर्क फ्रॉम होम की मांग की
दिल्ली की वायु गुणवत्ता में चिंताजनक गिरावट को देखते हुए केंद्रीय सचिवालय सेवा (सीएसएस) के अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक निकाय ने सभी कर्मचारियों को घर से काम करने, अलग-अलग काम के घंटे करने और वायु शोधक यंत्र की मांग की।
खराब वायु गुणवत्ता के कर्मचारियों पर पड़ रहा असर
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के सचिव को लिखे एक पत्र में एसोसिएशन ने कहा कि खराब वायु गुणवत्ता के कारण कार्यस्थल पर कर्मचारियों की प्रोडक्टिविटी पर भी असर पड़ा है और कर्मचारियों को श्वसन संबंधी समस्याएं, आंखों में जलन, थकान और सामान्य असुविधा जैसे लक्षणों का अनुभव हो रहा है।लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो रही: फेडरेशन
सीएसएस फोरम के पत्र में कहा गया है, "सभी की भलाई सुनिश्चित करने के लिए तत्काल उपाय करना अनिवार्य हो गया है, खासकर सरकारी सेवाओं में लगे लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।" इसमें कहा गया है कि लगातार खतरनाक वायु गुणवत्ता के संपर्क में रहने से कर्मचारियों और उनके परिवारों में श्वसन संबंधी बीमारियों और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में वृद्धि हो रही है। सीएसएस फोरम ने कहा, "खराब वायु गुणवत्ता के कारण होने वाली असुविधा कार्यबल की दक्षता और उत्पादकता प्रभावित कर रही है।"
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