Delhi Pollution: दिल्ली में क्यों बढ़ रहा है प्रदूषण, आप भी करते हैं सामना; CSE की स्टडी में सामने आई नई वजह
दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने का एक प्रमुख कारण है ट्रैफिक जाम। शाम के समय यह समस्या और भी विकराल हो जाती है। सीएसई की एक हालिया स्टडी में सामने आया है कि दोपहर की तुलना में शाम को नाइट्रोजन ऑक्साइड का स्तर दोगुना तक बढ़ जाता है। स्टडी में यह भी पाया गया कि त्योहारों के दौरान प्रदूषण में 5 से 10 प्रतिशत तक की वृद्धि हो जाती है।
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। यातायात जाम परेशानी का ही नहीं, दिल्ली के प्रदूषण में वृद्धि की भी वजह बन रहा है। खासकर शाम के समय ऐसी स्थिति कमोबेश रोज बन रही है। त्योहारों के दौरान यह वृद्धि और बढ़ जाती है। बाटलनेक व वाहनों की अधिकता से लगने वाले इस जाम से उत्पादकता और ईंधन की हानि भी हो रही है।
लीड्स विश्वविद्यालय यूके द्वारा लगाए गए अनुमान के मुताबिक 2010 में भीड़भाड़ के कारण 1.6 मिलियन अमेरिकी डालर सालाना ईंधन की बर्बादी हुई थी। आईआईटी मद्रास ने वर्ष 2015 में अनुमान लगाया था कि 2025 तक यह हानि 12,003 मिलियन और 2030 तक 14,658 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो जाएगी।
दोपहर की तुलना में रात को दोगुना हो जाता नाइट्रोजन
सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरमेंट (सीएसई) द्वारा इसी साल 27 अक्टूबर से एक नवंबर के दौरान छह दिनों की विश्लेषण रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट के अनुसार दोपहर 12 से अपराहन चार बजे के बीच वाहनों की औसत गति 21 किमी प्रति घंटा रहती है। इसके चलते वाहनों से होने वाले उत्पन्न होने वाले नाइट्रोजन ऑक्साइड का स्तर भी हवा में कम रहता है, लेकिन शाम पांच से रात नौ बजे के बीच सड़कों पर वाहनों की अत्यधिक भीड़ होती है। इसके चलते वाहन रेंग-रेंग कर चलते हैं। जगह-जगह जाम लग जाता है। वाहनों की औसत गति 15 किमी प्रति घंटे तक की हो जाती है। नतीजा, दोपहर की तुलना में शाम को नाइट्रोजन आक्साइड का स्तर दोगुना तक बढ़ जाता है।वुप्पर्टल विश्वविद्यालय जर्मनी के टूमी ई बस मिशन के अनुमान के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रतिदिन करीब 11 लाख वाहनों का आना-जाना होता है। यहां पहले से ही शहरों में पंजीकृत वाहनों की संख्या सबसे अधिक है।
त्योहार में पांच से 10 प्रतिशत तक और हो जाती है वृद्धि
त्योहारों के दिनों में प्रदूषकों में और वृद्धि होने लगती है। 15 सितंबर से 29 अक्टूबर तक दिल्ली में प्रमुख सड़कों पर गूगल से आंकड़ों के अवलोकन पर वाहनों की गति में कमी का पता चलता है। इस दौरान सप्ताह के दिनों में सुबह की अधिकतम गति में 40.8 प्रतिशत जबकि शाम की गति में 57.9 प्रतिशत की गिरावट आई।वहीं, सप्ताहांत में सुबह की अधिकतम गति में 27.6 प्रतिशत और शाम की गति दो प्रतिशत कम हो गई। मतलब, दुर्गा पूजा वाले सप्ताह में पांच से आठ प्रतिशत और दीवाली से पहले की अवधि में सात से 10 प्रतिशत तक प्रदूषण और बढ़ गया।
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