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DUSU के अध्यक्ष पद पर NSUI का सात साल बाद कब्जा, वोटिंग के दो महीने बाद आया रिजल्ट

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) के चुनाव परिणाम 2024 में एनएसयूआई ने सात साल बाद वापसी करते हुए अध्यक्ष और संयुक्त सचिव पद पर जीत हासिल की है। विधि संकाय के छात्र रौनक खत्री अध्यक्ष और बौद्ध अध्ययन केंद्र के लोकेश चौधरी संयुक्त सचिव बने हैं। एबीवीपी के भानु प्रताप उपाध्यक्ष और लक्ष्मीबाई कॉलेज की छात्रा मित्रविंदा करनवाल ने सचिव पद पर जीत हासिल की है।

By uday jagtap Edited By: Geetarjun Updated: Mon, 25 Nov 2024 09:05 PM (IST)
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एनएसयूआइ के रौनक खत्री(दाएं ) व संयुक्त सचिव लोकेश चौधरी (दाएं से दूसरे) खुशी का इजहार करते हुए।
उदय जगताप, नई दिल्ली। DUSU Result 2024: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) में सात साल बाद नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई, NSUI) ने कब्जा जमाया है। वह अध्यक्ष और संयुक्त सचिव पद पर जीत हासिल करने में कामयाब रही है। विधि संकाय के छात्र रौनक खत्री अध्यक्ष और बौद्ध अध्ययन केंद्र के लोकेश चौधरी संयुक्त सचिव बने हैं।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी, ABVP) के विधि संकाय के भानु प्रताप उपाध्यक्ष और लक्ष्मीबाई कॉलेज की छात्रा मित्रविंदा करनवाल ने सचिव पद पर जीत हासिल की है। इससे पहले वर्ष 2017 में एनएसयूआई ने अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद जीता था। करीब दो महीने बाद डूसू चुनाव के नतीजे सोमवार को जारी किए गए। मतगणना शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई।

आर्ट फैक्लटी में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर डूसू चुनाव में उपाध्यक्ष पद के लिए जीते एबीवीपी के भानु प्रताप(बाएं से दूसरे) व सचिव मित्रविंदा (बाएं)।

किसे कितने मिले वोट

अध्यक्ष पद पर एनएसयूआई के रौनक खत्री को 50,689 वोटों में से 20,207 वोट मिले। उन्होंने एबीवीपी के ऋषभ चौधरी को 1,339 वोटों से शिकस्त दी। ऋषभ को 18,868 वोट हासिल हुए। डूसू उपाध्यक्ष चुने गए एबीवीपी के भानु प्रताप सिंह ने एनएसयूआई के यश नांदल को सर्वाधिक मतों के अंतर से हराया। उन्हें 24,166 वोट मिले।

यश को 15,404 वोट मिले। जीत का अंतर 8,762 रहा। उपाध्यक्ष पद पर 50,918 वोट डाले गए। सचिव पद पर कांटे की टक्कर रही। एबीवीपी की मित्रविंदा करनवाल को 50,874 मतों में से 16,703 वोट मिले। एनएसयूआई की नम्रता जेफ मीणा को 15,236 वोट मिले।

संयुक्त सचिव पद पर मुकाबला एकतरफा रहा। 50,977 वोटों में से 21,975 वोट लोकेश चौधरी को मिले। एबीवीपी के अमन कपासिया को 15,249 वोट हासिल हुए।

SFI और आइसा ने बनाया था पैनल

डूसू में पहली बार स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई, SFI) और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) ने पैनल बनाया था। लेकिन, सचिव और संयुक्त सचिव दो सीटों पर ही उन्हें अपेक्षित परिणाम मिले। अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर उनके उम्मीदवारों को नोटा से भी कम वोट मिले।

वाम संगठन तीसरे स्थान पर रहे

हालांकि, वाम संगठनों के उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहे। चुनाव में नोटा भी खूब चला। नोटा को सर्वाधिक सचिव पद पर 6771 वोट मिले। इसके बाद संयुक्त सचिव पद 5,660, उपाध्यक्ष पर 4,411 और अध्यक्ष पर 3,906 छात्रों ने नोटा को चुना।

