'बेटे की फीस भरने के लिए हाथ फैलाने पड़े, घर और पैसे छीन लिए', ED पर जमकर बरसे सिसोदिया
आप नेता मनीष सिसोदिया ने रविवार को जंतर-मंतर पर जनता की अदालत में बीजेपी और जांच एजेंसियों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी ने फर्जी केस कर उन्हें जेल में डाला और उन्हें तोड़ने की कोशिश की। सिसोदिया ने कहा कि ईडी ने उनके घर और बैंक खाते सीज कर दिए जिससे उन्हें बेटे की कॉलेज फीस भरने के लिए लोगों से मदद मांगनी पड़ी।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रविवार को जंतर-मंतर पर जनता की अदालत में बीजेपी और जांच एंजेंसियों पर जमकर भड़के। उन्होंने कहा कि ईडी ने फर्जी केस कर उन्हें जेल में डाल दिया। इस दौरान उन्हें जेल में तोड़ने की बहुत कोशिश की। सिसोदिया ने कहा कि ईडी वालों ने उनके घर जब्त कर लिए जो उन्होंने साल 2002 में पांच लाख रुपये में खरीदे थे।
उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी ने मेरे बैंक खाते भी सीज कर दिए, जिसमें मेरी सैलरी के 10 लाख रुपये थे। मेरी बीबी बीमार थी। मेरा बेटा कॉलेज में पढ़ता था। बैंक खाते सीज होने के चलते मुझे बेटे के कॉलेज की फीस भरने के लिए मुझे लोगों के सामने हाथ फैलाने पड़े। ये मुझे जेल मानसिक तौर पर प्रताड़ित करते थे। इसके पीछे यही उद्देश्य होता था कि वह मुझे तोड़कर अपनी पार्टी में शामिल कराए।
हम केजरीवाल के सिपाही, ना झुकेंगे, ना टूटेंगे: सिसोदिया
सिसोदिया ने कहा कि हम अरविंद केजरीवाल के सिपाही हैं, ना झुकेंगे और ना टूटेंगे। हमारे नेताओं को जेल में दिल्ली की जनता के काम रोकने के लिए डाला गया। हमारी सरकार और पार्टी को तोड़ने के लिए जेल में डाला गया। लेकिन मैं बड़े गर्व से कह रहा हूं कि ना ही हमारी पार्टी टूटी और ना ही सरकार गिरी। मुझे आम आदमी पार्टी छोड़ने के लिए तमाम धमकियां और लालच दिए गए। लेकिन मैं टूटा और घबराया नहीं। हम अरविंद जी के सिपाही हैं और उनके साथ मजबूती से खड़े हैं।