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हे भगवान! अब हरे-भरे इलाकों में भी बढ़ रहा ओजोन प्रदूषण, दिल्ली की 10 जगहों पर ज्यादा दिन रही मौजूदगी

Ozone Pollution राजधानी दिल्ली समेत देश के कई बड़े शहरों में रह रहे लोगों की चिंता एक खबर बढ़ा सकती है। वह है ओजोन प्रदूषण के स्तर में लगातार हो रही बढ़ोतरी। हालांकि राहत की बात ये है कि दिल्ली-एनसीआर के उन इलाको की पहचान कर ली गई है। जहां पर इसका असर ज्यादा देखा जा रहा है। इस खबर के माध्यम से पढ़िए राजधानी के वो 10 प्रभावित क्षेत्र।

By sanjeev Gupta Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Thu, 19 Sep 2024 01:12 PM (IST)
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Delhi Air Pollution: ओजोन प्रदूषण लोगों की सांसों को कर रहा प्रभावित।

संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। ओजोन प्रदूषण के बढ़ते स्तर ने राजधानी दिल्ली समेत देश के तमाम महानगरों में रहने वालो की चिंता बढ़ा दी है। हालांकि, थोड़ी राहत की बात यह कही जा सकती है कि दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में ओजोन प्रदूषण से ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों की पहचान कर ली गई है। इससे इन क्षेत्रों में ओजोन प्रदूषण की रोकथाम में आसानी होगी।

हवा में मौजूद प्रदूषण के स्तर की माप के लिए आमतौर पर पीएम 2.5 और पीएम 10 जैसे प्रदूषक कणों की मौजूदगी को ही मुख्य आधार बनाया जाता है। लेकिन, हाल के कुछ सालों में दिल्ली ही नहीं बल्कि देश के ज्यादातर बड़े शहरों में ओजोन प्रदूषक कणों का स्तर बढ़ा है। सतह पर मौजूद ओजोन के कणों को सेहत के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है।

इसीलिए इसकी रोकथाम के लिए भी विशेष प्रयासों की जरूरत पर जोर दिया जाता है। विज्ञान एवं पर्यावरण केन्द्र (सीएसई) ने अपनी रिपोर्ट में दिल्ली और एनसीआर क्षेत्रों के ऐसे निगरानी केन्द्रों की पहचान की है जहां पर ओजोन प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा है।

जबकि, ऐसे आठ स्टेशनों की पहचान भी की गई है जहां पर एक दिन भी ओजोन प्रदूषण का स्तर मानकों से ज्यादा नहीं रहा है। ओजोन प्रदूषण के स्तर की जांच के लिए एक अप्रैल 2024 से 18 जुलाई 2024 तक के डाटा का विश्लेषण किया गया है।

हरे-भरे इलाके प्रभावित, सघन क्षेत्रों में राहत

ओजोन प्रदूषण की एक और खास बात देखने को मिली है। दिल्ली के करणी सिंह शूटिंग रेंज और नरेला जैसे क्षेत्र अपेक्षाकृत कम बसावट वाले और हरे-भरे हैं। लेकिन, यहां की हवा में 78 दिन ओजोन प्रदूषण की मौजूदगी रही है।

दूसरी ओर, आयानगर, चांदनी चौक, पूसा और इहबास जैसे घनी बसावट वाले इलाकों में स्थित निगरानी केन्द्रों में एक दिन भी ऐसा नहीं रहा जब ओजोन प्रदूषकों का स्तर मानकों से ज्यादा हो।

क्या हैं ओजोन प्रदूषण के मानक

सतह पर मौजूद ओजोन प्रदूषक को मापने के लिए आठ घंटे के औसत को आधार बनाया जाता है। मानकों के मुताबिक किसी भी निगरानी केन्द्र में आठ घंटे के औसत में ओजोन प्रदूषकों का स्तर 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से ज्यादा होने पर उसे ओजोन प्रदूषण वाला दिन माना जाता है।

कैसे बनता है ओजोन प्रदूषण

सतह पर मौजूद ओजोन प्रदूषक कणों का कोई सीधा स्रोत नहीं होता। बल्कि, ये प्रदूषक कण नाइट्रोजन आक्साइड और वोलाटाइल आर्गेनिक कंपाउंड (वीओसी) के बीच तेज धूप के दौरान होने वाली रासायनिक क्रिया के दौरान पैदा होते हैं। नाइट्रोजन ऑक्साइड और वीओसी के स्रोत मुख्य तौर पर वाहनों और फैक्टरियों और कोयला आधारित बिजली संयंत्रों से निकलने वाला धुआं है।

इंसानी सेहत के लिए बेहद खतरनाक

विज्ञान एवं पर्यावरण केन्द्र की कार्यकारी निदेशक (शोध एवं परामर्श) अनुमिता रायचौधुरी बताती हैं कि जमीन की सतह पर मौजूद ओजोन एक अत्यधिक प्रतिक्रियाशील गैस होती है। सेहत पर जिसके गंभीर प्रभाव पड़ते हैं।

श्वांस संबंधी समस्याओं से पीड़ित लोग, आस्थमा और क्रानिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डीजीज से पीड़ित लोग, बच्चों और बुजुर्गों को इससे ज्यादा परेशानी होती है।

ऐसी हवा में सांस लेने से श्वांसनली में सूीजन और क्षति हो सकती है। फेफड़े संक्रमण के प्रति ज्यादा संवेदनशील हो जाती है और क्रोनिक ब्रोंकाइटिस बढ़ सकता व अस्थमा के दौरे की आवृत्ति भी बढ़ सकती है।

गैसीय प्रदूषण की रोकथाम पर हो जोर

विज्ञान एवं पर्यावरण केन्द्र के मुताबिक धूलकणों की ज्यादा मात्रा वाले प्रदूषक कण पीएम 10 की रोकथाम पर आमतौर पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है। लेकिन, गैसीय प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए विस्तृत कार्ययोजना की जरूरत है।

खासतौर पर वाहन, उद्योग, कुकिंग और ठोस ईंधन, खुले में कचरा जलाने और रासायनिक क्रिया के जरिए होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के लिए ठोस उपाय किए जाने की जरूरत है।

दस जगहों पर सबसे ज्यादा दिन रहा ओजोन प्रदूषण

जगह दिन
करणी सिंह शूटिंग रेंज 78 दिन
नरेला 78 दिन
नॉलेज पार्क 75 दिन
जेएलएन स्टेडियम 71 दिन
अलीपुर 69 दिन
आरके पुरम 69 दिन
नेशनल स्टेडियम 68 दिन
नेहरू नगर 67 दिन
सेक्टर-1 नोएडा 66 दिन
बवाना 63 दिन

यहां पर बिलकुल भी नहीं दिखा ओजोन प्रदूषण

आयानगर, चांदनी चौक, आईजीआई एयरपोर्ट, इहबास, पूसा, सेक्टर-11 फरीदाबाद, सेक्टर- 16ए फरीदाबाद, सेक्टर-51 गुरुग्राम

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