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    दिल्ली में बनेगा देश का पहला ई-कचरा प्रबंधन पार्क, पढ़िए- क्या होंगी खास बातें?

    By Abhishek TiwariEdited By:
    Updated: Wed, 04 May 2022 09:52 AM (IST)

    Delhi News दिल्ली के हर इलाके से निकलने वाला ई-कचरा इस पार्क तक पहुंचे इसके लिए खास नेटवर्क तैयार किया जाएगा। दिल्ली को 12 जोन में बांटकर ई-कचरा संग्रह केंद्र बनाया जाएगा जहां लोग ई-कचरा जमा कर सकेंगे। वहीं से उसे सीधे ई-कचरा प्रबंधन पार्क तक ले जाया जाएगा।

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    दिल्ली में बनेगा देश का पहला ई-कचरा प्रबंधन पार्क, पढ़िए- क्या होंगी खास बातें?

    नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। इलेक्ट्रानिक क्रांति ने मानव जीवन को सुख-सुविधाओं से परिपूर्ण कर दिया है। विभिन्न इलेक्ट्रानिक अविष्कारों के माध्यम से संचार तंत्र को विस्तार और व्यावसायिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलने के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं। कंप्यूटर, रेफ्रिजरेटर एयर कंडीशनर, वाशिंग मशीन, कैमरा जैसे इलेक्ट्रानिक उपकरणों के निर्माण ने मानव सभ्यता को नया आयाम दिया है, लेकिन आज बड़ी संख्या में खराब होने वाली इन्हीं इलेक्ट्रानिक वस्तुओं के अंबार ने ई-कचरा के रूप में एक नई पर्यावरणीय समस्या को भी जन्म दिया है।

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    दिल्ली-एनसीआर सहित देशभर में समस्या का सबब बन चुके ई-कचरे का निस्तारण सबसे पहले राष्ट्रीय राजधानी में शुरू होने वाला है। दरअसल, राजधानी के होलम्बी कलां (नरेला) में देश का पहला ई-कचरा प्रबंधन पार्क बनाने की तैयारी है। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने इसके लिए 21 एकड़ भूमि देने पर हामी भर दी है तो पार्क की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने का काम भी शुरू हो गया है। खास बात यह कि ई- पार्क भले ही दिल्ली में बन रहा है, पर इसका लाभ पूरे एनसीआर को मिलेगा।

    प्रौद्योगिकी के बढ़ते उपयोग के साथ ई-कचरा भी तेजी से पैदा हो रहा है। एक अनुमान के मुताबिक दिल्ली में ही सालाना दो लाख टन ई-कचरा निकलता है, जबकि दिल्ली सहित देशभर में इसके निपटारे को लेकर अभी तक कोई संगठित उपक्रम नहीं है। अब तक गैर-संगठित क्षेत्रों के जरिये ही इनका निपटारा किया जा रहा है। ई-कचरा प्रबंधन पार्क बन जाने से दिल्ली में इस कचरे का वैज्ञानिक तरीके से निपटान हो सकेगा, जिससे पर्यावरण को भी न्यूनतम नुकसान होगा।

    अभी जिस तरीके से ई-कचरे का निस्तारण हो रहा है, वह स्वास्थ्य के लिए भी नुकसानदायक है। आग लगाकर भी इस कचरे का निपटान किया जाता है, जिसे नियंत्रित करना बेहद मुश्किल होता है। इसलिए दिल्ली सरकार ने राजधानी में देश का सबसे बड़ा ईको पार्क बनाने की तैयारी तेज कर दी है।

    शहर को 12 जोनों में बांटकर बनेगा संग्रह केंद्र

    दिल्ली के हर इलाके से निकलने वाला ई-कचरा इस पार्क तक पहुंचे, इसके लिए खास नेटवर्क तैयार किया जाएगा। दिल्ली को 12 जोन में बांटकर ई-कचरा संग्रह केंद्र बनाया जाएगा, जहां लोग ई-कचरा जमा कर सकेंगे। वहीं से उसे सीधे ई-कचरा प्रबंधन पार्क तक ले जाया जाएगा। इससे पर्यावरणीय रूप से सुरक्षित व्यवस्था बनेगी। खास बात यह कि ई-कचरा प्रबंधन पार्क अनौपचारिक क्षेत्र में आपरेटरों को औपचारिक पुनर्चक्रण के रूप में तैयार करने के लिए बुनियादी ढांचा, प्रशिक्षण और उपकरण भी प्रदान करेगा।

    ई-कचरा प्रबंधन पार्क की खास बातें-

    • ई-पार्क में संग्रह, भंडारण, वर्गीकरण से लेकर रिसाइकिलिंग की प्रक्रिया पर्यावरण और स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर की जाएगी।
    • पार्क में सभी प्रकार की प्रसंस्करण और पुनर्चक्रण इकाइयां होंगी, जिससे भविष्य में उत्पादन के लिए सामग्री निकाली जा सके।
    • पार्क में पर्यावरण की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वैज्ञानिक एवं सुरक्षित तरीके से कचरे का पुनर्चक्रण, नवीनीकरण और निस्तारण किया जाएगा।
    • दिल्ली में हर साल करीब दो लाख टन ई-कचरा उत्पन्न होता है।
    • शहर में करीब पांच हजार रिसाइकिलिंग इकाइयां हैं जो असंगठित रूप से काम कर रही हैं। इन इकाइयों से करीब 50 हजार लोग जुड़े हैं।
    • इन इकाइयों से जुड़े लोग ई-कचरा प्रबंधन नियम-2016 और इसके प्रविधानों से भी अनभिज्ञ हैं।
    • इन सभी इकाइयों में पर्यावरणीय और स्वास्थ्य के लिहाज से सुरक्षा मानकों का कहीं भी पालन नहीं होता।