Raksha Bandhan 2024: दिलीप कुमार-लता मंगेशकर से अशोक कुमार-वहीदा रहमान तक, कई सेलेब्स के बीच है अटूट बंधन
भाई-बहनें के रिश्ते का पावन पर्व रक्षा बंधन आने वाला है। इस फेस्टिवल को सिर्फ आम लोग ही नहीं बल्कि बॉलीवुड के कई सेलेब्स भी धूमधाम से मनाते हैं। आज हम आपको उन सेलेब्स के बारे में बताने वाले हैं जिनका जन्म भले ही एक मां की कोख से न हुआ हो लेकिन उन्होंने अपने राखी धर्म को हमेशा निभाया।
स्मिता श्रीवास्तव, नोएडा। रक्षाबंधन के त्योहार में बस दो दिन का समय बचा है। यह फेस्टिवल भाई-बहन के स्नेह, प्यार और विश्वास के अटूट बंधन का प्रतीक है। यह पर्व सिर्फ सगे भाई बहन को ही नहीं, बल्कि फिल्मी जगत को भी जोड़कर रखता है। आज हम आपको कुछ ऐसे ही सितारों के किस्से बताने जा रहे हैं, जिन्होंने सिर्फ रील में ही नहीं, बल्कि रियल लाइफ में भी इस रिश्ते को बखूबी निभाया।
मेरी छोटी बहन आई है
‘बहना ने भाई की कलाई पर प्यार बांधा है.’... भाई-बहन के अटूट बंधन को यह गाना बखूबी बयां करता है। रक्षाबंधन पर हर बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और उसके सुखी जीवन की कामना करती है। फिल्म इंडस्ट्री में भी कई सितारे ऐसे रहे हैं जिनका जन्म भले ही एक मां की कोख से न हुआ हो, लेकिन उन्होंने अपने राखी धर्म को हमेशा निभाया।
इनमें भारतीय सिनेमा के कोहिनूर दिलीप कुमार और स्वर कोकिला लता मंगेशकर के बीच अपने स्टारडम की चकाचौंध से परे भाई-बहन का रिश्ता था। उनके रिश्तों को लेकर दिलीप की पत्नी सायरा बानो ने कहा था कि दोनों के बीच सगे भाई-बहन से भी बढ़कर रिश्ता था। अपनी कार्य प्रतिबद्धताओं में व्यस्त होने के बावजूद लता, दिलीप के हाथ पर राखी बांधतीं और सायरा तोहफे में हर बार लता को उनकी पसंद की ब्रोकेड की साड़ी भेंट करती थीं।
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दिलीप कुमार को लेकर लता मंगेशकर ने एक किस्सा 'दिलीप कुमार: द सब्सटेंस एंड द शैडो' किताब में साझा किया है कि एक शाम वह लोग कल्याण जी-आनंद जी के यहां खाना खाने के लिए मौजूद रहे। वहां मेज पर पान सुपारी से सजी हुई एक तश्तरी रखी हुई थी। उन्होंने खाने के बाद वह तश्तरी उठाकर युसूफ भाई (दिलीप कुमार) को पान पेश कर दिया। अब तक प्रसन्न भाव से बैठे हुए दिलीप कुमार ने नाराजगी जताते हुए कहा कि यह ठीक नहीं है।
आज के बाद आप किसी को भी पान या सुपारी पेश नहीं करेंगी। आप मेरी छोटी बहन हैं। इस अधिकार से आपको यह कह दिया। तब लता खुश हुईं कि इंडस्ट्री में उनका ऐसा बड़ा भाई है, जो उनकी गरिमा का ध्यान रखते हुए उन्हें भरी महफिल में सही बात सिखा रहा है। बहरहाल, भाई-बहन का यह स्नेह से भरा बंधन अंत तक बना रहा।
भाई-बहन की मस्ती
सदाबहार अभिनेता संजीव कुमार को अभिनेत्री अंजू महेंद्रू राखी भाई मानती थीं। उन्होंने फिल्म 'जय ज्वाला' के दौरान उन्हें राखी बांधना आरंभ किया था। अंजू बताती हैं कि एक बार उन्होंने संजीव से कहा कि इस बार उन्हें रक्षाबंधन पर 500 रुपये नहीं बल्कि गोल्ड टिशू वाली साड़ी चाहिए। उस समय वो साड़ी करीब 2500 रुपये में आती थी। संजीव ने कहा पागल हो।
बाहर 10 और लोग राखी बांधने की कतार में हैं। अंजू ने कहा कि उन्हें फर्क नहीं पड़ता। उन्हें वैसी ही साड़ी चाहिए। संजीव ने अपनी खास शैली में कहा पैसे नहीं है। फिर अपना ब्रीफकेस उनकी तरफ कर दिया और देखने को कहा कि उसमें पैसे है या नहीं। उन्हें लगा कि अंजू उस ब्रीफकेस को खोलेंगी नहीं, लेकिन उन्होंने खोला जल्दी से एक गड्डी ले ली और खुशी- खुशी सीढ़ियों से नीचे की ओर भागी।
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जब वह ग्राउंड फ्लोर पर पहुंचीं और ऊपर देखा तो हरि (संजीव) ने बालकनी से उनका हजारों की कीमत वाला सोने का लाइटर लटकाया। फिर उन्होंने देखा कि हड़बड़ी में 100 रुपये की गड्डी लेने के बजाय उन्होंने 20 रुपये की गड्डी उठा ली है। अनिच्छा से वह अपना लाइटर लेने वापस गईं, लेकिन पैसों को वापस करने से मना कर दिया। वैसे अंजू उन्हें अक्सर तोहफे में परफ्यूम और कांच के फूलदान देती थीं।
रील ने बांधे पक्के धागे
दादा मुनि यानी अशोक कुमार और वहीदा रहमान ने फिल्म ‘राखी’ में भाई बहन की भूमिका अभिनीत की थी। इसमें अभिनय के लिए अशोक कुमार ने अपना पहला फिल्मफेयर अवार्ड जीता था। इस फिल्म से उन्हें बहन के रूप में वहीदा रहमान भी मिलीं। वह उन्हें हर रक्षाबंधन पर राखी बांधा करती थी। अगर वह गलती से भूल जाएं तो अशोक कुमार उन्हें फोन करके याद दिलाते कि आज कौन सा दिन है।
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वर्तमान पीढ़ी के सितारे भी इस परंपरा को निभाने में पीछे नहीं हैं। निर्देशक साजिद खान हर रक्षाबंधन पर शाह रुख खान की पत्नी गौरी खान से राखी बंधवाते हैं। अभिनेता पुलकित सम्राट की पूर्व पत्नी श्वेता रोहिरा हर साल सलमान खान की कलाई पर राखी बांधती हैं। वे इस बंधन की अहमियत को समझते भी हैं और निभाते भी हैं।