दुनिया की सबसे बड़ी वॉल पेंटिंग हुई खराब, गिनीज रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने की उम्मीदें खत्म
दिल्ली में प्रगति मैदान के पास बनी दुनिया की सबसे बड़ी दीवार पेंटिंग खराब हो गई है। इसके खराब होने का कारण पानी का रिसाव है। जिससे पेंटिंग कई जगह से काली हो गई है। अब इस पेंटिंग के गिनीज रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने की संभावना नहीं है। पेंटिंग को बनाने वाले शिमला यूनिवर्सिटी के आर्ट के पूर्व प्रोफेसर हिम चटर्जी ने इस पर अपना बयान दिया है।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में शुरू की गई सुरंग सड़क में बनाई गई दुनिया की सबसे बड़ी वॉल पेंटिंग (Worlds largest wall painting) या दीवार पर बनी पेंटिंग खराब हो गई है। उकेरे गए चित्रों के बीच-बीच कई जगह दीवार काली हो चुकी है, पानी के रिसाव ने दीवार पर बनी पेंटिंग को बदसूरत बना दिया है। प्रगति मैदान में दुनिया में सबसे बड़े आउटडोर पब्लिक आर्ट वर्क के तौर पर गिनीज रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज कराने की तैयारी की जा रही थी, जो अब समाप्त हो गई है।
अब इस मुद्दे पर चर्चा ही समाप्त हो गई है। इस पेंटिंग को बनाने वाले शिमला यूनिवर्सिटी (Shimla University) के आर्ट के पूर्व प्रोफेसर हिम चटर्जी कहते हैं कि वर्षा से आर्ट वर्क को सीधे तौर पर नुकसान नहीं पहुंचा है और इसे इस तरह डिजाइन किया गया है कि मुख्य आर्ट वर्क खराब नहीं हो सकता है। मगर वह भी मानते हैं कि अब इस कार्य के गिनीज रिकॉर्ड्स ( Guinness world record) में नाम दर्ज कराने की संभावनाएं नहीं दिख रही हैं।
अभी दक्षिण कोरिया की इंचियान के नाम रिकॉर्ड दर्ज
उन्होंने बताया कि इसका निर्माण करने वाली कंपनी एलएंडटी के माध्यम से इसके लिए कोशिश की थी, मगर नियमों के अनुसार ऐसा नहीं किया जा सकता था, क्योंकि इस कार्य के लिए वही आवेदन कर सकता है, जिसने यह कार्य कराया है। इस कार्य के लिए वही अधिकृत है, जिसके तहत आईटीपीओ इसे कर सकता था। दुनिया में सबसे बड़े आउटडोर पब्लिक आर्ट वर्क के तौर पर अभी दक्षिण कोरिया की इंचियान के नाम यह रिकॉर्ड है।
जहां 23,688 वर्ग मीटर के क्षेत्र में पेंटिंग बनाई गई है। जबकि प्रगति मैदान की नीचे बनी सुरंग का काम पूरा होने के बाद यहां 98 हजार वर्ग मीटर के क्षेत्र में आर्टवर्क बनाया गया है। सुरंग सड़क से प्रगति मैदान के अंदर जाने और वापस आने वाले लूप में भी पेंटिंग का काम हुआ है।
यहां पेंटिंग में स्टील की चादरों पर कटिंग कर काफी काम किया गया है। सुरंग के भीतर बनी आर्ट को खूबसूरत बनाने के लिए सुरंग की दीवारों पर सबसे पहले तीन मिमी मोटी स्टील की चादर लगाई है, उसके ऊपर कटिंग के जरिये कलाकारी की गई है।
पेंटिंग पर आया सात करोड़ के करीब खर्च
पेंटिंग को लेकर सुरंग को छह हिस्सों में विभाजित किया गया है। हर एक हिस्सा भारत के अलग-अलग मौसम को दर्शाता है। जहां मौसम के हिसाब से सूरज और चांद के महत्व को दर्शाया गया है।
यह आर्ट वर्क भारत की छह मौसमों में जिंदगी पर आधारित है। यह पेंटिंग दीवार से करीब तीन से चार इंच उभरी हुई है,इसमें कुछ नुकसान नहीं है। मगर दीवार पर हाथ से की गई पेंटिंग पानी के रिसाव के कारण कुछ स्थानों पर खराब हुई है।
वह कहते हैं सरकार और एलएनटी पेंटिंग बचा कर रखें, यह एक बेहतरीन पेंटिंग है, पेंटिंग अच्छी नहीं दिखती है, तो गुजरने वालों को भी बुरा लगता है। प्रधानमंत्री ने तो इसे आर्ट गैलरी बना दिया था। कई देशों के प्रतिनिधि यहां देखने आ चुके हैं, जिन्होंने इसकी तारीफ की है।
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