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कौन हैं अनिल झा? जिन्होंने चुनाव से पहले BJP को दिया झटका, अब AAP के टिकट पर कहां से लड़ेंगे चुनाव

दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा को झटका देते हुए पूर्व विधायक अनिल झा आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हो गए। वह रविवार को आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हो गए। इससे पहले दिल्ली के मंत्री और आप विधायक कैलाश गहलोत ने पार्टी से इस्तीफा देते हुए कहा कि अधूरे वादों और हालिया विवादों को पार्टी से अलग होने का कारण बताया।

By V K Shukla Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Mon, 18 Nov 2024 08:50 AM (IST)
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आप मुख्यालय में अरविंद केजरीवाल ने पूर्व विधायक अनिल झा को पार्टी की सदस्यता दिलाई। फोटो- जागरण
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। भाजपा के पूर्वांचली नेता और किरारी से दो बार विधायक रहे अनिल झा रविवार को पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हो गए। यह घटनाक्रम आप को उस समय बड़ा झटका लगने के कुछ ही घंटों बाद आया, जब नजफगढ़ विधायक और परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने पार्टी छोड़ दी।

किरारी से चुनाव लड़ सकते हैं अनिल झा

केजरीवाल ने पार्टी मुख्यालय में झा का आप में स्वागत किया और उन्हें दिल्ली की राजनीति में “सबसे बड़े” पूर्वांचली नेताओं में से एक करार दिया। आप सुप्रीमो ने कहा कि वह न केवल किराड़ी में बल्कि पूरे शहर में आप को बढ़ावा देंगे। पार्टी सूत्रों ने दावा किया कि झा फरवरी में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव में किरारी से मौजूदा आप विधायक की जगह ले सकते हैं।

अनिल झा ने बताई आम आदमी पार्टी में आने की वजह

झा ने केजरीवाल की सराहना करते हुए कहा कि वह उनके व्यक्तित्व और शहर की अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले पूर्वांचली लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए आप सरकार द्वारा किए गए कार्यों से प्रभावित हैं। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि आप सरकार ने 10 हजार किमी सड़कें और गलियां बनाईं, 6800 किमी सीवर लाइनें बिछाईं और 1,650 अनधिकृत कॉलोनियों में पाइप से पानी उपलब्ध कराया, लेकिन भाजपा ने कुछ नहीं किया।

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पूर्वांचली लोग बीजेपी को वोट क्यों दें?- अनिल झा

उन्होंने कहा कि मैं भाजपा और उसके नेता अमित शाह से पूछना चाहता हूं कि पूर्वांचली लोगों को पार्टी को वोट क्यों देना चाहिए। कहा कि मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि वे दिल्ली में पूर्वांचली लोगों के लिए एक काम बताएं। उन्होंने इन कॉलोनियों में संपत्तियों की रजिस्ट्री का वादा किया था, लेकिन ऐसा नहीं किया। पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर केजरीवाल ने आप से गहलोत के इस्तीफे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली में विधानसभा चुनाव फरवरी 2025 में होने हैं, इससे पहले नेताओं के दल बदलने का सिलसिला जारी है। प्रमुख दल आम आदमी पार्टी और भाजपा ने एक-दूसरे के नेताओं को अपने पाले में लाने का प्रयास तेज कर दिया है। 

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