Karisma Kapoor को जुबैदा से मिली सीखने की नई ललक, बायोपिक को कूल समझने वालों को दिया जवाब
करिश्मा ने कहा- जुबैदा मेरे लिए सबसे अलग फिल्म थी। इस फिल्म में मुझे ‘द’ श्याम बेनेगल के साथ काम करने का मौका मिला। उस फिल्म में वह मेरे लिए टीचर की तरह थे। उनका कहना था कि इससे पहले तुमने जो भी किया है मैं उसका सम्मान करता हूं लेकिन उन सब चीजों को भूलना पड़ेगा।
यह भी पढ़ेंः Bigg Boss 17 Who Is Navid Sole: कौन हैं बिग बॉस हाउस का 'अंग्रेजी बाबू', सलमान खान ने आते ही सीखा दी हिंदीजुबैदा मेरे लिए सबसे अलग फिल्म थी। इस फिल्म में मुझे ‘द’ श्याम बेनेगल के साथ काम करने का मौका मिला। उस फिल्म में वह मेरे लिए टीचर की तरह थे। उनका कहना था कि इससे पहले तुमने जो भी किया है, मैं उसका सम्मान करता हूं, लेकिन उन सब चीजों को भूलना पड़ेगा। मैं उनकी स्टूडेंट की तरह थी, नई चीजें सीखने के लिए लालायित थी।
किसी भी कलाकार के लिए यह बड़ी चीज होती है कि आप हमेशा एक स्टूडेंट की तरह सीखने के लिए तैयार रहते हैं। आज भी मेरे अंदर वही चीज है। जब मैंने ओटीटी शो (मेंटलहुड) किया, तब भी मेरी सोच यही थी कि मैं करिश्मा कपूर नहीं हूं, मैं भूमिका की गहराई में जाऊंगी। मैंने यह चीजें जुबैदा से सीखी थी।
आज के दौर के लोगों के लिए बायोपिक करना बहुत कूल बात है। अगर ऐसा है तो मैंने 20 साल पहले ही बायोपिक की थी। तब ऐसी फिल्मों के लिए आर्ट हाउस या सामानांतर सिनेमा जैसे शब्दों का प्रयोग किया जाता था।