किस पर कितने थे उम्मीदवार

डूसू चुनाव 2024-25 के लिए नियुक्त मुख्य चुनाव अधिकारी प्रो. सत्यपाल सिंह ने बताया कि इस बार अध्यक्ष पद के लिए आठ, उपाध्यक्ष के लिए पांच, सचिव के लिए चार और संयुक्त सचिव के लिए चार उम्मीदवार मैदान में थे। डूसू चुनाव के लिए 27 सितंबर को वोट डाले गए थे। 51,379 छात्रों ने अपने मत का इस्तेमाल किया था।

तीन साल बाद हुआ हैं चुनाव

बता दें कि डूसू चुनाव में एबीवीपी का दबदबा रहा है। वर्ष 2023 में कोविड के बाद तीन साल बाद हुए चुनावों में एबीवीपी ने अध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव पदों पर जीत हासिल की थी। एनएसयूआई सिर्फ उपाध्यक्ष पद जीत सकी थी। लेकिन, एनएसयूआई ने फिर वापसी की है और अध्यक्ष पद पर कब्जा किया है।

यह बने विजेता और उपविजेता

अध्यक्ष

  • रौनक खत्री- 20207
  • ऋषभ चौधरी-18868

डीयू इस जीत का हकदार है। जो लोग पिछले तीन वर्षों से काम कर रहे हैं। चाहे वह महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाना हो या उन्हें अदालत में ले जाना हो। हमारी पार्टी ने अथक प्रयास किया है और हम आज परिणाम देख रहे हैं। पद संभालते ही सबसे पहले इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए काम करूंगा। पानी की समस्या को पूरे परिसर से दूर किया जाएगा। -रौनक

उपाध्यक्ष

  • भानु प्रताप सिंह- 24166
  • यश नांदल-15404

काफी देर के बाद आखिरकार आज नतीजे घोषित कर दिए गए। मैं डीयू के सभी छात्रों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि मैं पूरे साल उनके कल्याण के लिए काम करने के लिए खुद को समर्पित करूंगा। एबीवीपी ने अपने घोषणापत्र में जो वादे किए थे, सभी पूरे किए जाएंगे। -भानु प्रताप

सचिव

  • मित्रविंदा करनवाल- 16703
  • नम्रता जेफ मीणा- 15236

मैं उन सभी छात्रों को तहे दिल से धन्यवाद देना चाहती हूं जिन्होंने एबीवीपी पर एक बार फिर भरोसा जताने के लिए मुझे वोट दिया। उनकी वजह से एबीवीपी इस साल भी डूसू में अपनी पकड़ बनाने में सफल रही है। पूर्व में एबीवीपी ने अपना हर वादा निभाया है। आगे किए सभी वादे एबीवीपी निभाएगी। -मित्रविंदा

संयुक्त सचिव

  • लोकेश चौधरी-21975
  • अमन कपासिया- 15249

मैं अपनी जीत संगठन को समर्पित करना चाहता हूं। सभी ने मिलकर कार्य किया है। छात्रों ने एनएसयूआई पर भरोसा जताया है। मैं भरोसा देना चाहता हूं कि हमने जो वादे किए हैं, सारे पूरे करेंगे। सिर्फ छात्र हितों के लिए काम किया जाएगा। -लोकेश

नहीं हुआ हुड़दंग, लगे सिर्फ नारे

हाईकोर्ट की आपत्ति के बाद डीयू की सख्ती का असर विजेताओं पर दिखाई दिया। कोई ढोल नगाड़े बजते नहीं दिखाई दिए। चुनाव समिति की ओर से उम्मीदवारों से ढोल-नगाड़े और लाउडस्पीकर का इस्तेमाल न करने का शपथ पत्र भी लिया गया था। एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने आई-आई एनएसयूआई जैसे नारे लगाकर जश्न मनाया।

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