Mirzapur 3: मिर्जापुर नहीं, यूपी के इस शहर में है कालीन भैया की आलीशान कोठी, 100 साल से ज्यादा पुराना है इतिहास
मिर्जापुर सीरीज में ऐसी कई चीजें हैं जिसने लोगों का ध्यान खींचा है। इस शो में दमदार कहानी के साथ ही कालीन भैया की आलीशान कोठी ने भी लोगों को आकर्षित किया है। मिर्जापुर सीरीज में पंकज त्रिपाठी का जो घर दिखाया गया है क्या आप जानते हैं कि वह मिर्जापुर शहर में नहीं है। चलिये हम आपको बताते हैं त्रिपाठी कोठी का शानदार इतिहास।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। 'खेल आज भी वही बस मोहरे बदल गए।' 'मिर्जापुर' की गद्दी पर कभी कालीन भैया का राज हुआ करता था। मगर सीजन 3 में तख्तापलट होते-होते देर नहीं लगी। जिस 'मिर्जापुर' पर कालीन भैया का राज हुआ करता था, वहां अब गुड्डू पंडित (Ali Fazal) की हुकूमत चलती है। 10 एपिसोड की इस सीरीज में ऐसी कई जगहें दिखाई गई हैं, जो इस बात का संकेत देती हैं कि 'मिर्जापुर' की कहानी को यूपी के कई शहरों में कवर किया गया है।
कभी मिर्जापुर की गद्दी संभालने वाले कालीन भैया की 'त्रिपाठी कोठी' को अच्छे से शो में दिखाया गया है। इसे घर कम और किसी पैलेस की तरह ज्यादा दिखाया गया है। लेकिन हैरानी की बात ये है कि कालीन भैया की ये कोठी मिर्जापुर में नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के ही एक दूसरे शहर में है।
(फोटो क्रेडिट- मिर्जापुर अमेजन इंस्टाग्राम)
कहां है 'कालीन भैया' की कोठी?
त्रिपाठी कोठी, मिर्जापुर सीरीज में वह जगह है, जहां कालीन भैया अक्सर बैठक का आयोजन किया करते थे। सीरीज में घर में एक बड़ा बरामदा दिखाया गया, जहां कालीन भैया बैठते थे और अपनी बैठक करते थे। वह यहां मिर्जापुर के अपने लोगों की समस्याएं सुनते थे और यहीं बैठ तय करते थे कि आगे क्या करना है। तो क्या आप जानते हैं कि कालीन भैया की कोठी असल में कहां पर है?
(फोटो क्रेडिट- अजमतगढ़ पैलेस फेसबुक)
अगर आपने 'मिर्जापुर 3' देखा है, तो आपने देखा होगा कि गुड्डू भैया, कालीन भैया के ही घर में बैठक का आयोजन करते है। पूरे शो में त्रिपाठी कोठी को ऐसे दिखाया गया है, मानो वह एक पैलेस हो।
आपको बता दें कि 'मिर्जापुर' की त्रिपाठी कोठी असल में पैलेस ही है। जिसे कालीन भैया का घर दिखाया गया है, वह वाराणसी का अजमतगढ़ पैलेस है। इसे मोती झील के नाम से भी जाना जाता है।
यह भी पढ़ें: नई न्याय संहिता की उलझनों में घिरा सिनेमा और ओटीटी, 'मिर्जापुर' सीरीज को लेकर क्या बोले विनोद अनुपम
(फोटो क्रेडिट- मिर्जापुर अमेजन इंस्टाग्राम)
जानें 'त्रिपाठी कोठी' का इतिहास
'त्रिपाठी कोठी' के कारण ही अजमतगढ़ पैलेस का एक तरह से डिजिटल टूर देखने को मिला है। अगर इतिहास के पन्नों को पलट कर देखें, तो पता चलेगा कि बनारस के इस शानदार पैलेस को किसने और कब बनवाया था। अजमतगढ़ पैलेस को राजा मोती चंद ने बनवाया था। इसका निर्माण 1904 से 1908 के बीच हुआ था।
(फोटो क्रेडिट- अजमतगढ़ पैलेस फेसबुक)
राजा मोती चंद ने जब इस पैलेस का निर्माण करवाया, तो इसका नाम अजमतगढ़ रखने के पीछे एक खास कारण है। दरअसल, वह उसी दौरान अपने परिवार के आजमगढ़ के अजमतगढ़ से वाराणसी शिफ्ट हुए थे। इस कारण उन्होंने इस पैलेस का नाम भी अजमतगढ़ के नाम पर ही रख दिया। ज्यादातर ये पैलेस अंदर से ग्रीन और येलो के कलर में पेंट है।
(फोटो क्रेडिट- अजमतगढ़ पैलेस फेसबुक)
हो चुकी है कई फिल्मों की शूटिंग
अजमतगढ़ पैलेस मुंबई से आए सितारों के लिए शूटिंग के लिहाज से नई जगह नहीं है। यहां विकास खन्ना की डायरेक्टोरियल 'द लास्ट कलर' की शूटिंग हो चुकी है। इसकी मुख्य पात्र 'पंचायत' की महिला प्रधान यानी नीना गुप्ता (Neena Gupta) थीं।
(फोटो क्रेडिट- अजमतगढ़ पैलेस फेसबुक)
इसके अलावा प्रतीक बब्बर की इश्क फिल्म के गाने की शूटिंग भी इसी जगह हुई है। मिर्जापुर सीरीज की अधिकांश शूटिंग उत्तर प्रदेश में ही हुई है। जहां त्रिपाठी चौक दिखाया गया है, उसे रामनगर किले पर शूट किया गया है। वाराणसी के गौरवशाली घाटों को भी 'मिर्जापुर' में दिखाया गया है, जो इसकी कहानी में नया रंग जोड़ते हैं।
यूपी के इन शहरों में भी हुई शूटिंग
'मिर्जापुर' की शूटिंग लखनऊ में भी हुई है। नवाबों का शहर कहा जाने वाला लखनऊ अपनी वास्तुकला और चिकनकारी कढ़ाई के लिए जाना जाता है। शो के दूसरे सीजन में जिस जगह गुड्डू अपनी बहन डिंपी से मिलने जाते थे, वह जगह नॉवेल्टी एमजीएस सिनेमा के पास है। इसके अलावा कुछ हिस्सों की शूटिंग प्रयागराज और गोरखपुर में भी हुई है।
यह भी पढ़ें: Mirzapur 3 dialogues: 'कालीन भैया गॉन गुड्डू पंडित ऑन', मिर्जापुर-3 के ये 5 डायलॉग्स हर फैंस की जुबां पर चढ़ें